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अमरावती में हर साल बिकती है २८ लाख लीटर बीयर

  • अप्रैल, मई, जून में होती है बीयर की सर्वाधिक खपत
  •  बीयर पीने के शौकीन आजमाते है कई तरह के ब्राण्ड
  •  आज अंतर्राष्ट्रीय बीयर दिवस पर विशेष

अमरावती/प्रतिनिधि/दि.७ -आज शुक्रवार ७ अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय बीयर दिवस है. इस समय विश्व का शायद ही कोई ऐसा देश होगा, जहां अलग-अलग तरह के ब्राण्ड व स्वादवाली बीयर न पी जाती हो. बीयर पीनेवाले लोगों का भी अपना एक अलग क्लास है और इस क्लास में शामिल रहनेवाले लोग अपनी जिंदगी के विभिन्न मौकों को सेलिब्रेट करने के लिए बीयर जरूर पीते है. शराब की ही श्रेणी में रहनेवाली किन्तु शराब से काफी अलग मानी जाती बीयर को पीना धीरे-धीरे अब भारतीय समाज व्यवस्था में भी मान्यतापूर्ण स्थान प्राप्त करने लगा है. यहीं वजह है कि, अमरावती जिले में सालाना करीब २८ लाख लीटर शराब की खपत होती है. इसमें भी गर्मी के मौसम यानी अप्रैल, मई व जून माह के दौरान बीयर की सर्वाधिक खपत होती है और मई माह को तो बीयर की बिक्री के लिहाज से ‘पीक पीरियड‘ माना जाता है. यदि वर्ष २०१९-२० में १ अप्रैल २०१९ से ३१ मार्च २०२० तक के आंकडों को देखा जाये तो पता चलता है कि, इस दौरान २७ लाख ९७ हजार १६१ लीटर बीयर की अमरावती जिले में बिक्री हुई. वहीं यह आंकडा वर्ष २०१८-१९ के दौरान २६ लाख ४२ हजार लीटर था. ऐसे में कहा जा सकता है कि, हाल ही में खत्म हुए आर्थिक वर्ष में गत वर्ष की तुलना में बीयर की बिक्री में ५.८७ प्रतिशत की वृध्दि हुई है. इस संदर्भ में हासिल किये गये आंकडों के मूताबिक गर्मी के महिने छोडकर शेष नौ माह के दौरान जिले में प्रतिमाह औसतन डेढ से दो लाख लीटर बीयर की बिक्री होती है. वहीं गरमी के मौसम में यह खपत बढकर दो गूना हो जाती है. बीते आर्थिक वर्ष के दौरान अप्रैल माह में ३ लाख ९४ हजार ७६२ लीटर, मई माह में ४ लाख ५८ हजार ६६९ लीटर तथा जून माह में ३ लाख ८७ हजार ५१ लीटर बीयर की बिक्री हुई थी. हालांकि विगत आर्थिक वर्ष की समाप्ती के साथ ही कोरोना के चलते लॉकडाउन जारी हो गया. जिसके तहत पूरे अप्रैल माह में सभी वाईनशॉप, बीयरशॉपी व परमिट रूम बंद रहे. ऐसे में अप्रैल माह के दौरान बीयर की कोई बिक्री नहीं हुई, लेकिन मई माह से लॉकडाउन में शराब व बीयर की बिक्री को छूट मिलते ही मई माह के दौरान १ लाख ३४ हजार ३५९ तथा जून माह के दौरान १ लाख ९२ हजार ९७५ लीटर बीयर की बिक्री हुई. ऐसे में कहा जा सकता है कि, लॉकडाउन में अंशत: ढील मिलने के साथ ही बीयर प्रेमियों में अपने पसंदीदा पेय को लेकर मांग बढने लगी है.

* औरंगाबाद में सर्वाधिक बीयर कारखाने
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, फॉस्टर बीयर का उत्पादन करनेवाली एवं समूचे विश्व में फॉस्टर बीयर की बिक्री करनेवाली ऑस्ट्रेलियन कंपनी ने अपने बीयर की बॉटलिंग का प्लांट शुरू करने हेतु जब भारत में सर्वे कराया, तो इस सर्वे में पाया गया कि, औरंगाबाद का पानी बीयर उत्पादन के लिहाज से सबसे बेहतरीन है. जिसके चलते फॉस्टर कंपनी ने औरंगाबाद में अपनी बीयर के उत्पादन और बॉटलिंग का प्लांट स्थापित किया. इसके बाद इसी सर्वे को ध्यान में रखते हुए औरंगाबाद में और भी अलग-अलग ब्राण्डसवाली बीयर कंपनियां ने अपने प्लांट स्थापित किये. जिनमें हैवर्डस्-५०००, खजुराहो व बडवाईजर जैसी कंपनियों का समावेश है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, महाराष्ट्र का औरंगाबाद जिला समूचे देश का एकमात्र ऐसा जिला है, यहां एक साथ कई ब्राण्डस् की बीयरों का उत्पादन होता है. हालांकि विदर्भ क्षेत्र के नागपुर में भी बीराबूम नामक ब्राण्डवाली बीयर का बॉटलिंग प्लांट है और यह ब्राण्ड भी बीयर मार्केट में अच्छाखासा प्रदर्शन कर रहा है.

* दो टाईप की होती है बीयर
बता दें कि, बाजार में माईल्ड व स्ट्राँग ऐसे दो टाईप की बीयर बिक्री हेतु उपलब्ध होती है. जिसमें से माईल्ड बीयर में अल्कोहोल का प्रमाण एक प्रतिशत से कम होता है. वहीं स्ट्राँग बीयर में यह प्रमाण एक प्रतिशत कुछ अधिक होता है. अमूमन लोगबाग जश्न जैसे मौकों पर स्ट्राँग बीयर का सेवन करना पसंद करते है. वहीं पारिवारिक पार्टियां, ऑफिशियल मीटिंग पार्टियों में माईल्ड बीयर के सेवन को प्राथमिकता दी जाती है.

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