अमरावतीमहाराष्ट्र

प्रयागराज कुंभमेला शुरू होने के पूर्व हमारा विदर्भ कुंभ हुआ प्रारंभ

रुक्मिणी महोत्सव में 550 से अधिक संत-महंतों की उपस्थिति

* जगद्गुरु श्री रामराजेश्वराचार्य जी का उत्साह से मनाया जन्मोत्सव
* विदर्भ में अध्यात्म और समरसता का ऐतिहासिक आयोजन
* मां वैशिष्ठापूजन एवं गंगा महाआरती
अमरावती/दि.13-प्रयागराज कुंभमेला शुरू होने के पूर्व हमारा विदर्भ कुंभ शुरू हुआ है. सम्पूर्ण भारत से अन्य अनन्य तीर्थक्षेत्र से इस पतित पावन भूमि पर 550-600 साधु संत आगंतुक होकर आने चरणरज द्वारा अपने पदस्पर्श से इस भूमि को पवित्र कर रहे है. 13 जनवरी से कुंभ की शुरुआत हो रही है. 14 जनवरी को संतों का प्रथम शाही स्नान होने जा रहा है, लेकिन हमारे कौंडण्यपुर क्षेत्र में मां वशिष्टा अर्थात मां गंगा का स्नान भी यहा हो रहा है. तो कुंभ के पूर्व इस महायोग से हम विदर्भवासी गौरवान्वित महसूस कर रहे है, इस आशय का गौरवपूर्ण कथन जगद्गुरु श्री रामराजेश्वराचार्य जी ने किया. पूजनीय जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामराजेश्वराचार्य जी का जन्मोत्सव एवं विदर्भकन्या माताश्री रुक्मिणी महोत्सव का आयोजन गुरुवार 12 दिसंबर को विदर्भ क्षेत्र में भव्य-दिव्य रूप से मनाया गया. इस अवसर पर आयोजित महापर्व में वे बोल रहे थे.
इस आयोजन ने सनातन धर्म की गौरवशाली परंपराओं का उत्सव होने के साथ-साथ समाज में समरसता और सद्भावना का संदेश भी प्रसारित किया. महोत्सव में समुचे देश से करीब 550 से अधिक संत एवं महंतों की उपस्थिति रही. संतों के पावन चरण स्पर्श से विदर्भ की भूमि पर कुंभ का प्रारंभ होने की अनुभूति हुई.
मुख्य कार्यक्रम की शुरुआत 11 दिसंबर को हुई. शाम 7 बजे मां वैशिष्ठापूजन एवं गंगा महाआरती हुई. इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने आध्यात्मिकता और भक्ति का दिव्य अनुभव किया. इसके पश्चात रात 9.30 बजे भक्ति संगीत कार्यक्रम में जितु पाखरे की मधुर वाणी में प्रस्तुति भजनों ने संपूर्ण परिसर को भक्तिमय कर दिया. गुरुवार 12 दिसंबर को सुबह 8 बजे माताश्री रुक्मिणी देवी की रथयात्रा निकाली गई. इस पवित्र रथयात्रा में विदर्भ के कई प्रसिद्ध दिन्डी पथक शामिल हुए. पूजनीय जगद्गुरु स्वामी जी का व्यासपीठपर दोपहर 12 बजे भव्य आगमन हुआ. इस अवसर पाद्यपूजन के पश्चात स्वामी जी अमृतवाणी में प्रबोधन हुआ. इस अवसर पर श्रद्धालु बडी संख्या में उपस्थित थे. सभी भक्तों ने जगद्गुरु श्री रामराजेश्वराचार्य जी समर्थ माउली सरकार को जन्मदिन की शुभकामनाएं देकर उनका आशीर्वाद लिया. श्री रुक्मिणी पीठ प्रांगण में सभी भक्तों के लिए महाप्रसाद की विशेष व्यवस्था की गई थी. इस अद्वितीय आयोजन में श्रद्धाुओं ने सहभागी होकर पूजनीय जगद्गुरु स्वामी जी के दर्शन एवं विचार प्रबोधन का लाभ उठाया. जगद्गुरु के जन्मोत्सव व रुक्मिणी महोत्सव के आयोजन से आध्यात्मिकता, समरसता और भक्ति का अनोखा संगम दिखाई दिया.

परिवार एक है तो सेफ है
जगद्गुरु श्री रामराजेश्वराचार्य स्वामी जी ने आगे कहा कि, शिष्य धनदान देता है, योगदान देता है, अपना समयदान देता है लेकिन अच्छा गुरु शिष्यों को नाम दान देते है. इसलिए मैं जगद्गुरू आपको, श्री राम जय राम जय जय राम ये नामदान देता हूं. हम हिंदू है, हम सनातनी है, हम सभी संस्कृति को अपनाते है. हम शेर है, और एक शेर में ही कलेजा हो सकता है जो भारत के बाहर की हो या अंदर की सारे संस्कृति और धर्मों उचित सम्मान करे. जो हमें अपनाएगा हम उसेही अपनाएंगे. जो हमें आंख दिखाने की कोशिश करेगा हम उसे आंख दिखाएंगे. हम आस्था से नहीं घट रहे, धर्म से नहीं घट रहे. बाकी घर घर से भाई भाई बट रहे. परिवार एक है तो सैफ है.

इन गणमान्यों की रही विशेष उपस्थिति
महामंडलेश्वर श्री राधे राधे बाबा, इंदौर -संयुक्त राष्ट्रीय महामंत्री, अखिल भारतीय संत समिति के श्री महंत जगदीशदासजी महाराज, दिल्ली से स्वामी अनिल आनंद जी, भोपाल -प्रदेश कार्यकारि महामंत्री, अखिल भारतीय संत समितिस्वामी हनुमानदास जी, भोपाल – महामंत्री, अखिल भारतीय संत समिति.

जनप्रतिनिधियों ने लिया आशीर्वाद
मोर्शी विधानसभा से नवनिर्वाचित विधायक चंदू यावलकर ने स्वामीजी का पाद्यपूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया. इस अवसर पर पूर्व महापौर विलास इंगोले एवं पूर्व पालकमंत्री जगदीश गुप्ता ने भी स्वामीजी का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया.

पुस्तक का विमोचन
इस अवसर पर जगद्गुरु की शिष्या एवं लेखिका नवनीत तड़गे द्वारा लिखित मां एक अनुभूति इस पुस्तक का विमोचन जगद्गुरु स्वामी श्री रामराजेश्वराचार्य के हाथों किया गया.

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