अमरावती

छात्रवृत्ति के लिए 11 लाख से अधिक विद्यार्थियों का बायोमैट्रीक अनिवार्य

कैग की रिपोर्ट के बाद महाराष्ट्र में कैम्प आयोजन की दौडभाग

अमरावती /दि.22- छात्रवृत्ति के वितरण में अतिरिक्त निधी वितरीत किए जाने को लेकर ‘कैग’ की रिपोर्ट आते ही छात्रवृत्ति योजनाओं के अमल को लेकर सरकार ने कडे कदम उठाने शुरु किए है. जिसके अनुसार अब विद्यार्थियों तथा उनके मुख्याध्यापकों का बायोमैट्रीक ऑथेंटीकेशन हुए बिना उनके बैंक खाते में छात्रवृत्ति की रकम नहीं डाली जाएगी. जिसके चलते फिलहाल राज्य के प्रत्येक जिले में सीएससी सेंटर के जरिए बायोमैट्रीक ऑथेंटीकेशन शिविर आयोजित किए जा रहे है. जिनमें अल्पसंख्यक विद्यार्थियों की प्री-मैट्रीक छात्रवृत्ति व बेगम हजतर महल छात्रवृत्ति इन दो योजनाओं में ही 11 लाख 25 हजार से अधिक विद्यार्थियों का बायोमैट्रीक ऑथेंटीकेशन का काम करना है.
बता दें कि, विगत 4 अगस्त को राज्य विधान मंडल के अधिवेशन में कैग की रिपोर्ट पेश हुई. जिसमें वर्ष 2018-19 से वर्ष 2020-21 के दौरान हजारों अपात्र विद्यार्थियों को करोडों रुपए की छात्रवृत्ति वितरीत होने की जानकारी सामने आयी. जिसकी दखल लेते हुए योजना शिक्षक संचालक ने भी 4 अगस्त को राज्य के सभी शिक्षाधिकारी एवं पालिका प्रशासन अधिकारियों को बायोमैट्रीक ऑथेंटीकेशन के बारे में लिखित तौर पर दिशा-निर्देश दिए. जिसके अनुसार वर्ष 2022-23 के सत्र में केंद्र सरकार के छात्रवृत्ति पोर्टल (एनएसपी) पर जिन-जिन विद्यार्थियों के आवेदन दाखिल हुए है, उन सभी विद्यार्थियों का बायोमैट्रीक प्रमाणिकरण करवाना जरुरी किया गया है. वर्ष 2021-22 के शैक्षणिक सत्र में धार्मिक अल्पसंख्यक प्री-मैट्रीक छात्रवृत्ति हेतु 10 लाख 86 हजार 183 विद्यार्थियों को आवेदन दाखिल हुए थे. वहीं बेगम हजरत महल राष्ट्रीय छात्रवृत्ति के लिए 48 हजार 555 छात्राओं के आवेदन प्राप्त हुए थे. यही प्रमाण वर्ष 2022-23 के शैक्षणिक सत्र में भी कायम था. ऐसे में अब 11 लाख से अधिक शालेय विद्यार्थियों का बायोमैट्रीक प्रमाणिकरण करने की चुनौति सभी शालाओं के सामने है.

* पहले पडताल मुख्याध्यापकों की
विशेष उल्लेखनीय है कि, एनएसपी पोर्टल के ‘वर्क फ्लो’ के अनुसार मुख्याध्यापक व नोडल अधिकारी का प्रमाणिकरण हुए बिना एक भी विद्यार्थी के बायोमैट्रीक प्रमाणिकरण की प्रक्रिया आगे नहीं बढती. ऐसे में विद्यार्थियों से पहले उनके मुख्याध्यापकों व नोडल अधिकारियों का बायोमैट्रीक प्रमाणिकरण करना जरुरी है. जिसके चलते फिलहाल मुख्याध्यापकों का बायोमैट्रीक प्रमाणिकरण करने के लिए जिला व तहसीलस्तर पर विशेष शिविर आयोजित किए जा रहे है.

* महाविद्यालयों के लिए भी अनिवार्य
कैग की रिपोर्ट के बाद 7 अगस्त को तंत्र शिक्षा संचालक ने भी राज्य के सभी पदविका, पदवी व पदयुत्तर पाठ्यक्रम वाले महाविद्यालयों को तत्काल ही बायोमैट्रीक ऑथेंटीकेशन करने के आदेश जारी किए. एनएसपी पोर्टल के जरिए चलाई जाने वाली पोस्ट मैट्रीक छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने वाले वर्ष 2022-23 के सत्र के विद्यार्थियों का ऑथेंटीकेशन करना होगा. जिसमें से कई विद्यार्थी किसी अन्य महाविद्यालय में प्रवेशित होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए महाविद्यालयों को काफी बडी कसरत करनी पड सकती है.

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