अमरावती-दि.23 जीवन यह अच्छी तरह से जीने के लिए हर स्थिति सामना करना जरूरी है. जीवन यह मनुष्य को मिली अमूल्य भेंट है. इसे अच्छी तरह से जीना चाहिए. प्रत्येक के जीवन में सुख- दुख, खुशी, तनाव, आशा, निराशा, उतार चढाव आते है उसी को जीवन कहते है. परंतु कुछ लोग परेशान होकर जीते है और निराशा की खाई में गिरते है. ऐसे लोगों को बार- बार आत्महत्या के विचार सताते है. यह विचार अत्यंत क्षणिक होता है उससे सावधान होकर हम अपने आपको बचा सकते है.
अभ्यासको के मतानुसार आत्महत्या करनेवाले को निरंतर यह विचार सताते रहते है और वह अलग ही तरीके से जीता है उसके बोलने, चलने व व्यवहार और बातों में बदलाव होता है. वह कब आत्महत्या करेगा यह लोगों को महसूस नहीं होने देता. परंतु उसकी बारिकी हलचले से हम पहचान सकते है. इसलिए ऐसे व्यक्ति बिना बताए आत्महत्या करते है. आत्महत्या के अनेक कारण होते है. जैसे मनुष्य-मनुष्य में प्रतियोगिता, पद, पैसा, प्रसिध्दी, प्रेम भावना, प्रेम भंग, द्बेष, लालसा इस प्रकार की विविध बाते मन में बिठाकर तथा उससे छुटकारा पाने के लिए वह आत्महत्या कर सकता है. ऐसे व्यक्ति को समुपदेशन की आवश्यकता होती है. परंतु समय पर इस प्रकार का समुपदेशन नहीं मिलता तो वह आत्महत्या कर लेता हैै.
आत्महत्या का सबसे बडा कारण अज्ञानता है. यह निर्णय बिना विचार कर किया जाता है. यदि हम इस बात पर विचार करे तो किसी पर भी आत्महत्या की नौबत नहीं आती. अत: प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन से संघर्ष करना चाहिए और बिना चिंता किए जो अपना काम है उसे करते रहना चाहिए. हर स्थिति में खुश रहना चाहिए. यही तो जीवन है. आत्महत्या का विचार भी कभी मन में नहीं लाना चाहिए.
महेश बुंदे