अमरावती

सावधान : चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखी तो हो सकती है सात साल तक की सजा

मोबाइल, लैपटॉपर पर बढ़ी विकृति, बच्चों की तरफ दें ध्यान

अमरावती/ दि. १६- चाइल्ड पोर्नोग्राफी को देखना न केवल अपराध है बल्कि इसके लिए सात साल तक की सजा का भी प्रावधान है. पोर्न फिल्में बनाना, अश्लील कंटेंट को शेयर करना और चाइल्ड पॉर्नोग्राफी देखना यह सब सूचना तकनीक कानून २००० की धारा ६७ बी (बी)-(बी) के अनुसार अपराध दर्ज किया जाता है. पहली बार अपराध करने पर ५ साल तक सजा और दस लाख का जुर्माना हो सकता है. वही दोबारा ये काम करने पर ७ साल की सजा और १० लाख रुपए जुर्माना, इसके अलावा पॉक्सो कानून के सेक्शन १४ के अनुसार जो व्यक्ति बालकों का पोर्नोंग्राफी के लिए उपयोग करेगा, उसे सात साल की सजा होगी. चाइल्ड पोर्नग्राफी देखनेवाले अथवा उसका प्रसार करनेवाले भी सावधान हो जाए. चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्द को भी यदि सर्च किया तो उन लोगों पर भी कड़ी नजर है, यह कदापि न भूलें. मोबाइल और लैपटॉप पर विविध एप, साईटस् सर्च की जाती है. इसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने का प्रमाण बढने की जानकारी है. चाइल्ड पोर्नोग्राफी को अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठाए गए है.
* सर्च करना भी अपराध
बालकों पर यौन शोषण संबंध में कंटेट बनाकर फॉरवर्ड करने साथ सर्चिंग करना कानूनन अपराध है. ऐसा करनेवालों पर फौजदारी अपराध दर्ज होगा.
* ११ महिने में चार मामले दर्ज
शहर पुलिस के सायबर पुलिस थाना में चाइल्ड पोर्नोग्राफी संबंध में चार मामले दर्ज हुए है. ऐसा ही एक मामा ग्रामीण में तिवसा पुलिस थाना में दर्ज किया गया था.
* मोबाइल पर साइबर की निगाहें
सभी के मोबाइल पर साइबर पुलिस थाना की पैनी नजर है, यह ना भूलें. इसलिए गलती से भी पॉर्न वेबसाइट पर न जाएं. यदि संबंधित वेबसाइट पर गए तो संबंधित पर कार्रवाई होगी.

 

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