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शिव महापुराण कथा पंडाल का हुआ भूमिपूजन

हजारों भाविक श्रद्धालुओं की रही मौजूदगी

* 100 एकड परिसर में साकार होगा भव्य-दिव्य पंडाल
* 10 लाख लोगों के बैठने की रहेगी व्यवस्था
* 16 से पं. प्रदीप मिश्रा सुनाएंगे शिव महापुराण कथा
अमरावती/दि.5- समीपस्थ छत्री तलाव मार्ग पर साकार होने जा रहे हनुमान गढी में आगामी 16 दिसंबर से अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा की शिवमहापुराण कथा का आयोजन होने जा रहा है. जिसके लिए 100 एकड परिसर में 10 लाख लोगों के बैठने की क्षमता वाला भव्य-दिव्य पंडाल साकार किया जाना है. जिसका आज विधिवत तरीके से भूमिपूजन किया गया. इस अवसर पर जिले की सांसद नवनीत राणा, विधायक रवि राणा, शक्तिपीठाधीश्वर शक्ति महाराज, संत कंवरराम साहिब की चतुर्थ ज्योत साई राजेशलाल जी, शिवधारा मिशन के पूज्य साई डॉ. संतोषकुमार जी, कथा के संयोजक लप्पीसेठ उर्फ चंद्रकुमार जाजोदिया, सुनील राणा, नीलकंठराव कात्रे सहित दैनिक अमरावती मंडल के संपादक व राजस्थानी हितकारक मंडल के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, सिटी न्यूज के संपादक चंदू सोजतिया, पवन जाजोदिया, जयवंत वानखडे, अचीत जाजोदिया, प्रा. अजय गाडे, अजय मोरया व कमलकिशोर मलानी के हाथों वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच होम हवन, जल पूजन व मिट्टी पूजन के विधान पूर्ण किए गए.

इस अवसर पर सुधा तिवारी, ज्योति सेरिसे, सुमति ढोके, जीतू दुधाने, वीरेंद्र उपाध्याय, नितिन बोरेकर, शैलेंद्र कस्तुरे व मिलिंद कहाले ने सभी उपस्थितों को संबोधित करते हुए पूरे कार्यक्रम की रुपरेखा समझाई. साथ ही इस समय विविध समितियों का गठन करते हुए उन्हें आयोजन से संबंधित अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई. इस समय बताया गया कि इस कार्यक्रम में करीब 10 लाख लोग उपस्थित रहेंंगे. जिन्हें किसी भी तरह की कोई असुविधा न हो, इस हेतु करीब 10 हजार स्वयं सेवकों व्दारा सेवा प्रदान की जाएगी. साथ ही 15 दिसंबर को जिला स्टेडियम से हनुमान गढी तक पंडित प्रदीप मिश्रा व कई संतो, महंतों की उपस्थिति में 1 लाख महिलाओं की भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी. इस कलश यात्रा में जो महिलाएं मंगल कलश धारण कर शामिल होंगे. उन सभी महिलाओं के लिए कथा स्थल पर पांचों दिन सबसे सामने विशेष वीआईपी कक्ष में व्यवस्था की जाएगी.
इस भूमिपूजन कार्यक्रम की सफलता हेतु विनोद येवतीकर, विनोद जायलवार, सचिन भेंडे, विनोद गुहे, दादाराव महल्ले, पवन केशरवानी, दिनेश सेठिया, मंगेश इंगोले, प्रवीण साबले, राजाभाउ बागडे, किरण अंबाडकर, सोनू रुंगदा, राजाभाउ बाखडे, शिवाजी केंद्रे, धनंजय लोणारे, विक्की बिसने, शंकर डोंगरे, भूषण पाटणे, आशीष कावरे, सतीश मिश्रा, अलका इंगोले, अनूप अग्रवाल, नीलेश भेंडे, अनूप खडसे, महेंद्र मिश्रा, मिलिंद बुंबले, सारिका अवघड, मीरा कोलटेके, शोभा किटके, आशीष गावंडे, लाटेकर काका व संजय मुंंडले आदि सहित अनेकों ने महत प्रयास किए.

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