* स्वयं को संविधान से बढकर न समझे निजी स्कूलें
अमरावती/दि.1 – आज हिंदू जनजागृति समिति द्बारा राजकमल चौराहे पर हिंदू राष्ट्र जागृति आंदोलन किया गया. आंदोलन मेें क्रिश्चन संस्थाओं द्बारा संचालित कॉन्व्हेंट स्कूलों में बायबल की सक्ति का विरोध किया गया. सभी को अपने-अपने धर्म का पालन करने का स्वातंत्र्य है. लेकिन किश्चन संस्थाओं द्बारा कॉन्व्हेंट स्कूलों में हिंदू छात्रों को बायबल सिखने की सक्ति की जाती है. इसका विरोध हिंदू जनजागृति समिति द्बारा किया जा रहा है.
कई किश्चन संस्था संचालित कॉन्व्हेंट स्कूलों में प्रवेश के लिए छात्रों को बायबल सिखने की सक्ति की जाती है. स्कूल का वैसा नियम रहने की बात स्कूल प्रशासन द्बारा कहीं जाती है, लेकिन निजी स्कूलों का नियम भारतीय संविधान से बडा कतई नहीं हो सकता. भारतीय संविधान प्रत्येक नागरिक को अपने धर्म का पालन करने का धर्म स्वातंत्र्य देता है. लेकिन उस पर अतिक्रमण कर बायबल सिखाने की सक्ति असंवैधानिक है. कॉन्व्हेंट स्कूलों में हिंदू छात्रों को बायबल पढने के साथ ही तिलक नहीं लगाने, मेहंदी नहीं निकालने, देवताओं के लॉकेट नहीं पहनने की सुचनाएं दी जाती है. लेकिन जब बायबल सिखाने के लिए चर्च है, तो फिर स्कूलों में बायबल सिखाने की सक्ति क्यों, यह सवाल भी हिंदू जनजागृति समिति ने हिंदू राष्ट्र जागृति आंदोलन के माध्यम से उपस्थित किया. आंदोलन में हिंदू जनजागृति समिति के किरण दुसे, भारतीय सिंधु सभा के प्रकाश सिरवानी, गजानन महाराज सेवा समिति के मदन तिरमारे, सनातन संस्था की विभा चौधरी, भूषण दलाल, संजय चौधरी, संजय ठाकरे, सुरेंद्र चौरे, अमोल जगदाडे, लता कुथे, महानंदा चौरे, पुष्पा गुल्हाणे, सुनिता देशमुख, स्मिता ठाकरे आदि शामिल थे.