अमरावती

फसल बुआई का पंजीयन करने में फायदा

अमरावती/दि.13- किसानों द्बारा बोई गई फसलों की सटीक जानकारी सरकार के पास दर्ज हो. इस हेतु जमाबंदी विभाग द्बारा एक एप स्थित किया गया है. जिसके जरिए अब किसानों को ऑनलाइन फसल पंजीयन करने की सुविधा मिल गई है. इसके लिए सरकार ने समयवृद्धि भी दी है. जिसके चलते आगामी 15 अक्तूबर तक किसानों द्बारा अपनी फसलों का पंजीयन कराया जा सकेगा. साथ ही जहां पर किसानों की फसल बुआई के पंजीयन का काम बाकी है. वहां पर पंजीयन का काम पटवारियों द्बारा किया जाता है. जिसके चलते किसानों को विविध योजनाओं का लाभ लेना संभव हो सकता है.
* डेढ लाख किसानों ने किया फसल पंजीयन
जिले में अब तक करीब डेढ लाख किसानों ने अपनी फसलों का पंजीयन किया है. इस वर्ष बारिश में विलंब होने के चलते फसल बुआई का काम भी थोडा देर से ही शुरु हुआ. वहीं सर्वर की दिक्कतें बढ जाने के चलते कई किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया बाकी है.
* कब तक किया जा सकता है पंजीयन
किसानों द्बारा आगामी 15 अक्तूबर तक ऑनलाइन तरीके से अपनी फसलों का पंजीयन किया जा सकता है. इसके लिए सरकार ने पहले 30 अगस्त तक समयावधि घोषित की थी. जिसे अब 15 अक्तूबर तक समयावृद्धि दी गई है.
* फसल पंजीयन क्यों?
– फायदें
ऑनलाइन फसल पंजीयन करने पर फसल बीमा, सरकारी अनुदान व फसल कर्ज सहित विविध योजनाओं का लाभ मिलता है.
– नुकसान
किसानों द्बारा फसल पंजीयन नहीं करवाने पर पटवारी द्बारा ई-फसल सर्वेक्षण किया जाता है. अन्यथा किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रहना पड सकता है.
* ऑनलाइन पंजीयन में क्या है दिक्कतें?
एप के जरिए ऑनलाइन फसल पंजीयन करते समय सबसे बडी दिक्कत नेटवर्क की होती है. कई बार फोटो का लोकेशन गलत दिखाए जाने की शिकायत किसानों द्बारा की गई है. साथ ही सर्वर की भी दिक्कत होती है.
* एक मोबाइल पर 50 पंजीयन संभव
कई किसानों के पास एनड्राइड मोबाइल नहीं होते. जिसके चलते एप के जरिए 50 किसानों के फसल पंजीयन को दर्ज किया जा सकता है. ऐसी सुविधा भी इस बार उपलब्ध कराई गई है. जिसके चलते कई लोगों की दिक्कतें दूर हुई है.
* फसल पंजीयन बेहद जरुरी
किसानों के लिए एप के जरिए फसल बुआई का पंजीयन करना अनिवार्य है. जिससे उन्हें विविन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने में सहायता होती है. साथ ही यदि किसानों द्बारा पंजीयन नहीं किया जाता है, तो संबंधित क्षेत्र के पटवारी द्बारा इसकी जानकारी को दर्ज किया जाता है.
– रणजित भोसले,
उपजिलाधीश राजस्व

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