अमरावतीमुख्य समाचार

शहरवासियों का सुंदर प्रतिसाद, युवा भी उमडे

ब्रह्मकुमाारी संस्थान ने बताया शिवरात्रि पर्व का महत्व

* राजापेठ में सजी प्रदर्शनी और झांकियां
* सीतादीदी के आवाहन पर जुटे गणमान्य
अमरावती/दि.18- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय अमरावती व्दारा आज 18 फरवरी से राजापेठ में मंत्री मोटर्स के सामने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी प्रागंण में महाशिवरात्री पर्व का दिव्य आयोजन आरंभ हो गया है. जिसमें परमात्मा शिव के दिव्य अवतरण और महाशिवरात्रि पर्व की महत्ता को शहरवासियों को समझाने का प्रयास हो रहा है. गणमान्य सहित अंबानगरी के जन-जन ने ब्रह्माकुमारिज के आवाहन को सुंदर सकारात्मक प्रतिसाद दिया. युवा वर्ग भी बडी संख्या में उस दिव्य पंडाल में पहुंचा जहां शिव और शिवरात्रि के महत्व को विषद करने के साथ अत्यंत सुंदर एवं दुलर्भ चित्र प्रदर्शनी भी लगाई गई है. ब्रह्मकुमारिज की पूज्य सेविकाएं इन चित्रों का शहरवासियों को महत्व बता रही है. उल्लेखनीय है कि अमरावती जिला संयोजिका और राजयोगिनी सीतादीदी के कल्पना से यह अनूठा आयोजन कदाचित पहली बार किया गया है.
शिव की प्रतिमा पर तीन रेखाएं और एक बिंदू किस बात का संकेत है, शिव का अवतरण रात्री में ही क्यों आदि प्रश्नों के और शिव के अद्भूत एवं सत्य रहस्य को बताया जा रहा है. इस समय विधायक रवि राणा, पूर्व महापौर विलास इंगोले, प्रदीप हिवसे, गुजराती समाज अध्यक्ष दिलीप भाई पोपट, डॉ. अविनाश चौधरी, राजेशभाई, तुलसीभाई, दिलीपभाई कोटक, सचिदानंदभाई, अमितभाई, सुनील राठी, संदीप करवा, प्रमोदभाई, अमरनाथभाई, माणिक नेमाडे, नंदू ठावली, स्वप्नील सोनोने, सुनील मानेकर, विशाल तापडिया, जयाबेन डहाके, नीलेश ठाकुर, निर्मलभाई कोटवानी, विशालभाई कारिया, विनोद सिकची, कदमभाई, अरुणभाउ भाकले, सुनील भूरे, नीलेशभाई लालवानी, नरेशभाई गाडबैल, अरविंद भाई धारपल, बुर्‍हानभाई, श्रीधर होशंगाबादे, रविभाई, दीपकभाई घाटे आदि की उपस्थिति रही.
* शिव तांडव नृत्य नाटिका
शिव तांडव नृत्य नाटिका की प्रस्तुति कुमारी स्पृहा, कुमारी रिदीमा काले, पल्लवी राठी ने दी. उपस्थितों को मुग्ध कर दिया. कार्यक्रम अंतर्गत भक्तों ेन राजयोग मेडिटेशन कोर्स प्रदर्शनी व चित्र प्रदर्शनी एवं योग अनुभूति का प्रत्यक्ष लाभ भी लिया. लेझर शो में ब्रह्मा बाबा के जीवन पर विस्तार जान लिया. सभी को महाप्रसाद का वितरण ब्रह्माकुमारी राजयोगिनी सीतादीदी के हस्ते किया गया. ब्रह्मा, विष्णु, महेश झांकी में बच्चों का समावेश सभी को लुभा गया.
* बुराइयां शिव पर अर्पण करें
सीतादीदी ने कहा कि, जीवन की बुराइयां शिव पर अर्पण करना ही सच्ची शिवरात्री मनाना है. महाशिवरात्री पर्व अनेक अध्यात्मिक रहस्यों को समेटे हुए है. यह पर्व सभी पर्वो में महान और श्रेष्ठ है, क्योंकि शिवरात्री परमात्मा के दिव्य अवतरण का महापर्व है. हम शिवालयों में अंक-धतुरा, भांग आदि अर्पित करते है. इसके पीछे रहस्य यह है कि जीवन में जो कांटों के समान बुराइयां है, गलत आदतें है, गलत संस्कार है, गलत सोच को आज के दिन शिव पर अर्पण कर मुक्त हो जाए. एक बच्चे का हाथ जब उसके पिता पकडकर चलते है तो, वह निश्चिंत रहता है. इसी प्रकार हम भी यदि स्वयं को परमात्मा को सौंपकर जीवन में चलते है तो सदा निश्चिंत रहते है. विश्व की मनुष्य आत्माओं को सहज राजयोग की शिक्षा दे रहे हैं.
उन्होंने बताया कि कल 19 फरवरी को सुबह 9 बजे से रात 10 बजे तक लेझर शो, योग अनुभूति, बारा ज्योतिलिंग चित्र, अध्यात्मिक चित्र प्रदर्शनी भी प्रमुख आकर्षण रहेंगे. अधिकाधिक संख्या में लोगों से सहभागी होने कहा गया है. बडी संख्या में सामान्य महादेव भक्त ब्रह्माकुमारिज के आयोजन में उमडने का नजारा आज वहां रहा.

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