अमरावती

चारपहिया गाडी और सरकारी नौकरी वाले भी राशन अनाज के लाभार्थी!

प्रतिष्ठित लोग भी दिखाई देते है राशन की कतारों में

  • कम-अधिक प्रमाण में सर्वत्र यही स्थिति

अमरावती/दि.23 – खुद का पक्का घर है, घर के सामने चारपहिया वाहन है, खुद अथवा बच्चे सरकारी नौकरी में है, लेकिन इसके बावजूद इसमें से कुछ लोग राशन दुकानों के सामने सरकारी सस्ता अनाज प्राप्त करने हेतु राशन लाभार्थी के रूप में कतार में लगे दिखाई देते है. जिले में इस तरह के लाभार्थियोें की संख्या करीब 20 फीसद के आसपास है और यह केवल अमरावती जिले की ही स्थिति नहीं है, बल्कि लगभग सभी स्थानों पर कम-अधिक प्रमाण में इसी तरह का चित्र दिखाई देता है. किंतु ऐसे लाभार्थियों की जानकारी संबंधित प्रशासन के पास नहीं होती. जिसकी वजह से इस मामले को लेकर केवल चर्चाएं ही होती रहती है.
बता दें कि, पात्र लाभार्थियों को सस्ते अनाज का लाभ मिले, गरीब एवं सर्वसामान्य लोगोें तक अनाज पहुंचे, इस बात के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा सस्ती दरों पर अनाज की आपूर्ति करने की योजना चलायी जाती है. साथ ही केंद्र सरकार द्वारा भी नि:शुल्क अनाज दिया जाता है. बेहद महत्वाकांक्षी रहनेवाली यह योजना सभी के लिए बेहद दिलासादायक है. किंतु अक्सर देखा जाता है कि, आर्थिक रूप से सक्षम व संपन्न परिवारों के लोगबाग भी राशन दुकानों के सामने सस्ता अनाज प्राप्त करने हेतु लाभार्थी के तौर पर राशन दुकानों के सामने कतारों में खडे दिखाई देते है.

किसे कितना मिलता है राशन का अनाज

– अंत्योदय – इस योजना के लाभार्थियों को प्रतिमाह प्रति परिवार 35 किलो राशन मिलता है. जिसमें 20 किलो गेहूं व 1 किलो चावल का समावेश होता है. इस योजना के तहत लाभार्थियों को गेहूं 2 रूपये प्रति किलो व चावल 30 रूपये प्रति किलो की दर पर उपलब्ध कराया जाता है.
– बीपीएल कार्ड – गरीबी रेखा से नीचे रहनेवाले लोगों को दिये जानेवाले बीपीएल कार्ड पर प्रत्येक परिवार को प्रतिमाह 10 से 20 किलो राशन दिया जाता है और यह अनाज बाजारभाव से बेहद कम दरों पर उपलब्ध कराया जाता है. जिससे सर्वसामान्यों को काफी हद तक राहत मिलती है.
– प्राधान्यक्रम कार्ड – प्राधान्यक्रम राशन कार्ड पर प्रतिमाह प्रति व्यक्ति 5 किलो राशन उपलब्ध कराया जाता है. जिसमें 3 रूपये किलो की दर से चावल तथा 2 रूपये किलो की दर से गेहूं उपलब्ध कराया जाता है.

कार्ड शुरू करने के लिए दौडभाग

कोविड संक्रमण एवं लॉकडाउन काल के दौरान कई लोगों ने राशन नहीं लिया और कई लोग अपने-अपने गांव चले गये थे. ऐसे कई कार्ड धारकोें के राशन कार्ड बंद कर दिये गये है. जिसे दुबारा शुरू करने के लिए कार्डधारकों को अब काफी दौडभाड करनी पड रही है.

आय मर्यादा सालाना 59 हजार

ग्रामीण आय मर्यादा – सालाना 44 हजार
केसरी कार्ड के लिए – सालाना 1 लाख तक
सफेद कार्ड के लिए – सालाना 1 लाख से अधिक

राज्य में अनेकों की आय सालाना 45 से 59 हजार रूपयों तक!

राशन कार्ड पर अनाज लेनेवाले कई लोगों ने अपनी सालाना आय 45 से 59 हजार रूपयों तक रहने का हलफनामा दे रखा है. किंतु यदि इनमें से कई कार्ड धारकों की आर्थिक व सामाजिक स्थिति को देखा जाये, तो किसी के भी मन में यह सवाल पैदा हो सकता है कि, क्या वाकई इनकी सालाना आय इतनी कम है.

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