अमरावती

वैवाहिक क्रूरता व दहेज उत्पीड़न के आरोपी बाईज्जत बरी

प्रथम श्रेणी न्यायाधीश ने सुनाया फैसला

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२४ – स्थानीय प्रथम श्रेणी न्यायाधीश देशपांडे ने आरोपी निलेश तिरपुडे व निशा मेश्राम को वैवाहिक क्रूरता व दहेज उत्पीड़न के मामले से बाईज्जत बरी कर दिया है.
इस्तगासे के अनुसार प्रिती गजबे का विवाह आरोपी निलेश तिरपुडे के साथ वर्ष 2014 में हुआ था. शिकायतकर्ता प्रिती ने आरोप लगाया था कि शादी के दो माह बाद आरोपी पति निलेश तिरपुडे, सास शकुंतला व ननद निशा शारीरिक व मानसिक रुप से प्रताड़ित करते थे. वहीं आरोपी निलेश बैंक से कर्ज लेने एवं कार लेने के लिये 3 लाख रुपए की मांग कर रहे थे. जिससे परेशान होकर प्रिती ने गाडगेनगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी. गाडगेनगर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दफा 498 (अ) व 34 के तहत मामला दर्ज किया. इसके बाद मामले की जांच कर जांच अधिकारी ने आरोपियों के खिलाफ दोषारोप पत्र दाखिल किया. सरकारी पक्ष की ओर से शिकायतकर्ता निलेश तिरपुडे, बालकृष्ण गजबे, सुजाता गजबे, माया तिरपुडे व जांच अधिकारी विजय गरुड के बयान दर्ज किये गये. आरोपी की ओर से एड. संजय प्रजापति व एड. दीपक चौधरी ने गवाहों की विपरीत जांच की. जांच के दौरान आरोपियों के अभिवक्ताओं ने शिकायतकर्ता के झूठ को बेनकाब किया और कोर्ट को बताने में वे सफल रहे कि किस तरह आरोपियों पर वैवाहिक क्रूरता व दहेज उत्पीड़न का झूठा आरोप लगाकर उन्हें झूठे आपराधिक मामले में फंसाया गया. पूरे मामले की जांच पड़ताल के बाद बचाव पक्ष के युक्तिवाद को ग्राह्य मानते हुए कोर्ट में आरोपी निलेश तिरपुडे व निशा मेश्राम को वैवाहिक क्रूरता व दहेज उत्पीड़न के मामले से बाईज्जत बरी किया गया. आरोपियों की ओर से एड. दीपक चौधरी (जैन) व एड. संजय प्रजापति ने पैरवी की.

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