अमरावती

न्यू आझाद गणेशोत्सव मंडल के भव्य मंडप का भूमिपूजन

दिनेश बूब समाज सेवा का वह आश्रम चलाते है जहां से कोई खाली हाथ नहीं जाता- डॉ. सुनिल देशमुख

* शिवटेकडी के कडव दम्पत्ति के हाथों श्री का पूजन
* विविध मान्यवरों की उपस्थिति में पंडाल निर्माण का श्रीगणेशा
अमरावती/दि.15 – स्थानीय इर्विन चौक स्थित न्यू आझाद गणेशोत्सव मंडल में इस वर्ष के गणेशोत्सव की तैयारियां शुरु हो गई है. गुरुवार को यहां भव्य मंडप का भूमिपूजन विविध मान्यवरों की उपस्थिति में किया गया. इस अवसर पर मंडल के सर्वेसर्वा दिनेश बूब ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए बताया कि, 1982 में न्यू आझाद गणेशोत्सव मंडल की स्थापना की गई. वर्ष 1986 से दिनेश बूब न्यू आझाद गणेशोत्सव मंडल की जिम्मेदारी संभाल रहे है. उन्होंने मंडल के अब तक के कार्यों पर भी प्रकाश डाला. इस दौरान शिवटेकडी पर सफाई कर्मचारी के रुप में कार्यरत रविंद्र कडव व शारदा कडव दम्पत्ति के हाथों भगवान गणेश की विधिवत पूजा अर्चना की गई. पश्चात अरुण देशमुख महाराज बेलोरकर के मंत्रोपचार के बीच विविध मान्यवरों के हस्ते कुदाली मारकर मंडप निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया गया. इस अवसर पर पूर्व मंत्री तथा कांग्रेस के नेता डॉ. सुनिल देशमुख दै. अमरावती मंडल व मातृभूमि के संपादक अनिल अग्रवाल, दै. हिंदूस्थान के संपादक विलास मराठे, पूर्व महापौर मिलिंद चिमोटे, विलास इंगोले, बबलू शेखावत समेत विविध मान्यवर प्रमुख रुप से उपस्थित थे.
समूचे विदर्भ में प्रसिद्ध न्यू आझाद गणेश उत्सव मंडल द्बारा इस वर्ष भी गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया जाएंगा. विगत 2 वर्ष में कोरोना के कारण गणेशोत्सव के आयोजन पर मर्यादाएं आयी थी. लेकिन अब कोरोना की बंदिशे हट गई है. जिससे नये जोश व उत्साह के साथ इस वर्ष का गणेशोत्सव मनाया जाएंगा. भूूमिपूजन समारोह में पूर्व मंत्री डॉ. सुनिल देशमुख ने कहा कि, विलास इंगोले ने जो कहा वह सच है कि, दिनेश बूब समाज सेवा का वह आश्रम चलाते है, जहां आने वाला हर व्यक्ति कुछ ना कुछ पाकर जाता है. कोई खाली हाथ नहीं लौटता. उनके जैसा भगवान गणेश का भक्त समाज मेें शायद ही मिलेगा. जो ईश्वर की आराधना कर केवल 1 या 2 महिने नहीं बल्कि साल के 365 दिन समाज की सेवा के लिए खुद को समर्पित करता है. इस मंडल ने गणेशोत्सव दौरान अब तक जो झांकियां तैयार की है, वह लोगों के दिल में बस चुकी है. भव्य-दिव्य स्वरुप में दिनेश बूब न्यू आझाद गणेशोत्सव मंडल के माध्यम से इस त्यौहार को धूमधाम से मनाने और समाज के हर वर्ग को शामिल करने का प्रयास करते है. एक दौर ऐसा भी था, जब गणेशोत्सव दौरान राज्य में कई जगह माहौल बिगडा, शांति भंग करने का प्रयास हुआ. लेकिन विगत 15 वर्षों से न्यू आझाद गणेशोत्सव मंडल इस पर्व को भव्य उत्सव की तरह मना रहा है. कोरोना काल में गणेश भक्त इस उत्सव से वंचित रहें, लेकिन आने वाले समय में 10 दिवसीय आयोजन के साथ विसर्जन शोभायात्रा फिर एक बार शहर को देशस्तर पर चर्चा में लाएंगी, यह विश्वास भी उन्होंने व्यक्त किया.
पूर्व महापौर मिलिंद चिमोटे ने बताया कि, वे छात्र जीवन से दिनेश बूब को जानते है. सामाजिक एवं धार्मिक कार्य में उनका जो योगदान है, वह सराहनीय है. आने वाले समय में वे इसी प्रकार गणेश आराधना के साथ जनसेवा का कार्य करते रहेंगे. विलास इंगोले ने कहा कि, न्यू आझाद गणेशोत्सव मंडल की झांकी को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते है. राजनीति के क्षेत्र में कई लोग है, लेकिन साल के 365 दिन समााजिक कार्य करने वाला एकमात्र व्यक्ति दिनेश बूब है, जो विविध उपक्रमों के जरिए समाज के जरुरतमंदों का सहारा बनते है. उनके द्बारा स्थापित विदर्भ की परंपरा एवं वैभव को वे पूर्ववत करेंगे, ऐसी अपेक्षा उन्होंने व्यक्त की. इस दौरान कांग्रेस शहराध्यक्ष बबलू शेखावत, संपादक विलास मराठे व अन्य मान्यवरों ने भी दिनेश बूब व न्यू आझाद गणेशोत्सव मंडल परिवार को शुभकामनाएं दी. कार्यक्रम में स्व. डॉ. गणेश बूब व सामाजिक कार्यकर्ता सोमेश्वर पुसतकर को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. भूमिपूजन समारोह में अखिलेश राठी, महेंद्र यादव, निल माहेश्वरी, राज साखरे, अमित मोतीवाला, राजु शर्मा, संतोष साहू, मुन्ना राठी, गोपाल भूत, गुड्डू तिवारी, योगेश बुंदिले, पूर्व सहायक आयुक्त राहुल ओगले, सेवा निवृत्त कृषि अधिकारी अविनाश क्षिरसागर, पप्पु गगलानी, रविंद्र सलुजा, चंद्रकांत पोपट, शरद कासट, अनिकेत डेंगले, पवन पाटील, गणेश काजे, सुमित गुल्हाणे, स्वप्निल राउत, सागर झोलेकर, शक्ति राठोड, माला तिवारी, मानिक खडसे, चैतन्य गायकवाड, जया डवरे, वैशाली मैथ्युव, जान्हवी मोतीवाला, पुष्पा बूब, रितीका जैन, अल्पना गट्टाणी, खुशी मोतीवाला, खुश मोतीवाला, वैभव दलाल समेत परिसर के नागरिक बडी संख्या में उपस्थित थे.

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