अमरावती

बारिश में सांपों से सावधान!

वर्षभर में 17 हजार लोगों को सर्पदंश

* 1926 टोल फ्री क्रमांक पर करें फोन
अमरावती/दि.26– बारिश के दिनों में नागरिकों को सर्पदंश होने का प्रमाण अधिक रहता है. बारिश शुरु होने से लेकर करीब करीब ठंड खत्म होते तक खबरदारी लेना आवश्यक है. सर्पदंश होने पर समय पर उपचार न मिलने, अस्पताल में जाने के लिए वाहन न मिलना, अस्पताल दूर होना, अस्पताल में सर्पदंश पर इंजेक्शन उपलब्ध न होना, ऐसे कारणों से नागरिकों को सर्पदंश के बाद अपने प्राण गंवाने पड़ते हैं. जिले में वर्षभर से 16 हजार 877 नागरिकों को सर्पदंश हुआ है. वहीं 16 नागरिकों ने अपनी जान गवाई है. फिलहाल बारिश की शुरुआत हुई है. बिल के सांप बाहर निकल रहे हैं. इसलिए नागरिकों को खबरदारी बरतना आवश्यक है. वहीं सांप दिखाई देने पर 1926 टोल फ्री क्रमांक पर संपर्क करने का आवाहन वन विभाग व सर्पमित्र संगठना ने किया है.
बारिश का पानी बिलों में घूसने के बाद घसीटने वाले प्राणी बाहर निकलते हैं. इनमें सांपों का भी समावेश होता है. गीली जगह की बजाय सूखी जगह पर रहना सांप पसंद करते हैं. इसलिए बारिश के दिनों में सांप बिल से बाहर निकलकर अपनी सुविधा की जगह ढूंढने का प्रयास करते हैं. कई बार घर के प्रकाश की ओर आकर्षित होकर यह सांप घरों में भी आते हैं. घर की छिपकली, चूहे यह सांपों का खाद्य है. इसलिए बारिश के दिनों में सावधानी बरतना आवश्यक है. जिले में बारिश की पार्श्वभूमि पर गत कुछ दिनों से सांपों का संचार बढ़ा है. किसान और नागरिकों को सांपों से बचने के लिए सावधानी बरतना आवश्यक है. सांप यह किसानों के मित्र के रुप में परिचित है. जिले के शहर सहित ग्रामीण भागों में प्रमुख रुप से नाग, घोणस, मनियार, पुरसे यह अत्यंत विषारी सांप दिखाई देते हैं. वहीं अजगर, धामण, डुरक्या घोणस, मांडूल, कुकरी, कवड्या, गवत्या बार्ड कवड्या पिवळ्या ठिपकों का कवड्या, धूलनागिन, चित्रांगनायकुल, तस्कर, मृदुकाय, विरोला, कालतोंड्या ये बगैर विषैले सांप भी बड़े पैमाने पर है. मात्र नागरिकों की नासमझी के कारण अनेक सांप मारे जाते हैं. इसी तरह वर्ष में करीबन 40 प्रतिशत होने की जानकाीर सर्पमित्र नीलेश कंचनपुरे ने दी. अब बारिश शुरु हो गई है. जिसके चलते बारिश का पानी बिलों में घुसने से सांप बाहर निकलते हैं.

सर्पदंश पर उपाय
सर्पदंश हुआ व्यक्ति शुरुआत में न घबराते, सर्पदंश हुए व्यक्ति के आजू बाजू भीड़ न करें, संर्पदंश हुए स्थान पर जल्द से जल्द आवलपट्टी बांधे, जिससे शरीर में जहर नहीं फैलेगा. दंश होने पर चलते या भागते हुए न जाएं, सर्पदंश हुए व्यक्ति को आधे घंटे में अस्पताल में भर्ती कराए.
* क्या दक्षता लेनी चाहिए?
बारिश के दिनों घर के पास परिसर को स्वच्छ रखना चाहिए. बासा अनाज घर के पास न डाले, बाहर घूमते समय पैरों में बूट या चप्पल का इस्तेमाल करें, अंधेरे में बैटरी का इस्तेमाल करें, ईंट, पत्थर के ढेर, पत्ते आदि साफ करते समय योग्य दखल ले, पालतु प्राणी घर से दूर अंतर पर रखे, इन बातों की खबरदारी बरतने पर सर्पदंश से बचा जा सकता है.
– नीलेश कंचनपुरे, सर्पमित्र तथा अध्यक्ष, वॉर संगठना

Back to top button