अमरावती

कंपनियों के लिए फायदेमंद फसल बीमा!

किसानों में है नाराजी

  • गत वर्ष की तुलना में इस बार 12490 किसानों ने बीमा लेने से किया इन्कार

अमरावती/दि.31 – जिले में पिछले खरीफ मौसम के दौरान वापसी की बारिश की वजह से सोयाबीन की फसल हाथ से चली गई. साथ ही ऐन कटाई के समय कपास की फसल भी बर्बाद हुई. जिसके चलते जिले की आणेवारी 46 पैसे रहने की जानकारी देते हुए जिलाधीश द्वारा जिले में अकाल रहने की बात पर अपनी मूहर लगाई गई. ऐसी प्रतिकूल परिस्थिती के बावजूद केवल 26 फीसद किसानों को ही फसल बीमा की सुरक्षा प्रदान की गई. ऐसे में अब किसानों द्वारा पूछा जा रहा है कि, क्या केवल कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए बीमा निकाला जाये. यहीं वजह है कि, गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 12 हजार 490 किसानों ने फसल बीमा निकालने से इन्कार कर दिया है.
बता दें कि, गत वर्ष खरीफ सीझन के दौरान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 1 लाख 85 हजार 601 किसानों ने हिस्सा लिया था. किसानों तथा केंद्र व राज्य सरकार की ओर से अदा की गई किश्त को मिलाकर फसल बीमा कंपनी के पास 400 करोड से अधिक की रकम जमा हुई. ऐसी जानकारी कृषि विभाग द्वारा दी गई है. किंतु पिछले खरीफ मौसम के दौरान कपास व सोयाबीन का बडे पैमाने पर नुकसान होने के बावजूद केवल 62.63 करोड रूपये की नुकसान भरपाई बीमा कंपनी द्वारा दी गई. जबकि, इन्हीं फसलों के लिए राज्य सरकार ने एसडीआरएफ के दायरे से बाहर जाकर किसानों को 300 करोड रूपयों की सहायता दी थी, यह यहां विशेष उल्लेखनीय है. इसके अलावा जारी सप्ताह में ही राज्य के कृषिमंत्री के दौरे के समय बीमा कंपनियों द्वारा किसानों की शिकायतों को गंभीरतापूर्वक नहीं लिये जाने का मामला भी गरमाया और कृषि मंत्री के आदेश पर जिला अधिक्षक कृषि अधिकारी द्वारा इफ्कोटोकियो कंपनी के खिलाफ गाडगेनगर थाना पुलिस में शिकायत भी दर्ज करायी गयी.

इस बार 39 फीसदी किसानों का फसल बीमा

– जिले में कुल 4.15 लाख किसान है. जिनमें से 1 लाख 61 हजार 906 यानी मात्र 39 फीसद किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सहभाग लिया है.
– कंपनी द्वारा नुकसान भरपाई तय करने के समीकरण कंपनी के फायदे को ध्यान में रखते हुए बनाये गये है. ऐसे में गत वर्ष फसल बीमा लेनेवाले 12 हजार 490 किसानों ने इस बार फसल बीमा योजना में सहभाग नहीं लिया.
– किसानों का आरोप है कि, गत वर्ष फसलों को लेकर स्थिति बेहद प्रतिकुल रहने की वजह से केवल 26 फीसद किसानों को ही फसल बीमा योजना का लाभ मिला.

खरीफ का कुल क्षेत्र – 6,88,760
कपास – 2,24,710
सोयाबीन – 2,53,630
तुअर – 1,19,279
मूंग – 16,417
उडद – 5,954
ज्वार – 14,360

जिले के कुल किसान – 4,15,270
बीमा योजना में शामिल किसान
गत वर्ष – 1,85,601
इस वर्ष – 1,61,906

फसल बीमा योजना में शामिल किसानों ने फसलों का नुकसान होने पर 72 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को नुकसान की जानकारी देनी चाहिए. यदि बीमा कंपनी से संपर्क करने में कोई दिक्कत आ रही है, तो कृषि अथवा तहसील कार्यालय को इसकी जानकारी दी जा सकती है.

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