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बीच सड़क के पौधे जले, चौराहों की हरियाली भी गायब

तेज धूप के साथ लापरवाही का नतीजा

* कहां गए सड़क मैंटनन्स के जिम्मेदार
अमरावती/दि.17- तेज धूप ने जनजीवन को प्रभावित कर रखा है. मानसून भी नखरे दिखा रहा है. लगातार विलंब हो रहा है. अमरावती शहर के रामभरोसे होने का आरोप कांग्रेस नेता ने किया था. शहर में साफ सफाई की भी बड़ी समस्या अनेक भागों से शिकायतें मिल रही है. किन्तु पेड़ पौधों का रखरखाव तो बिल्कुल ही उपेक्षित हो गया है. जिसके कारण सुंदरता बढ़ाने का दावा करने वाली मनपा और लोकनिर्माण विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. उनके मैंटनन्स ठेकेदार आखिर कर क्या रहे?
* इर्विन चौक पर हरियाली सूखी
जिले के सबसे बड़े अस्पताल के कारण यह चौराहा इर्विन चौक कहा जाता है. जबकि डॉ. बाबासाहब आंबेडकर का नाम चौक को दे दिया गया. बोर्ड भी लग गया. किन्तु नाम के बोर्ड के ठीक नीचे और पीछे की हरियाली तेज धूप की वजह से सूख गई. उस पर किसी का ध्यान नहीं गया. गर्मी तो हर साल पड़ती है. विदर्भ हाट कहलाता आया है. फिर भी 40-42 डिग्री तापमान का अंदाजा रहता ही है. ऐसे में हरियाली बचाने की जिम्मेदारी किसकी थी, क्यों नहीं बराबर पानी दिया गया? जैसे सवाल पब्लिक पूछ रही है. वहां शहीद ए आजम भगतसिंह का भी स्मारक है. उसके इर्द गिर्द की हरियाली गायब हो गई है. सूखी घास इन शहीदों का मान बढ़ाने की जगह कम कर रही है. मगर मनपा को इससे क्या?
* जल गए डिवाइडर के पौधे
सड़क चौड़ी करने के बाद दुर्घटनाएं रोकने डिवाइडर बनाए गए. उनमें पौधे लगाए गए ताकि सुंदरता बढ़े. पौधों की रखवाली की जिम्मेदारी पता नहीं किसके भरोसे थी, सारे पौधे जो अच्छे खासे मध्यम आकार के पेड़ बन गए थे, सूख गए. अधिक उचित शब्द होगा कि जल गए. क्या गर्मी अचानक आ गई? तेज धूप तो हर बार इस सीजन में रहती है. ऐसा नियोजन मनपा या लोनिवि ने क्यों नहीं किया? स्टेशन-इर्विन सड़क हो या हमालपुरा रोड, कैम्प रोड, सभी जगहों पर पौधे सूख,जल गए हैं. अब नया पौधारोपण करना पड़ेगा. देखभाल के अभाव के कारण यह नौबत आयी है.

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