अमरावती/दि.20– आमसभा की अनुमति बगैर निकाले गये 20 करोड के बायोमायनिंग के ठेके को लेकर छिडा विवाद अभी तक थम नहीं पाया है. मनपा के अंतिम पूर्व स्थायी समिति की बैठक में इस ठेके को मंजूरी प्रदान की गई थी. लेकिन अभी तक संबंधित निकॉप कंपनी को बायोमायनिंग के टेंडर का वर्क ऑर्डर जारी नहीं हुआ है. जिससे प्रशासन के नियोजन पर सवाल उपस्थित किये जा रहे है. जिस पर मनपा प्रशासन द्बारा किसी भी प्रकार का निर्णय नहीं लिया गया है. जानकारी है कि, मनपा प्रशासन ने बायोमायनिंग का ठेका रिकॉल करने का मन बना लिया है. इसके लिए शॉर्ट टेंडर प्रक्रिया करने के मूड में मनपा प्रशासन है. यहीं वजह है कि, अब तक संबंधित कंपनी को प्रशासन द्बारा वर्क ऑर्डर नहीं दिया है.
बुधवार को बायोमायनिंग के ठेके को लेकर पूर्व स्थायी समिति स्थायी सभापति शिरिष रासने ने निगमायुक्त तथा प्रशासक डॉ. प्रवीण आष्टीकर से भेंट की. इस भेंट में उन्होंने निगमायुक्त को बताया कि, प्रशासन की मांग पर ही बायोमायनिंग के ठेके को स्थायी समिति द्बारा बाकायदा वोटींग कर अनुमति दी गई थी. उसके बाद प्रशासन द्बारा संबंधित प्रक्रिया पूर्ण करना जरुरी था. लेकिन अब तक संबंधित कंपनी को वर्क ऑर्डर तक नहीं दिया गया है. यदि अभी बायोमायनिंग का काम शुरु नहीं हो पाया, तो आगामी दिनों में बरसात शुरु होकर यह काम ठप पड जाएगा. जिस पर आयुक्त ने संबंधित विषय पर विचार शुरु रहने की जानकारी देने की बात पूर्व सभापति रासने ने दै. अमरावती मंडल को बतायी.
* निकॉप कंपनी ने जमा की है सुरक्षा राशी
मनपा प्रशासन द्बारा निकाले गये बायोमायनिंग के ठेके की निविदा निकॉप कंपनी ने प्राप्त की. मनपा की स्थायी समिति ने इस प्रक्रिया को मंजूरी प्रदान करने के बाद निकॉप कंपनी द्बारा मनपा मेें सुरक्षा राशि के रुप में 3.5 करोड रुपए जमा कराये है. लेकिन अब तक संबंधित कंपनी को वर्क ऑर्डर नहीं मिला है.
* तो रद्द होगा ठेका
मनपा के अधिकारियों की माने तो बायोमायनिंग के ठेके को लेकर मंथन जारी है. ऐसे में यदि योग्य निर्णय नहीं हुआ, तो फिर बायोमायनिंग का ठेका रिकॉल किया जाएगा. या फिर उसे रद्द कर दिया जाएगा. 20 करोड रुपए के इस बायोमायनिंग प्रकल्प के लिए शासन से निधि का प्रबंध कराया जा रहा है. लेकिन अभी तक सरकार से बायोमायनिंग के लिए निधि मंजूर नहीं हो पाया है. आगामी दिनों में इस पर भी निर्णय आने की संभावना है.