बेवजह विवादों में घेरा जा रहा मनपा शाला क्र. 9 को
पूर्व पार्षद कलंदरोद्दीन ने आयुक्त आष्टीकर से मिलकर लगायी गुहार
* अफजल चौधरी के आरोपों को सिरे से नकारा
अमरावती/दि.20– पूर्व पार्षद कलंदरोद्दीन ने गत रोज मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर से मुलाकात करते हुए बताया कि, नूर नगर परिसर में किसी भी गरीब घर का कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे, इस बात के मद्देनजर वर्ष 2007 में नूर नगर परिसर में मनपा शाला क्र. 9 की शुरूआत की गई थी और खुद उन्होंने इस शाला का विकास करते हुए शाला में मनपा के जरिये बुनियादी सुविधाये उपलब्ध करायी थी. उनकी मेहनत को देखते हुए परिसरवासियोें द्वारा इस मनपा शाला को कलंदरोद्दीन स्कुल भी कहा जाता है. किंतु इन दिनों कुछ लोगों द्वारा अपने व्यक्तिगत हितों के लिए बेवजह ही इस स्कुल को विवादों में घसीटा जा रहा है तथा पूरी ईमानदारी के साथ अपना काम करनेवाले मुख्याध्यापक मोहम्मद जावेद पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये जा रहे है, जो पूरी तरह से गलत है.
निगमायुक्त डॉ. आष्टीकर को सौंपे गये ज्ञापन में पूर्व पार्षद कलंदरोद्दीन ने बताया कि, जब से अफजल चौधरी की बेटी सीमा सहर जिप शिक्षा विभाग से स्थलांतरित होकर नूर नगर परिसर स्थित अलबदर मनपा उर्दू शाला क्र. 9 में आयी है, तब से स्कुल का अनुशासन अस्त-व्यस्त हो गया है. शिक्षिका सीमा सहर द्वारा मनमाने ढंग से काम करते हुए रोजाना देर से आना, बिना आवेदन दिये स्कुल में अनुपस्थित रहना, आये दिन पालकों तथा मुख्याध्यापक से विवाद करना रोज की बात हो गई थी. ऐसे में कई अभिभावकों तथा मुख्याध्यापक सहित प्रभाग के मनपा सदस्य ने तत्कालीन आयुक्त से मिलकर सीमा सहर के बारे में शिकायत की थी. जिसके चलते तत्कालीन आयुक्त ने सीमा सहर का तबादला किसी अन्य शाला में कर दिया था. यहीं वजह है कि, पुराने आयुक्त का तबादला होने के बाद नये आयुक्त के अमरावती आते ही अफजल चौधरी ने इस बेहतरीन स्कुल और मुख्याध्यापक जावेद को बदनाम करने का प्रयास शुरू कर दिया. इस ज्ञापन में बताया गया कि, जब भी मनपा में किसी नये आयुक्त की नियुक्ति होती है, तो अफजल चौधरी द्वारा मनपा शाला क्र. 9 व मुख्याध्यापक जावेद के खिलाफ झूठी शिकायतें दर्ज करायी जाती है. जबकि विगत 14 वर्षों के दौरान इस स्कुल और मुख्याध्यापक जावेद को लेकर किसी भी अन्य व्यक्ति द्वारा कोई शिकायत दर्ज नहीं करायी गई. यानी केवल अफजल चौधरी को ही इस स्कुल और यहां के मुख्याध्यापक से समस्या है. जबकि खुद अफजल चौधरी की बेटी सीमा सहर के खिलाफ वर्ष 2014 में नांदगांव पेठवासियों की ओर से गांव के सरपंच द्वारा अमरावती पंचायत समिती में शिकायत दर्ज करायी गई थी. अत: बेहद जरूरी है कि, पुरे मामले की निष्पक्षतापूर्वक जांच की जाये तथा मनपा की एक बेहतरीन शाला व इमानदार मुख्याध्यापक को बदनाम करनेवाले व्यक्ति के खिलाफ कडी कार्रवाई की जाये.