बेलोरा हवाई अड्डे का नाम ‘प्रज्ञाचक्षु संत श्री गुलाबराव महाराज’ किया जाये
गुलाबराव महाराज के श्रद्धालुओं को मुख्यमंत्री फडणवीस से मांग

अमरावती/दि.19 – बेलोरा हवाई अड्डे का नाम ‘प्रज्ञाचक्षु संत श्री गुलाबराव महाराज विमानतल अमरावती’ करने की मांग गुलाबराव महाराज के असंख्य श्रद्धालुओं ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से की है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भेजे पत्र में गुलाबराव महाराज के असंख्य भक्तों ने कहा है कि, अमरावती हवाई अड्डे के नामकरण बाबत दो नाम प्रमुख रुप से चर्चा में है. डॉ. पंजाबराव देशमुख का विदर्भ के शैक्षणिक क्षेत्र का कार्य अतुलनीय है. इसमें कोई शंका नहीं है. वे शहरवासियों के लिए आदरनीय है. उनके नाम की अनेक संस्था वर्तमान में है. प्रज्ञाचक्षु संत श्री गुलाबराव महाराज का विविध ज्ञान क्षेत्र का योगदान विश्व स्तर पर उच्चस्तर का है.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि, 1880 से 1915 इन 35 वर्षों की संक्षिप्त कालावधि में एक कुणबी समाज के बालांध व्यक्ति ब्रेललिपी जैसा कोई भी साधन शिक्षा के लिए उपलब्ध न रहते शंकराचार्य, ज्ञानेश्वर माउली, तुकडोजी महाराज के समकक्ष विभिन्न विषयों पर मौलिक योगदान देते है. भक्ति, योगसूत्र, ब्र्रह्मसूत्र, भगवत गीता, श्रीमद् भागवत, वेद, पुरान से लेकर थिआसाफी, नव्यंन्याय, आयुर्वेद, संगीत, डार्विन, लिपि आदि अनेक विषयों पर उनके 134 ग्रंथ यह ही चमत्कार है. उन्होंने अविरत या अभूतपूर्व संज्ञा भारतीय तत्वज्ञान को बहाल की. ध्यान में रखने वाली यानि उस जातियवादी दौर में गुलाबराव महाराज के सर्वाधिक अनुयायी, लेखक व श्रोता उच्च शिक्षित व धार्मिक प्रवृत्ति के ब्राह्मण थे. एन. सी. केलकर, एल. आर. पांगारकर, दासगणु महाराज, सर भडकमकर से लेकर अटलबिहारी बाजपेयी, मोराजी देसाई, पु. ल. देशपांडे, लता मंगेशकर, विजय भटकर, गोविंद गिरी जैसे दिग्गजों ने महाराज को विनम्र अभिवादन किया है. महाराज का नाम हवाई अड्डे को देने की मांग अब तक अनेक मान्यवर, व्यक्ति, संस्था, वारकरी और श्रद्धालुओं ने की है. विज्ञप्ति ने यह भी कहा गया है कि, समाज में विविध क्षेत्र में प्रशंसनीय कार्य करने वाले व्यक्ति बार-बार जन्म लेते है, लेकिन जगत कल्याण के लिए वैश्विक ज्ञान, दान देने वाली विभूति श्रद्धेय व पूजनीय साबित होती है. कर्म, योग और ज्ञान, यह समयानुरुप विलिप्त होते जा रहे इस युग में समग्र जाति, समाज को ईष्ट रहे भक्ति की शास्त्रीय प्रतिस्थापना करने वाले गुलाबराव महाराज यह नारक के बाद के दूसरे आचार्य है. उनका नाम हवाईअड्डे को देना सनातन परंपरा का गौरव रहेगा. ज्ञापन सौंपने वालों में सुधीर देशमुख डॉ. राम पंडित, प्राचार्य डॉ. अरविंद देशमुख, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति सुदामा देशमुख, डॉ. राहुल पंडित, डॉ. अलका इंदापवार, शरद मोहोड, प्राचार्य एच. आर. तिवारी, राजाभाउ मोहोड, प्रमोद पंडित, विस्मय ठाकरे, विनोद देशमुख, अंजलि देशमुख, देवयानी भडंग, प्रांजलि देशमुख, आशा देशमुख, श्रद्धा उंडे, विजयमाला मोहोड, पंकज मोहोड, श्याम मोहोड, मिलिंद मोहोड, उषाताई धोटे, सुनीता शेंडे, गौरव मोहोड, प्रा. राम देशमुख, प्रा. रेणुका देशमुख, रवींद्र करवे, पद्मजा कौंडण्ये, सुनील पांडे सर, शंतनु मोहोड, माधुरी ठाकरे सहित गुलाबराव महाराज के असंख्य भक्त वारकरी का समावेश था.