डॉ. अमीत मालपे के खिलाफ धाराएं बढाने का किया निवेदन चार डॉक्टरों को भी आरोपी बनाने की मांग
अमरावती/दि.5– गर्भाशय निकालने के ऑपरेशन में अक्षम्य लापरवाही बरतते हुए मरीज के इलाज में कोताही करने और लापरवाही की वजह से मरीज के शरीर को नुकसान पहुंचाने के मामले में इन्साफ पाने हेतु शहर की ख्यातनाम फार्मासिस्ट तथा रणरागिणी महिला फार्मासिस्ट फाउंडेशन (महाराष्ट्र) की अध्यक्षा भारती मनीष मोहोकार ने अब स्थानीय अदालत में गुहार लगायी है. अपनी वकील एड. सपना जाधव के जरिये इस मामले को लेकर दायर याचिका में भारती मोहोकार ने अदालत से निवेदन किया है कि, इस मामले में मुख्य आरोपी डॉ. अमीत मालपे के साथ ही अन्य चार डॉक्टरों को भी आरोपी बनाया जाये तथा मामले की गंभीरता को देखते हुए विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज करने का निर्देश पुलिस को दिया जाये.
अपनी याचिका में भारती मोहोकार द्वारा अदालत को बताया गया कि, 11 दिसंबर 2020 को डॉ. स्नेहा राठी के अस्पताल में गर्भाशय की थैली निकालने का ऑपरेशन करने हेतु खुद उन्हें यानी भारती मोहोकार को मरीज के तौर पर भरती किया गया था. जहां पर डॉ. अमीत मालपे ने बडे लापरवाहपूर्ण तरीके से यह ऑपरेशन किया. जिसके चलते मरीज की किडनी को नुकसान पहुंचा. जिससे जबर्दस्त रक्तस्त्राव शुरू हो गया. इस समय डॉ. स्नेहा राठी व डॉ. अमीत मालपे ने पेट की ओपन सर्जरी करने का फैसला किया. किंतु इस चक्कर में कुछ ज्यादा बडा चीरा मार दिया गया. जो करीब ढाई घंटे तक खुला रहा. इसी दौरान ऑपरेशन के समय प्रयोग में लायी जानेवाली कोटरी को मरीज की जांघ से सटाकर रखा गया. जिससे जांघ बुरी तरह से जल गई और वहां भयानक जख्म हो गई. किंतु ऑपरेशन के पश्चात दस दिन तक अस्पताल में भरती रखे जाने के बावजूद इस जख्म का योग्य तरीके से इलाज नहीं किया गया. जिसकी वजह से वहां पर अल्सर जैसी भयानक बीमारी हो गई. इसके साथ ही ऑपरेशन के बाद मरीज के पेट में भी तकलीफ लगातार बढ रही थी. जिसकी यूरोलॉजीस्ट द्वारा जांच कराये जाने पर पता चला कि, ऑपरेशन के दौरान किडनी को कुछ चोट पहुंची है. जिसकी वजह से उनकी एक किडनी खराब हो गई है. ऐसे में अब पेशंट को दैनंदिन जीवन में काम करना काफी मुश्किल जा रहा है. इस पूरे मामले को लेकर अमरावती शहर पुलिस आयुक्त व गाडगेनगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए पांच डॉक्टरों के खिलाफ भादंवि की धारा 326, 338, 339, 384, 385, 387 व 34 के तहत अपराध दर्ज करने को लेकर शिकायत दी गई थी. किंतु जिला शल्य चिकित्सक की रिपोर्ट के बाद गाडगेनगर पुलिस थाने में केवल डॉ. अमीत मालपे के खिलाफ भादंवि की धारा 338 के तहत ही अपराध दर्ज किया गया. वहीं विगत डेढ वर्ष के दौरान इस मामले में जांच अब तक आगे नहीं बढी. ऐसे में धारा 156 (3) के तहत भारती मोहोकार ने अपनी वकील एड. सपना जाधव के मार्फत स्थानीय मुख्य न्याय दंडाधिकारी की अदालत में गुहार लगाते हुए मांग की है कि, मरीज का लापरवाहपूर्ण ढंग से इलाज करनेवाले पांचों डॉक्टरों के खिलाफ विभिन्न धाराओें के तहत अपराध दर्ज करते हुए दंडात्मक कार्रवाई की जाये.