अमरावती

सावधान : हम जो पानी खरीद रहे हैं वह कहां से आ रहा?

शुद्धिकरण की तरफ किसी का ध्यान नहीं

* तापमान बढते ही पानी की मांग बढी
अमरावती/दि.21– सूरज आग उगलने लगा है. बढते तापमान के कारण ठंडे पानी की मांग भी बढने लगी है. समय बदलने के साथ मिनरल वॉटर, पानी के पॉउच, पानी की कैन के साथ ही टैंकर से पानी की बिक्री होने लगी है. लेकिन यह पानी कहां से आता है वह स्वच्छ और पीने के लिए उचित है. अथवा नहीं, बाबत जांच नहीं की जा रही है इस कारण दूषित पानी पीने से संक्रामक बीमारी होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.
चिखलदरा तहसील के 22 गांवों में हर वर्ष भीषण पेय जल की समस्या निर्माण होती है. वर्तमान में चिखलदरा तहसील के आकी, मोथा, सोमवारखेडा, रायपुर और खोंगडा ऐसे पांच गांवों में टैंकर से जलापूर्ति की जा रही है. दूसरी तरफ घर में पानी न रहने से अनेक लोग टैंकर से अपने घरों में पानी मंगवाते है और कुछ नागिरक पेय जल के लिए शहर के विभिन्न इलाकों के प्लांट से पानी की कैन लेते हैं. इसके अलावा मिनरल वॉटर भी प्यास बुझाने के लिए खरीदी जाती है. ब्रांडेड कंपनी के नाम पर ग्रामीण इलाकों में तैयार होने वाले दूषित पानी को खरीदा जाता है. ग्रामीण क्षेत्र में लोगों के यहां टैंकर से जलापूर्ति जो होती है उसकी देखरेख पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों के पास रहती है. जिस गांव में जल संकट निर्माण होता है, तब उस गांव में शासन की तरफ से निजी टैंकर से जलापूर्ति की जाती है. लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से वह पानी उचित है अथवा अनुचित इस ओर नागरिकों व्दारा ध्यान देना आवश्क है.

कुएं अधिग्रहित किए गए
चिखलदरा तहसील के पांच गांवों को टैंकर से जलापूर्ति शुरु हो गई है. ग्रीष्मकाल के दिनों मे कुल 22 गांवों में भीषण जलसंकट का सामना आदिवासियों को करना पडता है इसके लिए कुएं और हैंडपंप अधिग्रहित किए गए है.
– जयंत बाबरे,
गटविकास अधिकारी, चिखलदरा

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