अमरावती

मधुमक्खियां मित्र है, उनका जतन करें

रासायनिक छिडकाव की वजह से लुप्त होने की कगार पर

चिखलदरा/प्रतिनिधि दि.२१ – आयुर्वेद में शहद का बडा ही महत्व है. पारंपरिक पद्धति से मधुमक्खियों का पालन कर पूरक व्यवसाय चिखदरा परिसर में पिछले कुछ वर्षो से शुरु है. मधुमक्खियों व्दारा शहद दिया जाता है. जिसमें इन मधुमक्खियों का जतन करना आवश्य है. किंतु विविध फसलों पर किसानों व्दारा रासयनिक छिडकाव किए जाने की वजह से मधुमक्खियों की जान को खतरा निर्माण हो रहा है. इन मधुक्ख्यिों को बचाना आवश्य है. मधुक्खियां किसानों के लिए उपयोगी है.
मधुमक्खी पालन से रोजागार निर्मिती को चालना मिलेगी और यह किसानों के लिए पूरक उद्योग है. जिससे ग्रामीण क्षेत्र के युवा बेरोजगारों को भी रोजगार उपलब्ध हो सकेगा. मधुमक्खियों को किसानों का मित्र भी कहा गया है. चिखलदरा परिसर में पिछले कुछ वर्षो से यह व्यवसाय किया जा रहा है जिससे बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है.

  • मधुमक्खियों को बचाना जरुरी

मधुमक्खियों की वजह से हमें शहद मिलता है और वे किसानों की मित्र है. किंतु आज रासायनिक औषधियों के छिडकाव की वजह से मधुमक्खियों की प्रजाति लुप्त होने की कगार पर है. शहर की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी गति अधिक है. मधुमक्खियों को बचाना काल की आवश्यकता है.
– डॉ. जयंत वडतकर, पर्यावरण अभ्यासक

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