सीएस केबिन में भीम ब्रिगेड द्वारा आत्मदाह की कोशिश
घबराया जिला अस्पताल प्रशासन
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* डीसीपी शिंदे की सफल मध्यस्थता
* अत्याचार पीडित बच्ची के उपचार में विलंब
* दोनों परिचारिकाओं को निलंबित करने की मांग
अमरावती/दि. 12 – जिला सामान्य अस्पताल के सर्वेसर्वा शल्य चिकित्सक डॉ. दिलीप सौंदले के केबिन में आज भरी दोपहर सवा बारह बजे भीम ब्रिगेड के राजेश वानखडे और अन्य सदस्यों ने दो परिचारिका को निलंबित करने की मांग लेकर आत्मदाह की कोशिश की. जिससे अस्पताल प्रशासन की सिट्टीपिट्टी गुम हो गई. खलबली मची. आननफानन में पुलिस और कमांडो बुलाए गए. डीसीपी गणेश शिंदे ने मध्यस्थता कर केबिन से आत्मदाह पर आमादा कार्यकर्ताओं को जबरन बाहर निकाला, कोतवाली ले गए.
* परिचारिकाओं का निलंबन क्यों?
भीम ब्रिगेड के राजेश वानखडे ने दावा किया कि, पिछले माह दर्यापुर तहसील अंतर्गत चार वर्ष की बच्ची से रेप जैसा घिनौना अपराध हुआ था. पीडिता को जिला अस्पताल लाया गया था. वहां मौजूद परिचारिकाओं ने पीडिता के परिजनों से कथित रुप से दुर्व्यवहार किया. उपचार में भी देरी करने का आरोप भीम ब्रिगेड ने लगाया है. उन्होंने कुछ दिन पहले जिला शल्य चिकित्सक को पत्र देकर उस दिन ड्यूटी पर तैनात परिचारिकाओं को निलंबित करने की मांग रखी थी.
* मांग पूरी नहीं, आज आंदोलन
भीम ब्रिगेड आक्रामक आंदोलन के लिए जानी जाती है. पखवाडे भर बाद भी गैर जिम्मेदार नर्सेस के निलंबन का आदेश जारी नहीं होने से गुस्साई ब्रिगेड के कार्यकर्ता वानखडे, जिलाध्यक्ष प्रवीण मोहोड, विक्रम तसरे, रोशन गवई, शुभम राऊत, विजू खंडारे, केवल हिवराले और अन्य आज दोपहर 12 बजे जिला अस्पताल के पीछे खापर्डे बगीचा में गजानन महाराज मंदिर के पीछे स्थित सीएस के नए कार्यालय में पहुंचे. सीएस केबिन में एंट्री लेकर कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरु कर दी.
* उंडेल लिया रॉकेल
कार्यकर्ता अपने साथ मिट्टी तेल की बोतलें लाए थे. उन्होंने सीएस के सामने ही अपनी मांग पूरी करने की जिद की. अभी ऑर्डर जारी करने का अनुरोध करते हुए नारे लगाए. फिर अचानक कार्यकर्ताओं ने खुद पर मिट्टी तेल उंडेल लिया. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन में भागमभाग मची. तुरंत-फुरंत सुरक्षा गार्ड पहुंचे. उन्होंने तीली लगाने से कार्यकर्ताओं को रोका. पुलिस को भी खबर की गई.
* डीसीपी पहुंचे, घसीटा केबिन से
पुलिस को इत्तला की गई थी. थानेदार कोटनाके स्टाफ के साथ पहुंचे. कमांडो भी मौके पर बुला लिए गए थे. डीसीपी गणेश शिंदे ने वानखडे और साथियों से बात की. वानखडे अपनी निलंबन की मांग पर अडे रहे. उन्हें अरेस्ट करने की कोशिश करने पर वे फर्श पर बैठ गए तब पुलिस कर्मियों सभी को घसीटकर बाहर निकाला और वैन में डालकर सिटी कोतवाली ले गए. इस दौरान ब्रिगेड के कार्यकर्ता नारे लगा रहे थे.
* सीएस सौंदले सकपका गए
जिला शल्य चिकित्सक दिलीप सौंदले पूरे मामले से बुरी तरह सकपका गए. उनके मुंह से शब्द नहीं निकल रहे थे. उन्होंने डीसीपी के बुलावे पर समाचार लिखे जाने तक अपने स्टाफ के साथ सिटी कोतवाली का रुख किया था.
* शिंदे की सूझबूझ
डीसीपी गणेश शिंदे ने गजब की सहनशीलता और सूझबूझ का परिचय दिया. मिनटों में वे आंदोलनकारियों को मनाकर और घसीटकर कोतवाली ले गए. जिससे अस्पताल प्रशासन थोडी ही देर में राहत की सांस ले सका. समाचार लिखे जाने तक सीएस के कार्यालय के बाहर पुलिस का पहरा तैनात था. जबकि कार्यकर्ता नर्सेस का निलंबन न होने तक आंदोलन जारी रखने और शहर में कहीं भी किसी भी समय आत्मदाह करने की बात कहते रहे.