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पालकों के टीकाकरण की जवाबदारी शिक्षकों पर
अमरावती/दि.30 – आदिवासी विकास विभाग अंतर्गत शासकीय अनुदानित आश्रम शालाएं मंगलवार से शुरु कर दी गई है. आश्रम शालाओं में पहले दिन शिक्षकों की उपस्थिति शत प्रतिशत थी. किंतु विद्यार्थियों के अभाव में आश्रम शालाएं सुनी पडी थी. इसी दौरान अमरावती विभाग के सात प्रकल्पों के शिक्षकों के वैक्सीन का पहला डोज निपटने के पश्चात अब दूसरे डोज का नियोजन किया जा रहा है. जिसमें पालकोें के टीकाकरण की जवाबदारी भी शिक्षकों पर ही रहेगी. इस संदर्भ में कुछ आश्रम शालाओं को लर्निंग कीट का वितरण किया गया.
पिछले साल कोरोना की पार्श्वभूमि पर मार्च महीने से आश्रम शालाएं बंद ही है. जिसमें शासन व्दारा दी गई गाइडलाइन के अनुसार 29 जून से आश्रम शालाएं शुरु कर दी गई. किंतु शिक्षक शालाओं में है और विद्यार्थी घरों पर ऐसा अनुभव पहली बार आश्रम शालाओं को आया है. 1 से 12 वीं तक आदिवासी विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है. इसके लिए ऑनलाइन शैक्षणिक सुविधाओं के लिए साहित्य खरीदी की गई.
धारणी, अकोला, पांढरकवडा, किनवट, पुसद, कलमनूरी, औरंगाबाद इन सात एकात्मिक प्रकल्प अंतर्गत 121 अनुदानित आश्रम शालाओं ने 1667 व 82 शासकीय आश्रम शालाओं में 858 शिक्षकों ने पहले दिन उपस्थिति दर्शायी.
पालकों की गलतफहमी की जाएगी दूर
कोरोना महामारी में सर्तकता बरतने हेतु आश्रम शालाओं में प्रवेश करने वाले आदिवासी विद्यार्थियों के पालकों के टीकाकरण करवाने की जवाबदारी आश्रम शालाओं के मुख्याध्यापक व शिक्षकों पर सौंपी गई है. आश्रम शालाएं शुरु होने के पहले शिक्षकों का पहला डोज निपटने के पश्चात अब विद्यार्थियों के पालकों को समुपदेशन कर टीकाकरण को लेकर उनकी गलतफहमी दूर की जाएगी.
प्रकल्प निहाय आश्रम शालाओं में विद्यार्थियों की संख्या
प्रकल्प का नाम शासकीय अनुदानित
धारणी 7429 9106
पांढरकवडा 11552 8129
किनवट 5735 8765
कलमनूरी 1883 2806
पुसद 1775 4654
अकोला 2280 6501
औरंगाबाद 2220 2402
विद्यार्थियों को दी जाएगी ऑनलाइन शिक्षा
शासन व्दारा दिए गए निर्देेशों के अनुसार आश्रम शालाएं मंगलवार से शुरु कर दी गई है. आश्रम शाला निवासी होने पर भीे विद्यार्थी घरों पर ही ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण करेंगे. शिक्षकों को ऑनलाइन शिक्षा के लिए अपडेट किया गया है.
– विनोद पाटील,
अप्पर आयुक्त आदिवासी विकास विभाग अमरावती