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अप्रैल 2024 तक बनकर तैयार होगा बेलोरा एयरपोर्ट

एमएडीसी ने हाईकोर्ट को हलकनामा देकर बताया

* हाईकोर्ट ने हो रही देरी पर सरकार को लगाई थी फटकार
* पूर्व विधायक डॉ. देशमुख ने दायर की थी जनहित याचिका
अमरावती/दि.20- जिले के पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख की जनहित याचिका से अब बेलोरो एयरपोर्ट से टेक ऑफ का बरसों पुराना अमरावती जिलावासियों का सपना साकार होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. अमरावती जिले के विकास व औद्योगिक प्रगति के लिये मील का पत्थर साबित होने वाले बेलोरा एयरपोर्ट के लिये डॉ. सुनील देशमुख ने अपने पालकमंत्री कार्यकाल के दौरान किये प्रयासों की बदौलत शासन ने 26 फरवरी 2009 को महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट कंपनी (एमएडीसी) को विकासक के रूप में नियुक्त किया. साथ ही बेलोरा एयरपोर्ट विकास के लिए 280 करोड रुपये की प्रशासनिक मंजूरी प्राप्त करने में सफल रहे, लेकिन उसके बाद लगातार किसी न किसी कारण एयरपोर्ट डेवलपमेंट के कार्य थम गए. मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि, बेलोरा एयरपोर्ट के विकास में लापरवाही क्यों बरती जा रही है? डॉ. सुनील देशमुख द्वारा दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा. जिससे अब राज्य सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि, बेलोरा एयरपोर्ट के विकास के लिए फंड उपलब्ध करा दिया गया है, विभिन्न कार्यों के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं और 17 अप्रैल 2024 तक बेलोरा एयरपोर्ट के सारे काम पूरे कर लिए जाएंगे. डॉ. सुनील देशमुख की जनहित याचिका से अब बेलोरो एयरपोर्ट से टेक ऑफ का बरसों पुराना अमरावती जिलावासियों का सपना साकार होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है.
वर्ष 2009 से फालोअप ले रहे डॉ. देशमुख शासन स्तर से बेलोरा हवाई अड्डे के विकास के संबंध में उदासीनता और प्रशासनिक स्तर लालफीताशाही को देखते हुए विकास के लिये सदैव प्रयासों की पराकाष्ठा करने में अव्वल रहे पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में पीआईएल 48/2022 के तहत जनहित याचिका दायर की. इस तरह डॉ. सुनील देशमुख ने 28 सितंबर 2022 को जस्टिस जी. एन. सानप और न्यायमूर्ति सुनील बी. शुक्रे की खंडपीठ में बेलोरा एयरपोर्ट के विकास के लिए अदालती लडाई की शुरूआत की. तब न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव, एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया (एएआई) के क्षेत्रीय निदेशक और महाराष्ट्र हवाईअड्डा विकास कंपनी (एमएडीसी) के प्रबंध निदेशक को नोटिस जारी किया था.
* 13 वर्षों से क्यों अटका काम?
अमरावती संभाग में बढ़ती उद्योग धंधों की स्थिति व विमान यात्रा करने वाले यात्रियों की अपेक्षित यात्री संख्या होने के बाद भी पिछले 13 वर्षों से बेलोरा एयरपोर्ट से प्लेन का टेक ऑफ क्यों नहीं हो सका? ऐसा जवाब हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा. तद्संबंधी राज्य सरकार से अपना उत्तर प्रतिज्ञा पत्र द्वारा पेश करने के निर्देश दिये. वर्तमान स्थिति में बेलोरा एयरपोर्ट के विकास की जिम्मेदारी महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट कंपनी की है. हाल ही में उच्च न्यायालय के निर्देश पर महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट कंपनी ने बेलोरा एयरपोर्ट के विकास कार्यों का समयबद्ध कार्यक्रम प्रतिज्ञा पत्र (हलफनामा) के माध्यम से न्यायालय के सामने पेश किया. इस प्रतिज्ञा पत्र में कुल चार चरणों में एयरपोर्ट के कार्य पूर्ण करने की बात स्पष्ट करते हुए न्यायालय के माध्यम से याचिकाकर्ता को आश्वस्त किया गया. हाईकोर्ट ने एमएडीसी को समय सीमा भी अनिवार्य कर दी है. इसमें मुख्य रूप से निम्नलिखित कार्य शामिल हैं.
* क्या हुआ हाईकोर्ट में
1) वर्ष 2019 में डॉ. सुनील देशमुख के प्रयासों से मंजूर और वर्तमान स्थिति में शुरू रन-वे निर्माण के कार्य व उसकी लंबाई बढाने का काम, टैक्सीवे का निर्माण, एप्रन एरिया, आंतरिक सडकों, ड्रेनेज व्यवस्था केकार्यों का ठेका एआईसी इन्फ्रा नामक कंपनी को 2019 दिया गया था. लेकिन यह कार्य कठिनाइयों के कारण बंद कर दिया गया है और अब इस पैकेज का 99 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और इसकी अनुमानित लागत 40 करोड रुपये है. इसमें मौजूदा रनवे की लंबाई 1375 मीटर से बढाकर 1800 मीटर करना शामिल है. ताकि एटीआर-72 प्रकार के यात्री विमानों को बेलोरा एयरपोर्ट से उडाना संभव हो पाए.
2) दूसरे पैकेज में टर्मिनल बिल्डिंग, एटीसी टावर, पैसेंजर टर्मिनल, इलेक्ट्रिक सबस्टेशन और सहायक कार्यों को पूरा करने का ठेका इंदु कंस्ट्रक्शन को जनवरी 2023 में कार्यारंभ का आदेश दिया गया है और अगले पंद्रह महीनों में यानी अप्रैल 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा. काम की अनुमानित लागत 44 करोड रुपये है. 3) तीसरे पैकेज में दो भागों में काम विभाजित किया गया है. जिसमें रनवे पर प्रकाश व्यवस्था व उससे संबंधित कार्यों की कीमत 5 करोड रुपए है. निविदा तारीख 17 फरवरी 2023 को एल वन साबित हुई कंपनी मे. वर्धमान एयरपोर्ट सॉल्यूशन को तथा अतिरिक्त प्रकाश व्यवस्था का काम 2.13 करोड में मेसर्स सोनू इलेक्ट्रिकल्स को देना तय हुआ. कार्यारंभ आदेश की प्रक्रिया शुरू है. इन कार्यों की पूर्णता अवधि नौ माह बताई गई है.
दूर हो गईं सभी बाधाएं
महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट कंपनी इन सभी कार्यों को अप्रैल 2024 से पहले पूरा करने पर सहमत हो गई है, जिसके बाद बेलोरा एयरपोर्ट से यात्री हवाई यातायात शुरू हो जाएगा. इस प्रकार अक्टूबर माह में डॉ. सुनील देशमुख की जनहित याचिका पर न्यायालय द्वारा फटकार लगाई. जिसके बाद शासन स्तर पर अनास्था व लालफीताशाही के कारण बेलोरा एयरपोर्ट पर लगा ग्रहण डॉ. सुनील देशमुख की याचिका के कारण हाईकोर्ट के आदेश से दूर हो गया है.

* डॉ. देशमुख ने सबसे सुयोग्य जनप्रतिनिधि – प्रा. घोंगडे
बेलोरा विमानतल को लेकर पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख व्दारा हाईकोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका और अब इस पर हाईकोर्ट व्दारा सरकार को लगाई गई फटकार के बाद एमएडीसी व्दारा अप्रैल 2024 तक विमानतल को पूरी तरह से तैयार करने के संदर्भ में पेश किए गए हलफनामे को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मनपा के पूर्व पार्षद प्रा. भालचंद्र घोंगडे ने कहा कि, डॉ. सुनील देशमुख जनप्रतिनिधि होने के लिए सबसे सुयोग्य व्यक्ति हैं. जिनकी शहर सहित जिले की सभी छोटी-बडी समस्याओं पर नजर रहती है. वर्ष 2009 से डॉ. सुनील देशमुख लगातार बेलोरा विमानतल के लिए प्रयास कर रहे हैं. साथ ही साथ उन्होंने काफी अध्ययन करते हुए अमरावती जिले सहित पश्चित विदर्भ क्षेत्र के सिंचाई अनुशेष को दूर करने का भी प्रयास किया है. डॉ. देशमुख की तत्परता व सक्रियता को देखते हुए निश्चित तौर पर यह उम्मीद बनती है कि आगामी अप्रैल-मई 2024 में बेलोरा विमानतल से विमानों की नियमित आवाजाही शुरु हो जाएगी और अमरावती जिलावासियों को हवाई यात्रा का लाभ मिलेगा.

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