शहर में भाईगिरी व माफिया राज को नहीं पनपने देंगे
अमरावती मंडल से विशेष साक्षात्कार में बोले पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी
* सोशल पुलिसिंग पर अमल को बताया अपनी प्राथमिकता
* सामाजिक सौहार्द व सद्भाव का माहौल बनाए रखने की बात कही
* पुलिस कर्मियों के स्वास्थ्य व आवास की ओर भी दे रहे पूरा ध्यान
* शेष व अंतिम भाग
अमरावती /दि.21- 8 माह पूर्व शहर पुलिस आयुक्तालय की कमान संभालने वाले शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी द्बारा दैनिक अमरावती मंडल के साथ की गई विशेष बातचीत का पहला हिस्सा विगत शनिवार 19 अगस्त को प्रकाशित किया गया था. जिसका दूसरा हिस्सा आज अमरावती मंडल के पाठकों के समक्ष प्रस्तूत है. इस बातचीत के दौरान सीपी रेड्डी ने अपने अनुभवों के आधार पर कहा कि, किसी भी बडे अपराधी की शुरुआत छोटी-छोटी अपराधिक वारदातों से होती है और आगे चलकर वह ‘भाई’ या ‘माफिया’ बनने का प्रयास करता है. ऐसे मेें उन्होंने ऐसे तथाकथित ‘डॉन’ और उनके गैंग को पनपने ही नहीं देने की रणनीति को अमल में लाना शुरु किया है. जिसके तहत सभी पुलिस थानों की प्रत्येक बीट में 100-100 लोगों की मोहल्ला कमिटी बनाई जा रही है और प्रत्येक थाना स्तर पर कम से कम 500 लोगों की शांतता समिति स्थापित की गई है. इन मोहल्ला कमिटियों व शांतता समितियों में समाज के विभिन्न वर्गों व क्षेत्रों के सभ्य नागरिकों का समावेश किया गया है. जिनका पुलिस के साथ सीधा संपर्क रहता है और यदि किसी भी इलाके में किसी भी छुटभैये अपराधी द्बारा छोटी-मोटी वारदातों को अंजाम देते हुए आगे चलकर ‘भाई’ बनने या अपना गैंग बनाने का प्रयास किया जाता है, तो पुलिस उससे समय रहते निपट सकती है. ताकि आगे चलकर कोई बडा सिरदर्द न पैदा हो.
* किसी को भी कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं
इस बातचीत के दौरान सीपी रेड्डी ने यह भी कहा कि, राज्य में गौहत्या प्रतिबंधक कानून लागू है. परंतु इसके बावजूद भी कटाई हेतु गोवंश की तस्करी चोरी-छीपे तरीके से कुछ लोगों द्बारा की जाती है. इसकी ओर शहर पुलिस का पूरा ध्यान और आए दिन गोवंश तस्करी के मामलों को पुलिस द्बारा पकडकर उजागर भी किया जाता है. जिसका सीधा मतलब है कि, गोवंश तस्करी के मामले में पुलिस की आंखें बंद करके हाथ पर हाथ धरे हुए नहीं बैठी है. ऐसे में किसी ने भी गोवंश तस्करी को लेकर धार्मिक भावनाएं भडकाने और कानून को अपने हाथ में लेने का प्रयास नहीं करना चाहिए. समय पडने पर ऐसे लोगों से भी पुलिस सख्ती के साथ निपटेगी.
* नशे के खिलाफ सभी के सामूहिक प्रयास जरुरी
इन दिनों शहर में बढ रहे नशे के कारोबार पर अपनी चिंता जताते हुए सीपी रेड्डी ने कहा कि, वे शहर को नशामुक्त रखने के लिए पूरी तरह से गंभीर और प्रतिबद्ध है. इसके तहत जहां एक ओर शहर पुलिस द्बारा नशे के सौदागरों की नकेल कसने का काम किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर किशोरवयीन बच्चों व युवाओं को नशे की चपेट में आने से बचाने के लिए व्यापक स्तर पर जनजागृति अभियान चलाया जा रहा है. इसी के तहत विगत दिनों फुड एण्ड ड्रग्ज एवं एक्साइज विभाग के साथ-साथ दवा विक्रेताओं के संगठन के साथ ही संयुक्त बैठक की गई. जिसमें इस बात को लेकर विशेष तौर पर चर्चा की गई थी. इन दिनों मादक पदार्थों के साथ-साथ कुछ खास किस्म की दवाओं का नशे के तौर पर प्रयोग किया जा रहा है. ऐसे में शेड्यूल्ड श्रेणी में रहने वाली दवाओं की विक्री का काम पारदर्शक तरीके से किया जाए. इसके अलावा सभी स्कूल व कॉलेजों के मुख्याध्यापकों व प्राचार्यों के साथ भी बैठक करते हुए उन्हें अपनी-अपनी शिक्षा संस्थाओं में नशामुक्ति अभियान चलाने का निर्देश दिया गया. ताकि बच्चों को नशे से दूर रखा जा सके. इसके साथ ही शहर में चलने वाली अवैध शराब व गावरानी शराब के व्यवसाय को भी पूरी तरह से खत्म करने की प्रतिबद्धता दर्शाते हुए सीपी रेड्डी ने कहा कि, अब शहर पुलिस ने किसी भी किस्म के अवैध शराब व्यवसाय में लिप्त रहने वाले लोगों के खिलाफ एमपीडीए व तडीपारी की कार्रवाई करनी शुरु कर दी है.
* यातायात व्यवस्था को जल्द किया जाएगा चूस्त-दुरुस्त
शहर में इन दिनों काफी हद तक बेतरतीब हो चुकी यातायात व्यवस्था की ओर ध्यान दिलाए जाने पर सीपी रेड्डी ने कहा कि, अव्वल तो इन दिनों शहर के कई प्रमुख मार्गों पर सडकों के निर्माण अथवा दुरुस्ती का काम चल रहा है. वहीं दूसरी ओर शहर में वाहनों की संख्या बेतहाशा बढ गई है और प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों में सडके अब संकरी साबित होने लगी है. जिसकी वजह से यातायात को लेकर काफी हद तक समस्याओं का सामना करना पडता है. इन सबके साथ ही अमरावती में आम नागरिकों के बीच सडक सुरक्षा को लेकर जागरुकता व अनुशासन की कुछ हद तक कमी है. ऐसे में शहर यातायात पुलिस विभाग द्बारा एक ओर तो शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर यातायात पुलिस कर्मियों की तैनाती करते हुए वाहनों की सुरक्षित आवाजाही को सुनिश्चित करने का काम किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर आम नागरिकों के बीच भी सडक सुरक्षा को लेकर जनजागरुकता की जा रही है. इसके अलावा यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करते हुए उनसे भारी भरकम जुर्माना भी वसूल किया जा रहा है. ताकि जुर्माने के भय से लोगबाग यातायात नियमों को लेकर सजग व सतर्क रहे. इसके अलावा शहर मेें यातायात को सुचारु रखने एवं किसी भी अपराधिक वारदात के घटित होने पर सबूत जुटाने के लिए शहर के प्रमुख चौक-चौराहें पर सीसीटीवी कैमरे लगाने को लेकर भी तमाम आवश्यक प्रयास किए जा रहे है.
* पुलिस कर्मियों की समस्याओं पर भी पूरा ध्यान
आम नागरिकों के जानोमाल की सुरक्षा के लिए 24 घंटे तत्पर व चौकस रहने वाले पुलिस महकमे के अधिकारियों व कर्मचारियों की भी अपनी कुछ समस्याएं व दिक्कतें होती है. इस बात की ओर ध्यान दिलाते हुए सीपी रेड्डी ने कहा कि, शहर पुलिस विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों हेतु सर्वसुविधायुक्त आवास उपलब्ध करवाने के लिए पुलिस वसाहत बनाने का काम चल रहा है. इसके अलावा जो पुलिस कर्मी अपना स्वतंत्र घर बनाना चाहते है, उन्हें पुलिस हाउसिंग बोर्ड व पुलिस वेलफेअर फंड से 25 लाख रुपए तक गृहकर्ज भी उपलब्ध कराया जाता है. इसके अलावा पुलिस कर्मियों के बच्चों को बेहतरीन शिक्षा-दीक्षा उपलब्ध हो, इस हेतु पुलिस पब्लिक स्कूल का बेहतरीन ढंग से संचालन किया जा रहा है और वहां पर अच्छी पढाई-लिखाई के सभी साधन उपलब्ध कराए गए है. इसके अलावा शहर पुलिस आयुक्तालय में पदस्त रहने वाले 45 वर्ष से अधिक आयु गुट के सभी पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों हेतु हाल ही में स्वास्थ्य जांच अभियान चलाया गया. इसके अलावा पुलिस कर्मियों के परिजनों हेतु हमेशा ही विभिन्न तरह के सांस्कृतिक व मनोरंजनात्मक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते रहते है.
* पहले की तुलना में कही अधिक ‘क्विक रिस्पॉन्स’
इस बातचीत के दौरान सीपी रेड्डी ने कहा कि, पुलिस विभाग द्बारा शुरु की गई ‘डायल 112’ सेवा के शानदार नतीजे सामने आने लगे है और इसे बेहतरीन प्रतिसाद भी मिलने लगा है. जिसे देखते हुए इस सेवा को और भी अधिक प्रभावी व कारगर बनाने पर काम किया जा रहा है. इसके तहत जहा पहले ‘डायल 112’ पर कॉल करने के बाद पुलिस सहायता मिलने में 15 से 20 मिनट का समय लगा करता था, वहीं अब 8 मिनट के भीतर पुलिस सहायता उपलब्ध कराई जा रही है. साथ ही सहायता पश्चात कॉल करने वाले व्यक्ति से कन्फर्मेशन कॉल के जरिए उसकी प्रतिक्रिया भी ली जाती है और ऐसी प्रतिक्रियाओं के आधार पर ही ‘डायल 112’ के काम में सुधार किया जा रहा है.