अमरावती/ दि.15– बढते तापमान की वजह से उष्णता की लहर चल रही है. जिसकी वजह से संतरा बागानों को नुकसान हो रहा है. तीव्र उष्णता के चलते आंबिया बहार के संतरा फल गलकर टपक रहे है. पिछले साल तेज धूप पडने के चलते संतरे की कलम सूख रही थी और पत्ते भी झड रहे थे.
इसके लिए कलम 2 से 3 फुट की दूरी पर लगाये व 10 से.मी. थर की छांव करे. तीनों ही ओर से हरी नेट बांधे और पत्तों के झडने को रोकने के लिए 100 लीटर पानी में पोटेशियम नायट्रेट घोलकर 20 से 25 दिन के अंतर से छिडकाव करे. ऐसी जानकारी पंजाबराव कृषि विद्यापीठ प्रादेशिक संशोधन केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनिल ठाकरे ने दी.
* केओलीन का छिडकाव आवश्यक
वाष्परोधक का इस्तेमाल करने से पेडों के पत्ते झडने में कमी आयेगी. इसके लिए दो प्रतिशत तीव्रता वाले केओलीन अथवा एक प्रतिशत तीव्रता वाले पोटेशियम नायट्रेट का छिडकाव करे. 10 साल से अधिक वाले पेडो को ठिंबक द्बारा 160 से 198 लीटर व उससे कम वाले पेडों को 144 से 178 लीटर पानी दे तथा फलों पर काले दाग पड रहे हो या फिर संतरा गल रहा हो तो कॉपर ऑक्सीक्लोराईड 30 ग्रॅम 10 लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करे.
ठिबक सिंचन व बोर्डो पेस्ट लगाए
ठिबक की वजह से पानी का अपव्यय नही होता है. अधिक क्षेत्र की सिंचाई की जा सकती है. इसके अलावा रासायनिक खाद भी डाला जा सकता है. पेडों में पानी का प्रमाण कम होने पर पेडों की छाल तडकने लगती है. ऐसे में बुरश्ीा रोग से सुरक्षा हेतु बोर्डो पेस्ट लगाए. जिसकी वजह से तापमान भी कम होगा और सूर्य किरण भी परिवर्तित होगी.