सावधान : मस्तिष्क ज्वर से मौत का डर
सभी निजी अस्पतालों से जानकारी सांझा करने के निर्देश

DF and DHF are caused by one of four closely related, but antigenically distinct virus serotypes (DEN-1, DEN-2, DEN-3, and DEN-4) of the genus Flavivirus. Infection with one of these serotypes provides immunity to only that serotype for life, so persons living in a dengue-endemic area can have more than one dengue infection during their lifetime.
* हिवताप, चिकन गुनिया, डेंग्यू का तुरंत निदान जरुरी
अमरावती/दि.28 – बरसात के मौसम में किटकजन्य बीमारियों का प्रकोप बढता है. हिवताप, चिकन गुनिया, डेंग्यू व मस्तिष्क ज्वर आदि बीमारियां किटकजन्य बीमारियां है. इन बीमारियों से ग्रस्त मरीज को पहले दिन तेज बुखार, तीव्र सिरदर्द, कमजोरी आती है. दूसरे दिन बुखार बढते जाता है, जो 6 दिनों तक रहता है. इस कालावधि में यदि मरीज को उचित इलाज नहीं मिला, तो मरीज की 3 से 4 दिनों में मौत होने का डर रहता है. इसलिए बुखार आने पर तुरंत खून की जांच कराने की अपील स्वास्थ्य विभाग द्बारा की जा रही है.
* हिवताप, चिकन गुनिया व डेंग्यू के लक्षण
तेज सिरदर्द, थंडी लगकर बुखार आना, बदन दर्द, शरीर पर लाल चट्टे पडना, नाक, दात, पेशाब या शौच दौरान खून जाना, शरीर पर खुजली, गर्दन पर गठाने, प्रकाश सहन न होना, अचानक बुखार बढना आदि लक्षण हिवताप, चिकन गुनिया व डेंग्यू के है.
* मच्छरों से फैलती है बीमारियां
हिवताप, चिकन गुनिया, डेंग्यू, मस्तिष्क ज्वर इन रोगों का फैलाव मच्छरों से होता है. यह मच्छर जमा पानी में पैदा होते है. फुलों के गमले, पेडों पर पक्षियों के लिए लटकाएं गये बर्तन, बाहर रखे हुए मटके, कुलर, पानी की टंकिया आदि जगहों पर यह मच्छर बडी मात्रा में पैदा होते है. इसलिए कहीं पर भी बारिश का पानी जमा नहीं होने देने की अपील की जा रही है.