अमरावतीमहाराष्ट्र

देश की शुगर फैक्टरीयों पर बडा संकट

इथेनॉलनिर्मिती पर निर्बंध के कारण 3 हजार करोड का फटका

मुंबई/दि.13-लोकसभा चुनाव के मुहाने पर देश में शक्कर किल्लत के संकट को टालने के लिए शुगर फैक्टरियों में गन्ने के रस से इथेनॉल निर्मिती पर निर्बंध लगाने के केंद्र सरकार के निर्णय से शक्कर उद्योग को करीब 3 हजार करोड रुपए का फटका लगा है. वर्तमान में देशभर में इथेनॉल निर्मिती के लिए बी-हेवी मोलाईसेस का करीब साढेपांच लाख लीटर मेट्रिक टन का स्टॉक शेष है. समय रहते उसका इथेनॉल में रुपांतर नहीं किया तो यह स्टॉक बर्बाद होगा.
इथेनॉल निर्मिती पर निर्बंध के कारण पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण करने की नीति भी संकट में आई है. इसलिए गन्ने के रस से इथेनॉल निर्मिती पर निर्बंध संंबंध में फिर से विचार करने की मांग राज्य सहकारी शक्कर कारखाना संघ ने केंद्र से की है. इस बार शक्कर उत्पादन की संभावित गिरावट और शक्कर किल्लत का विचार कर केंद्र सरकार ने 7 दिसंबर को एक आदेश के तहत गन्ने का रस और बी-हेवी मोलाईसेस से इथेनॉल उत्पादन करने पर निर्बंध लगाए है. केंद्र ने यह बंदी जिस समय लागू की तब देश में करीब साढेपांच लाख लीटर मेट्रिक टन रस का स्टॉक शेष था. अकेले महाराष्ट्र में गन्ने का रस, मोलाईसेस का करीब 1 हजार करोड कीमत का स्टॉक पिछले कुछ महिने से शेष है. इसका समय पर इथेनॉल में रुपांतर नहीं किया तो वह व्यर्थ होगा. वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय सहकारी शुगर कारखाना महासंघ के अध्यक्ष हर्षवर्धन पाटिल के पास भी देशभर की फैक्टरियों ने अपनी व्यथा रखने के बाद उन्होंने भी इस संबंध में सीधे सहकार मंत्री अमित शहा को पत्र भेजकर इथेनॉल निर्मिती पर लगाई गई निर्बंध हटाने की मांग की है.

* विस्फोट की संभावना
राज्य में गन्ने का रस, मोलाईसेस का करीब 1 हजार करोड का स्टॉक ज्वलनशील रहने से इसका विस्फोट होकर आग लगने का बडा खतरा है. पिछले कुछ महीने से यह स्टॉक पडा रहने से उसकी उपयुक्तता समाप्त होने से पूर्व इथेनॉल निर्मिती को मंजूरी देने का अनुरोध राज्य शक्कर संघ के अध्यक्ष पी.आर.पाटिल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है.

* सकारात्मक प्रयास शुरु है
इथेनॉल निर्मिती पर निर्बंध संबंध में हर्षवर्धन पाटिल से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि, निर्बंध के कारण शुगर उद्योगों के समक्ष खडे संकट संदर्भ में हमने सहकार मंत्री अमित शहा को पत्र द्वारा सूचित किया है. फैक्टरीयों की दिक्कत केंद्र के ध्यान में आई है. इसमें से कोई मार्ग निकालने का सकारात्मक प्रयास शुरु है. जल्द ही इस संबंध में अच्छी खबर आ सकती है.

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