अमरावती

समय पर मजदूरी नहीं दी गई तो खबरदार

सांसद डॉ. अनिल बोंडे मजदूरों के लिए हुए आक्रामक

अमरावती -/दि.27 कल जहां एक ओर जिले भर में पोला पर्व मनाया जा रहा था वहीं दूसरी ओर मजदूरी के लिए मजदूर जिला वनरक्षक कार्यालय पर धरना दे रहे थे. इस अवसर पर सांसद अनिल बोंडे ने डीएफओ बाला को फटकार लगाई और कहा कि, मजदूरों को समय पर मजदूरी नहीं दी गई, तो खबरदार वनविभाग की इस घोर लापरवाही के कारण करीब मजदूरों को पोले के दिन आंदोलन करने की नौबत आयी. जिस पर सांसद डॉ. अनिल बोंडे आक्रामक हुए. शुक्रवार को जहां संपूर्ण जिले भर में बैल पोला पर्व मनाया जा रहा था वहीं चिखलदरा तहसील के गांव अमदुरी के 25 मजदूर अमरावती में डीएफओ कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गये.
मोर्शी के आरएफओ के अंतर्गत इन मजदूरों ने पौधों रोपण का कार्य किया था. किंतु इन्हें पिछले डेढ माह से मजदूरी नहीं दी गई. मजदूरी की राशी को लेकर मजदूरों ने आंदोलन किया. सभी 25 मजदूर पहले राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे के राजापेठ स्थित निवास स्थान पर पहुंंचे इन मजदूरों ने सांसद बोंडें को अपनी आपबीती सुनाई. जिसके बाद डॉ. बोंडे ने सबसे पहले मोर्शी के आरएफओ को फोन किया. लेकिन आरएफओ का फोन बंद था. जिससे उन्होंने डीएफओ बाला से फोन पर संपर्क किया. डीएफओ बाला ने सांसद बोंडे को पहले यह जानकारी दी कि, केंद्र सरकार से कैम्पा प्रकल्प के अंतर्गत निधि उपलब्ध नहीं होने के कारण मजदूरों को मजदूरी नहीं दी जा सकी.
इस पर डॉ. बोंडे ने नागपुर वन विभाग के एसीएफ टेंभुर्णीकर को फोन लगाया. टेंभुर्णीकर ने डॉ. बोंडे को बताया कि, 15 दिन पहले ही मजदूरी की राशि डीएफओ कार्यालय को उपलब्ध करवा दी गई है. इसी दौरान आधे घंटे में दोबारा डीएफओ बाला ने फोन कर सांसद बोंडे को बताया कि, मजदूरी की राशि मिल गई है. सोमवार तक मजदूरों को मजदूरी की राशि वितरित कर दी जाएगी. वन विभाग की इस घोर लापरवाही के कारण गरीब मजदूरों को पोले के दिन आंदोलन करने की नौबत आयी. जिसमें सांसद अनिल बोंडे आक्रामक हुए और उन्होंने नागपुर वन विभाग के उच्चाधिकारी टेंंभुर्णीकर को चेताया कि, आगे इस तरह गरीब मजदूरों को मजदूरी के लिए परेशान न करें. त्यौहारों के समय मजदूरी मजदूरों को समय पर दें, अमरावती जिले में केंद्र या राज्य सरकार से मजदूरी के लिए निधि में किसी भी तरह की कोई दिक्कत आये, तो मुझसे संपर्क करें.

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