अमरावती/दि. 25– राष्ट्रीय पिछडा वर्ग मोर्चा और भारत मुक्ती मोर्चा ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के विरोध में और सभी चुनाव बैलेट पेपर से लेने की मांग करते हुए आंदोलन जारी रखा हैं. आंदोलन का चौथा चरण 30 अक्तूबर को होगा. जिसमें भारत बंद का आवाहन किया गया है. यह जानकारी आज दोपहर यहां आयोजित प्रेस वार्ता में अध्यक्ष सुधाकर टोकसे, राज्य उपाध्यक्ष डॉ. पंंचशीला मोहोड ने दी. राज्य सदस्य प्रवीण सवाई और अन्य उपस्थित थे.
उन्होंने आरोप लगाया कि इवीएम से चुनाव में धांधली होती हैं. उनके द्बारा मीडिया को दिए गये पत्रक में आरोप लगाया गया कि व्यवस्था पर ब्राह्मणों का कब्जा हैं. ईवीएम के माध्यम से देश की जनता के साथ धोखाधडी हो रही है. 2004 से ही ईवीएम के माध्यम से चुनाव हो रहे हैं. आज तक जो सरकारें बनाई गई वह ईवीएम में धांधली करके ही बनाई गई. 2004 से 2014 तक सत्ता कांग्रेस के पास थी. 2014 से अब बीजेपी के पास हैं. बीजेपी अब 33 विधानसभा में सत्ता के पास हैं. ये सारा षडयंत्र इवीएम के बूते बरकरार है. 2004 के बाद कई राज्यों में भाजपा की और कांग्रेस की सरकारे रही है. ब्राह्मणों ने मनी, माफिया, मीडिया का उपयोग कर अपना वर्चस्व कायम रखा. मोर्चे ने आरोप लगाया कि अगस्त में जब कोर्ट ने कोटा में कोटा का आर्डर जारी रखा तो एसटी और एससी के सारे लोग चर्चा में लग गये और इवीएम का मुद्दा गायब कर दिया गया.
उन्होंने आरोप लगाया कि इवीएम डेटा मिसमैच हुआ हैं. 5 लाख 54 हजार वोट बडे हैं. यह बडा खुलासा हैं. 538 सीटों पर डाले गये वोट और गिने गये वोट में फर्क रहने का दावा एक डिजिटल प्लेटफार्म पर किया गया है. उसका शासन और प्रशासन संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाया है. बैलेट पेपर से ही चुनाव करवाने की मांग भारत मुक्तिमोर्चा ने उठाई है. उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम और चौधरी विकास पटेल हैं.