अमरावती

सुंदर कलश यात्रा के साथ सतीधाम में भागवत का मंगलारंभ

उमेश व्यास की स्मृति में आयोजन

* निम्बार्की संत कर रहे सुंदर विवेचना
अमरावती/दि.20- शहर के व्यास परिवार खारचीवाला द्वारा 20 से 26 जुलाई दौरान रायली प्लॉट स्थित सतीधाम मंदिर में निम्बार्की संत विश्वामित्र शरण आचार्य, श्रीधाम गोवर्धन के मुखारविंद से श्रीमद भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन किया गया है. परिवार के उमेश व्यास की पावन स्मृति में आयोजित कथा की कलश यात्रा गुरुवार को सबेरे 8 बजे निवासस्थान रामदेव बाबा मंदिर प्रभात चौक से सतीधाम मंदिर रायली प्लॉट हेतु निकाली गई. कथा स्थापना और पूजन पश्चात मंगलारंभ हुआ. योगेश व्यास और व्यास परिवार के सर्वश्री मिश्रीलाल, पुखराज, कमल, घनश्याम, अशोक, हरिकिसन, श्रीकिसन, जयकिसन,राधाकिसन, सुभाष, राजेश, सुरेश, नरेश आदि ने पोथी का पूजन कर उसे सिर पर रखकर कलश यात्रा में उत्साह से सहभाग किया.
महिलाएं सुंदर चूनरी की साड़ी परिधान किए थी. उसी प्रकार युवतियों ने कलश के साथ वृंदावन भी लिया. उसी प्रकार भागवत कथा आयोजन के प्रति थिरककर आनंद व्यक्त किया. अनेक जगह मंगल, सुंदर कलश यात्रा का पुष्पवृष्टि से स्वागत हुआ. पूज्य कथा प्रवक्ता गोवर्धन धाम से पधारे निम्बार्की संत विश्वामित्र शरण आचार्य को सुंदर बालाजी रथ में विराजमान किया गया था. नगरवासियों ने उन्हें सादर नमन कर और पुष्पमालाएं पहनाकर उनका सत्कार किया. इस समय सर्वश्री शिवनारायण पांडे, पुखराज व्यास, कमल व्यास, श्रीकिसन व्यास, रामेश्वर उपाध्याय, लक्ष्मीकांत खंडेलवाल, ओमप्रकाश शर्मा, दीपक व्यास, सागर व्यास, प्रशांत व्यास, रीतेश आसोपा, कन्हैयालाल गोयल, शंकरलालजी ओझा, श्रीकिसन ओझा, सत्यनारायण ओझा, श्यामसुंदर जोशी, बल्लू छांगानी, आत्माराम उपाध्याय, सुरेश पांडे, कमल पांडे, विशाल उपाध्याय, राधाकिसन उपाध्याय वरंगलवाले, विजय ओझा, विनोद ओझा, रवि ओझा, घनश्याम व्यास, मनीष उपाध्याय आदि अनेक की उत्साहपूर्ण उपस्थिति रही.
रायली प्लॉट स्थित सतीधाम मंदिर में आज से 26 जुलाई तक भागवत कथा का रोजाना दोपहर 3 से 6 बजे तक पूज्य प्रवक्ता द्वारा विवेचन होगा. ऐसे ही शुक्रवार 21 जुलाई को शुकदेव जन्म, परीक्षित जन्म, भीष्म चरित्र, शनिवार 22 जुलाई को कपिलोपाख्यान, सती चरित्र, रविवार 23 जुलाई को श्रीराम और कृष्ण जन्मोत्सव, सोमवार 24 जुलाई को श्रीकृष्ण बाल लीलाएं, मंगलवार 25 जुलाई को रासलीला, कंस वध, बुधवार 26 जुलाई को परीक्षित मोक्ष, कथा विश्राम ऐसा क्रम है.

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