अमरावती सेंट्रल जेल में फिर बडा राडा, कैदियों के दो गुट भिडे
जमकर हुई मारपीट, खाने की प्लेट का धारदार हथियार के तौर हुआ प्रयोग
– 10 से 12 कैदियों सहित दो पुलिस कर्मियों के घायल होने की खबर
– डीसीपी सागर पाटिल व एसीपी पूनम पाटिल लावलश्कर के साथ जेल पहुंचे
– अपराध शाखा के साथ ही सीआईयू, आरसीपी, दामिनी, डीबी स्क्वॉड व सीआर वैन के पथक भी दाखिल
– जेल के सामने पुलिस के 20-25 वाहनों का जमावडा, 60 से 65 पुलिस कर्मियों ने संभाला मोर्चा
अमरावती/दि.27 – आज सुबह स्थानीय मध्यवर्ती कारागार में उस समय हडकंप मच गया, जब जेल में बंद रहने वाले अमरावती व पुणे के कैदियों के गुट आपस में भिड गये और दोनों गुटों के बीच जमकर मारपीट हुई. साथ ही कुछ कैदियों ने खाने की प्लेट को मोडकर उनका धारदार चाकू जैसे हथियारों के तौर पर प्रयोग किया. जिसकी वजह से दोनों गुटों के करीब 10 से 12 कैदियों के घायल होने की खबर सामने आयी. इसके साथ ही कैदियों के बीच हो रहे झगडे को छूडाने व उन्हें एक-दूसरे से दूर करने हेतु बीच-बचाव करने पहुंचे जेल के एक अधिकारी व एक कर्मचारी को भी इन धारदार हथियारों से चोट लगने की जानकारी सामने आयी है. जेल में हुए इस जबर्दस्त राडा की खबर मिलते ही सबसे पहले फ्रेजरपुरा पुलिस के थानेदार रंगनाथ जाधव अपने दल-बल सहित सेंट्रल जेल पहुंचे और उन्होंने हालात पर काबू पाया. साथ ही उनके द्वारा दी गई सूचना मिलने पर शहर पुलिस उपायुक्त सागर पाटिल तथा सहायक पुलिस आयुक्त पूनम पाटिल व शिवाजी बचाटे भी पूरे लावलश्कर के साथ सेंट्रल जेल पहुंच गये थे. जिसके चलते शहर पुलिस के 20 से 25 वाहनों का जमावडा सेंट्रल जेल के सामने लग गया था. साथ ही अपराध शाखा, सीआईयू, आरसीपी, दामिनी, डीबी स्क्वॉड व सीआर वैन पथक के करीब 60 से 65 पुलिस अधिकारी व कर्मचारी भी जेल परिसर पहुंच गये थे. जिन्होंने तुरंत मोर्चा संभालते हुए हालांत को नियंत्रित किया और मामले की जांच शुरु की गई.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक आज सुबह अमरावती से वास्ता रखने वाला एक कैदी मुलाकात के समय अपने परिजनों से मुलाकाती कक्ष में मिलने के बाद जेल की ओर वापिस जा रहा था. तभी पुणे से वास्ता रखने वाले एक कैदी ने अपने कुछ समर्थक कैदियों के साथ उस पर हमला किया तथा उस कैदी पर खाने की प्लेट को मोडकर बनाये गये चाकू जैसे धारदार हथियार से वार किया गया. यह देखकर जेल में बंद अमरावती से वास्ता रखने वाले कुछ अन्य कैदी पुणे के कैदियों पर टूट पडे और दोनों गुट के कैदियों के बीच जमकर हाथापायी होने लगी. इसका पता चलते ही जेल के एक अधिकारी व दो कर्मचारी तुरंत ही बीच-बचाव करने के लिए मौके पर पहुंचे और उन्होंने दोनों गुट के कैदियों को एक-दूसरे से दूर करने का प्रयास किया. इसी दौरान आपसी मारपीट में जहां एक ओर दोनों गुट के 10 से 12 कैदी बुरी तरह घायल हुये. वहीं कैदियों द्वारा किये गये हमले के चलते उक्त जेल अधिकारी व एक जेल कर्मचारी को भी अच्छी खासी चोटे आयी. इसी दौरान जेल प्रशासन द्वारा इस घटना की जानकारी फ्रेजरपुरा पुलिस थाने को दी गई. इस समय शहर में वीआईपी मुवमेंट रहने के चलते फ्रेजरपुरा के थानेदार रंगनाथ जाधव सेंट्रल जेल के पास ही स्थित सरकारी विश्राम भवन परिसर में थे. जहां से वे तुरंत ही अपने दल-बल सहित सेंट्रल जेल पहुंचे तथा उन्होंने हालात को नियंत्रित करते हुए इसकी सूचना अपने वरिष्ठाधिकारी को दी. जिसकी जानकारी मिलते ही डीसीपी सागर पाटिल, एसीपी पूनम पाटिल व शिवाजी बचाटे, अपराध शाखा के पीआई आसाराम चोरमले व गाडगे नगर के थानेदार गजानन गुल्हाने सहित सीआईयू पथक, गाडगे नगर व फ्रेजरपुरा के डीबी स्क्वॉड, दोनों क्राइम यूनिट, आरसीपी, दामिनी पथक व डायल 112 पथक के पुलिस अधिकारी व कर्मचारी भी फटाफट सेंट्रल जेल परिसर पहुंच गये और देखते ही देखते यह परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया.
* घायलों पर जेल अस्पताल में ही इलाज जारी
कैदियों के बीच बनी तनावपूर्ण स्थिति पर काबू पाने के साथ ही पुलिस एवं जेल प्रशासन के अधिकारियों ने इस मारपीट में घायल जेल अधिकारी व कर्मचारी सहित कैदियों को इलाज के लिए जेल के ही भीतर बने अस्पताल में भर्ती कराया. जहां सभी का इलाज चल रहा है.
* घटना से पहले मोड दिया गया था सीसीटीवी कैमरों का रुख
जेल के भीतर पहुंचते ही शहर पुलिस के अधिकारियों ने जेल के अंदरुनी हिस्से में लगे सीसीटीवी कैमरों के फूटेज खंगालने शुरु किये, तो पता चला कि, इस वारदात से पहले ही सीसीटीवी कैमरों का रुख मोड दिया गया था, ताकि सीसीटीवी कैमरों में इस वारदात का फूटेज कैद ही न हो सके. हालांकि कुछ सीसीटीवी फूटेज के जरिए इस वारदात को लेकर बेहद महत्वपूर्ण सुराग पुलिस के हाथ लगे है. जिनके आधार पर मामले की जांच चल रही है.
* इससे पहले भी हो चुका है टकराव
विशेष उल्लेखनीय है कि, कुछ दिन पहले ही अमरावती सेंट्रल जेल में बंद पुणे निवासी मतीन नामक कैदी ने अमरावती से वास्ता रहने वाले कैदी पर अपनी खुन्नस के चलते हमला किया था और उस समय जेल के अधिकारियों ने मध्यस्थता करते हुए टकराववाली स्थिति को टाल दिया था. परंतु यह मामला टला नहीं था, यह बात आज उस समय साबित हुई, जब पुणे के कैदियों ने बाकायदा गुट बनाकर योजनाबद्ध तरीके से अमरावती से वास्ता रखने वाले कैदी पर न केवल धावा बोला, बल्कि जेल के भीतर ही धारदार हथियार तैयार कर उस पर हमला किया. जिसके जवाब में अमरावती से वास्ता रखने वाले कैदियों ने अपने साथी को बचाने के लिए पुणे के कैदियों पर जवाबी हमला किया.
* खुंखार कैदियों को कहीं और किया जा सकता है शिफ्ट
वहीं इस बीच पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हमेशा ही दूसरे कैदियों के साथ लडने-झगडने वाले और उनसे मारपीट करने वाले कुछ खुंखार कैदियों को अब अमरावती की सेंट्रल जेल से राज्य की अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किया जा सकता है. बता दें कि, अमरावती सेंट्रल जेल में इस समय पुणे से वास्ता रखनेवाले करीब 50 कैदी है. जिनमें से कुछ कैदी बेहद खुंखार भी है. इन सभी कैदियों को एक ही बैरक में रखा जाता है. जिसके चलते यह सभी कैदी आपस में झुंड बनाकर दूसरे कैदी पर रौब झाडते है और जेल के भीतर एक तरह से कैदियों के बीच वर्चस्व की लडाई चलती है. आज की घटना को इसी लडाई का परिणाम कहा जा सकता है.