अमरावती

भाग्यश्री, पूजा, मनीषा, रीना ने संभाला स्टेयरिंग

अमरावती डिपो में 15 लडकियों को पोस्टिंग

* मोर्शी, चांदूर रेलवे और बाजार, परतवाडा, वरुड में नियुक्तियां
अमरावती/दि.11- डेढ साल की ट्रेनिंग और कोरोना महामारी के कारण 10 महीनों का प्रलंबित इंतजार तथा एसटी कर्मियों की हडताल की बाधाओं को पार कर आखिरकार अमरावती और अकोला की 15 लडकियों को राज्य परिवहन निगम एसटी की ड्राइविंग सीट का जिम्मा प्राप्त हो गया है. गुरुवार को अंतिम परीक्षण के बाद पहले चक्र में 15 लडकियों को बतौर ड्राइवर अमरावती डिपो में नियुक्तियां दी गई है. विभागीय नियंत्रक नीलेश बेलसरे ने खुद इन लडकियों का एसटी बस चलाने का परीक्षण लिया और फिर नियुक्तिपत्र दिए जाने की जानकारी है. फिलहाल जिले के देहाती भागों में बस चलाने की जिम्मेदारी दी गई है. मोर्शी, चांदूर बाजार, चांदूर रेलवे, वरुड और परतवाडा में लडकियों को बस चलाने कहा गया है.
* इनका हुआ चयन
महिलाओं को एसटी बस ड्राइवर के रुप में नियुक्त करने का निर्णय 4 वर्ष पहले किया गया था. जिसके बाद डिपो निहाय सिलेक्शन किए गए. उन्हें बस चलाने का प्रशिक्षण विविध चरणों में दिया गया. सभी परीक्षणों और वर्ग में सफल रही 15 उम्मीदवारों को अंतत: नियुक्तिपत्र दिए जाने की जानकारी है. उनमें मनीषा भगत, पूजा बोरकर, आरती भटकर, रीना जीवने, प्रिया काले, राजश्री इंगोले, कांचन तुमडाम, अश्विनी ढिगवार, प्रांजली डब्बावार, सौ. मनीषा भास्कर जउलकार, सरिता शास्त्रकार, भाग्यश्री परनाटे, कीर्ति बोंद्रे और सौ. शुभांगी रविंद्र खेडकर का समावेश है.
* बडी ट्रेनिंग, अनेक परीक्षण
सूत्रों ने बताया कि चुनी गई लडकियों में अनेक उच्च शिक्षित होने के साथ उन्हें बस चलाने की बडी ट्रेनिंग दी गई. पहले कक्षाओं में बताया गया. फिर ट्रेनर के साथ शंकर चौधरी तथा अन्य ने एसटी की विशेष रुप से बनाई गई बसों में दर्जनो किमी वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण पश्चात उनके चरण दर चरण परीक्षण लिए गए. जिसमें पास होने के बाद उनका अब चालक के रुप में चयन हुआ है. एक चयनित उम्मीदवार ने बताया कि निश्चित ही एसटी बस चलाना बडी जिम्मेदारी है. दर्जनों मुसाफिरों को उनके स्थान पर सुरक्षित पहुंचाना होता है. एसटी का नारा भी है सुरक्षित प्रवास.

 

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