अमरावती/दि.28– इन दिनों कई लोगबाग शराब के नशे में धूत होकर सडकों पर वाहन चलाते है. जिसकी वजह से सडक हादसों के मामले काफी अधिक बढ गये है और ऐसे हादसों में बेवजह उन लोगों की जान भी खतरे में पड जाती है. जिनकी कोई गलती नहीं होती. ऐसे में इस तरह की घटनाओं को रोकने हेतु अमरावती शहर पुलिस द्वारा विभिन्न उपाययोजनाएं चलाई जा रही है और शराब पीकर वाहन चलानेवालों के खिलाफ विशेष अभियान छेडा गया है.
बता दें कि, विगत छह वर्षों के दौरान यानी 2016 से नवंबर 2021 तक नशे में धूत होकर वाहन चलानेवाले 535 लोगों के खिलाफ पुलिस द्वारा कार्रवाई की गई. वहीं इस दौरान कुल 2 हजार 251 सडक हादसे घटित हुए. जिनमें 503 लोगों की मौत हुई. वहीं 2 हजार 113 लोग इन हादसों में बुरी तरह से घायल हुए. इनमें से अधिकांश हादसे शराब पीकर गाडी चलाने की वजह से घटित हुए है और कई हादसों में ऐसे लोगों की भी जान गई. जिनका कोई कसूर नहीं था, बल्कि वे शराबियों द्वारा चलाये जा रहे अनियंत्रित वाहनों की चपेट में आ गये.
ज्ञात रहें कि, सडक हादसों की शुरूआत नये साल के पहले दिन से ही हो जाती है, क्योंकि नववर्ष के स्वागत के नाम पर युवा वर्ग द्वारा शराब पार्टी की जाती है और आतिषबाजी करते हुए जमकर जल्लोश मनाया जाता है. किंतु कई बार यह जल्लोश अनियंत्रित हो जाता है, जो हादसों का सबब बनता है. इस बात मद्देनजर इस बार शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने नववर्ष की पूर्व संध्या पर शहर में कडा पुलिस बंदोबस्त लगाने का निर्णय लिया है. साथ ही सडक हादसों कासे टालने के लिए यातायात नियमों पर कडाई के साथ अमल किया जा रहा है.
* पांच वर्ष में 448 शराबियों की धूम
वर्ष 2016 से 2020 के दौरान पुलिस ने ड्रंकन ड्राईव के 448 मामले दर्ज किये है. थर्टी फर्स्ट मनाने के चक्कर में लोगबाग शराब पीकर तेज रफ्तार वाहन चलाना अपनी शान समझते है. जिससे हादसे घटित होने की संभावना बनी रहती है.
* पांच वर्ष के आंकडे क्या बताते हैं?
– 2016
इस वर्ष में पुलिस द्वारा ड्रंकन ड्राईव के 218 मामले दर्ज किये गये. वहीं लापरवाहीपूर्ण ढंग से वाहन चलाने के चलते 593 सडक हादसे घटित हुए. जिनमें 91 लोगों की मौत हुई. साथ ही 487 लोग बुरी तरह से घायल हुए.
– 2017
इस वर्ष के दौरान पुलिस ने ड्रंकन ड्राईव के 214 मामले दर्ज किये. वहीं लापरवाही पूर्ण ढंग से वाहन चलाने के चलते 471 हादसे घटित हुए. जिसमें 71 लोगों की जान गई और 394 लोग घायल हुए.
– 2018
इस वर्ष के दौरान पुलिस द्वारा ड्रंकन ड्राईव के 22 केसेस किये गये. वहीं इस वर्ष लापरवाही के साथ वाहन चलाने के चलते 453 सडक हादसे घटित हुए. जिसमें 90 लोगों की जान गई और 376 लोग घायल हुए.
– 2019
इस वर्ष के दौरान ड्रंकन ड्राईव के 16 मामले पुलिस द्वारा दर्ज किये गये. वहीं लापरवाही के साथ वाहन चलाने के चलते 465 सडक हादसे घटित हुए. जिसमें 92 लोगों की जान गई और 394 लोग घायल हुए.
– 2020
इस वर्ष ड्रंकन ड्राईव के 78 मामले पुलिस द्वारा दर्ज किये गये. वहीं लापरवाही पूर्ण ढंग से वाहन चलाने के चलते 385 सडक हादसे घटित हुए. जिसमें 81 लोगों की जान गई और 274 लोग घायल हुए.
* इस बार थर्टी फर्स्ट की रात …
– शहर में कई स्थानों पर पुलिस का कडा बंदोबस्त रहेगा. जिसके तहत पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह द्वारा करीब 800 अधिकारियों व कर्मचारियों को शहर में तैनात किया जायेगा.
– आतिषबाजी का समय तय कर दिया गया है. ऐसे में रात 11.55 बजे से 12.30 बजे तक ही आतिषबाजी की जा सकेगी. पटाखों की ऑनलाईन बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है.
– सभी होटल, बार व रेस्टॉरेंट सरकार की ओर से तय किये गये समय के दौरान ही शुरू रहेंगे. इसके बाद खुले रहने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.