शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन की संकल्पना पर काम कर रहा बिरला ओपन माइंड स्कूल
महाराष्ट्र में मुंबई के बाद अमरावती में खुली है बिरला स्कूल की शाखा
* नियमित पढाई-लिखाई के साथ ही बच्चों के समग्र व्यक्तित्व विकास हेतु बिरला स्कूल समर्पित
* संस्कार व संस्कृति के बीज रोपित करने के साथ ही व्यवहार कौशल्य सिखाने पर दिया जा रहा ध्यान
* ‘होलेस्टिक डेवलपमेंट’ को साकार करने ‘परमा मॉडल’ पर किया जा रहा काम
* श्रीमंत योगी एज्यूकेशन एण्ड वेलफेयर ट्रस्ट के अध्यक्ष सुधीर वाकोडे व प्राचार्य अनिता रासकर ने दी जानकारी
अमरावती/दि.10 – शिक्षा के क्षेत्र में दिनोंदिन व्यवसायिकता बढती जा रही है. साथ ही साथ एक हद तक गलाकाट प्रतिस्पर्धा भी चल रही है. ऐसे में शिक्षा के केंद्र में रहने वाले विद्यार्थियों की पढाई-लिखाई का मुद्दा कुछ हद तक पीछे छूटता जा रहा है और कई निजी शिक्षा संस्थान एक तरह से अभिभावकों की लूट का केंद्र बन गये है. ऐसे आरोप को विगत कुछ समय से अक्सर ही लगाये जाते है. साथ ही यह भी कहा जाता है कि, खुद को अत्याधुनिक दिखाने के चक्कर में ऐसे निजी शिक्षा संस्थानों द्वारा विद्यार्थियों भारतीय मूल्यों, परंपराओं व संस्कृति से दूर ले जाने का काम किया जाता है. परंतु इसी माहौल के बीच अमरावती के निकट रेवसा मार्ग पर श्री गुरु गजानन धाम में शुरु हुई बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल एक तरह से उम्मीदें जगाने का काम करती है. विगत 1 जुलाई को इस शाला के पहले दिन जिस तरह से आषाढी एकादशी का औचित्य साधते हुए शैक्षणिक सत्र का प्रारंभ किया गया. उसे देखते हुए यह उम्मीद निश्चित तौर पर जतायी जा सकती है कि, श्रीमंत योगी एज्यूकेशनल एण्ड वेलफेअर ट्रस्ट द्वारा संचालित बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल द्वारा अपने विद्यार्थियों को नियमित पढाई-लिखाई से परिचित कराने के साथ-साथ भारतीय मूल्यों,परंपराओं व संस्कृति से भी जोडे रखने का काम निश्चित तौर पर किया जाएगा. क्योंकि शाला के पहले दिन आषाढी एकादशी का पर्व रहने के चलते शाला प्रबंधन द्वारा ‘प्रति शेगांव’ कहे जाते श्री गुरु गजानन धाम में स्थित बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल में पंढरपुर वारी एवं रिंगण समारोह मनाते हुए शाला के विद्यार्थियों को वारकरी परंपरा से परिचित कराया गया था और उस दिन पूरा स्कूल परिसर ‘ज्ञानबा तुकाराम, पांडुरंग हरि विठ्ठल’ के जयघोष से गुंजायमान हो उठा था.
किसी भी शालेय संस्था द्वारा आयोजित अपनी तरह की इस अनूठी परंपरा को ध्यान में रखते हुए दैनिक अमरावती मंडल ने श्रीमंत योगी एज्यूकेशनल एण्ड वेलफेअर ट्रस्ट के अध्यक्ष सुधीर वाकोडे तथा ट्रस्ट द्वारा संचालित बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल की प्राचार्या अनिता रासकर से विशेष तौर पर बातचीत की और उनसे शिक्षा के क्षेत्र को लेकर बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल की संकल्पना के साथ ही उनकी भविष्य संबंधी योजनाओं को जानना चाहा. इस बातचीत में अध्यक्ष सुधीर वाकोडे व प्रिंसीपल अनिता रासकर ने बताया कि, बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन की संकल्पना पर काम कर रहा है. जिसके चलते देश के 23 राज्यों में 110 से अधिक शहरों में 200 से भी अधिक बिरला ओपन माइंड इंटरनैशनल स्कूल की शालाएं कार्यरत है. जिनमें अमरावती शहर में गत वर्ष ही स्थापित हुई बिरला ओपन माइंड इंटरनैशनल स्कूल का समावेश है. महाराष्ट्र में अब तक केवल मुंबई में ही बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल की शाखा थी और मुंबई के बाद विदर्भ क्षेत्र में पहली बार बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल की शाखा खुली है. इस बातचीत में यह भी बताया गया है कि, बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल द्वारा वैश्विक स्तर पर होने वाली पढाई-लिखाई को ध्यान में रखते हुए अपना खुद का सिलेबस बनाया गया है और इस सिलेबस में इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखा गया है कि, नियमित पढाई-लिखाई के साथ ही बच्चों के समग्र व्यक्तित्व का विकास हो सके. जिसके लिए विद्यार्थियों में संस्कार व संस्कृति के बीज रोपित करने के साथ ही व्यवहार कौशल्य सिखाने पर विशेष ध्यान दिया जाता है. इस हेतु ‘होलेस्टिक डेवलपमेंट’ को साकार करने के लिए ‘परमा मॉडल’ पर काम किया जा रहा है.
* क्या है बिरला स्कूल का ‘परमा मॉडल’
इस बातचीत में बताया गया कि, बिरल स्कूल में पढने वाले प्रत्येक विद्यार्थी को पढाई-लिखाई के साथ अपनत्व महसूस हो और उनमें पढाई सहित जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण बनाया जा सके. इस हेतु बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल द्वारा ‘परमा मॉडल’ को अमल में लाया जा रहा है. जिसके तहत विद्यार्थियों को बचपन से ही यह सिखाया जाता है कि, समाज ने उन्हें बहुत कुछ दिया है. अत: उनकी भी जिम्मेदारी बनती है कि, वे अपनी ओर से समाज को काफी कुछ वापिस लौटाने की मानसिकता रखे. इसके तहत बिरला स्कूल के बच्चों हेतु अनाथ आश्रम व वृद्धाश्रम को भेंट देने के लिए ट्रिप का आयोजन किया जाएगा, ताकि वे लोगों के दुख-दर्द से भी परिचित हो सके और आगे चलकर परमार्थ के कामों में अपना सहयोग प्रदान करें.
* अपना खुद का सिलेबस और पारदर्शक परीक्षा पद्धति
इस बातचीत में यह भी बताया गया कि, बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल हेतु बिरला समूह द्वारा दुनिया भर की नामांकित शैक्षणिक संस्थाओं के पाठ्यक्रमों का बडी सुक्ष्मता के साथ अध्ययन करते हुए अपने शिक्षाविदों के जरिए अपनी तरह का अनूठा और विश्वस्तरीय सिलेबस तैयार किया गया है. जिसे बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल के विद्यार्थियों को पढाया जाता है. इसके साथ ही बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल की परीक्षा पद्धति भी बेहद पारदर्शक होती है. जिसके तहत केंद्रीय प्रबंधन कार्यालय से प्रश्नपत्र तैयार होकर आते है. जिसके बारे में स्थानीय स्तर पर किसी भी शिक्षक को कोई पता नहीं रहता. ऐसे में शिक्षकों को हर हाल में सिलेबस का पूरा हिस्सा पढाना ही होता है, ताकि बच्चे पूरे पाठ्यक्रम से अवगत रह सके और प्रश्न पत्रों को सही तरीके से हल कर सके. इसके साथ ही उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की पद्धति भी काफी गोपनीय रहती है. जिसमें किसी भी शाला के शिक्षक द्वारा कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है.
* फिलहाल नर्सरी से कक्षा 7 वीं तक की पढाई
– जल्द अगली कक्षाओं के लिए होगा विस्तार
इस बातचीत के दौरान संस्थाध्यक्ष सुधीर वाकोडे ने बताया कि, फिलहाल अमरावती में शुरु की गई बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल में नर्सरी से लेकर कक्षा 7 वीं तक की कक्षाएं चल रही है और शाला का पहला साल रहने के बावजूद भी प्रत्येक कक्षा में विद्यार्थियों का प्रवेश हुआ है. इस स्कूल को अभिभावकों की ओर से मिले जबर्दस्त प्रतिसाद के चलते पहले वर्ष ही इस शाला में लगभग 700 विद्यार्थी प्रवेशित हुए है. इस शाला को सीबीएसई की मान्यता मिलने हेतु आवेदन किया जा चुका है और पूरी उम्मीद है कि, जारी वर्ष में ही इस शाला को सीबीएसई की मान्यता प्राप्त हो जाएगी. जिसके बाद अगले वर्ष से ही अगली कक्षाओं हेतु विस्तार किया जाएगा और धीरे-धीरे अमरावती स्थित बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल में कक्षा 10 वीं व कक्षा 12 वीं तक पढाई की सुविधा उपलब्ध होगी.
* हर बैच में केवल 42 विद्यार्थी, प्रत्येक विद्यार्थी पर पूरा ध्यान
संस्थाध्यक्ष सुधीर वाकोडे के मुताबिक यद्यपि उन्हें पहले ही वर्ष स्थानीय अभिभावकों की ओर से जबर्दस्त प्रतिसाद मिला है. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपनी कक्षाओं को विद्यार्थियों की भीड से भरने की बजाय प्रत्येक कक्षा में केवल 42 विद्यार्थी संख्या रखने की नीति पर अमल किया. ताकि प्रत्येक विद्यार्थी पर शिक्षकों द्वारा पूरा ध्यान दिया जा सके. संस्थाध्यक वाकोडे के मुताबिक उनकी शाला में प्रति 40 विद्यार्थियों पर 2 शिक्षकों की नियुक्ति की गई है. साथ ही इस शाला में स्थानीय स्तर पर शिक्षकों की भर्ती करने के साथ ही भोपाल व बंगलुरु से भी विशेषज्ञ शिक्षक बुलाकर नियुक्त किये गये है.
* नो ट्यूशन, नो डोनेशन, नो बिल्डिंग फंड
– आम मध्यम वर्गीय परिवारों की पहुंच में बिरला स्कूल की फीस
इस बातचीत में संस्थाध्यक्ष सुधीर वाकोडे ने कहा कि, वे खुद एक आम मध्यम वर्गीय परिवार से वास्ता रखते है और मध्यम वर्गीय परिवारों की तमाम समस्याओं और दिक्कतों को भी जानते है. ऐसे में उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखते समय ही यह तय किया था कि, उनके द्वारा संचालित शिक्षा संस्थान के दरवाजे आम मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए हमेशा खुले रहेंगे. यहीं वजह है कि, उनके द्वारा संचालित बिरला स्कूल की फीस को उतना ही रखा गया है, जिसे एक आम मध्यम वर्गीय परिवार अदा करते हुए अपने बच्चों को बेहतरीन शिक्षा दिला सके. जिसके चलते बिरला स्कूल में प्रवेश लेने हेतु कोई डोनेशन या बिल्डिंग फंड अदा नहीं करना पडता. साथ ही अन्य निजी शिक्षा संस्थाओं की तुलना में बिरला स्कूल की फीस काफी हद तक कम रखी गई है. इन सबके अलावा सबसे सख्त नियम यह बनाया गया है कि, बिरला स्कूल में पढाने वाले किसी भी शिक्षक को प्राइवेट ट्यूशन या कोचिंग लेने की कोई अनुमति नहीं है. यहां तक कि एबेकस व वैदिक मैथ्स को भी बिरला स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है, ताकि इसके लिए भी बिरला स्कूल के विद्यार्थियों को बाहर कही ट्यूशन या कोचिंग न लगानी पडे.
* शाला में 22 तरह की प्रयोगशालाएं और सुसज्जित लाइब्रेरी
इस बातचीत में संस्थाध्यक्ष सुधीर वाकोडे व प्रिंसिपल अनिता रासकर ने बताया कि, किताबी ज्ञान के साथ ही सभी विषयों का प्रात्याक्षिक ज्ञान देने हेतु बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल में कम्प्यूटर, गणित, बॉयोलॉजी, फिजिक्स व केमेस्टी जैसे विषयों के साथ ही ऑर्ट्स एण्ड कल्चर, गीत-संगीत व नृत्य जैसे विषयों को लेकर 22 अलग-अलग प्रयोगशालाएं बनाई गई है. साथ ही शाला में सुसज्जित लाइब्रेरी भी साकार की गई है. जहां पर अलग-अलग कक्षाओं में पढने वाले विद्यार्थियों की जरुरत के लिहाज से उनका बौद्धिक ज्ञान बढाने हेतु विभिन्न प्रकार की किताबे उपलब्ध कराई गई है.
* एग्रीकल्चर लैब के जरिए मिट्टी से जुडाव
व्यक्तिगत स्तर पर खेती-किसानी के साथ गहरा जुडाव रखने वाले संस्थाध्यक्ष सुधीर वाकोडे की संकल्पना के जरिए अमरावती में शुरु की गई बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल में एग्रीकल्चर लैब भी साकार की गई है. जिसके तहत विद्यार्थियों को इस बात से परिचित कराया जाता है कि, उनकी थाली में पहुंचने वाला भोजन हकीकत में कहां से आता है और कैसे तैयार होता है. इसके तहत विद्यार्थियों को मिट्टी के अलग-अलग प्रकारों से परिचित कराने के साथ ही फसलों की बुआई, फसल पकने की तैयारी और फसलों की कटाई जैसी खेतीबाडी से जुडी विभिन्न बातों से परिचित कराया जाएगा. साथ ही खेती-किसानी में लगने वाली किसानों व खेतीहर मजदूरों की मेहनत से भी विद्यार्थियों का परिचय कराया जाएगा, ताकि वे अन्न के एक-एक दाने का सम्मान करना सीखे.
* वार्षिक समारोह में आमंत्रित होंगे मार्गदर्शक व प्रेरक व्यक्तित्व
– प्रत्येक तीन माह में आयोजित होंगे फील ट्रिप व नॉलेज टूर
इसके साथ ही इस बातचीत में संस्थाध्यक्ष सुधीर वाकोडे व प्रिंसिपल अनिता रासकर ने बताया कि, बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल में प्रतिवर्ष वार्षिक समारोह का आयोजन किया जाएगा. जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित करते हुए विद्यार्थियों के सुप्त कलागुणों को प्रोत्साहित करने का काम किया जाएगा. इसके साथ ही उन्हें प्रेरक विचारों से परिचित कराने हेतु अलग-अलग क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त रहने वाले प्रेरक एवं मार्गदर्शक व्यक्तियों को भी वक्ता के तौर पर वार्षिक समारोह में आयोजित किया जाएगा, ताकि बिरला स्कूल के विद्यार्थियों को भी जीवन में आगे बढने की प्रेरणा मिल सके. इसके अलावा बिरला स्कूल द्वारा प्रत्येक तीन माह में अनाथ आश्रमों व वृद्धाश्रमों को भेंट देने हेतु फील ट्रिप का आयोजन करने के साथ ही नॉलेज टूर का भी आयोजन किया जाएगा. जिसके तहत ऐतिहासिक स्थलों को भेंट देने के साथ ही खेतों को भेेंट देते हुए उनका किसानों के साथ प्रत्यक्ष संवाद कराया जाएगा.
* क्रिकेट के साथ ही अन्य क्रीडा प्रकारों पर भी विशेष ध्यान
– ओलिम्पिक स्तर का स्वीमिंग पुल भी हो रहा तैयार
बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल में क्रिकेट के साथ-साथ वॉलीबॉल, फुडबॉल, बेसबॉल, लॉन टेनिस, टेबल टेनिस जैसे विभिन्न क्रीडा प्रकारों के भी प्रशिक्षण की व्यवस्था है. जिसके लिए विविध क्रीडा शिक्षकों की नियुक्ति भी की गई है. इसके साथ ही बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल परिसर में करीब एक एकड क्षेत्रफल में ओलिम्पिक स्तर का अत्याधुनिक स्वीमिंग पुल भी साकार किया जा रहा है. जहां पर विद्यार्थियों को तैराकी के साथ-साथ बाढ जैसी आपदा के समय अपनी अथवा बाढ में फंसे या पानी में डूबे किसी अन्य व्यक्ति की जान बचाने का भी प्रशिक्षण किया जाएगा.
* क्या है बिरला स्कूल की खासियत?
बिरला ओपन माइंड्स इंटरनेशनल स्कूल यह भारतवर्ष के प्रमुख विद्यालयों में से एक है, जिसकी पूरे देश में इसकी अपनी अलग पहचान है. देश के 23 राज्यों के 100 शहरों में बिरला स्कूल के करीब 150 विद्यालय हैं. इन सभी विद्यालयों में मौजूदा दौर सहित भविष्य की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए अत्याधुनिक शिक्षा-दीक्षा प्रदान करने की सुविधा उपलब्ध है. साथ ही नियमित पढाई-लिखाई के अलावा विद्यार्थियों को शारीरिक व बौद्धिक विकास हेतु विविध आउटडोर व इनडोर खेलों के लिए भी तमाम आवश्यक इंतजाम होते है, ताकि अलग-अलग कलागुणों से संपन्न रहने वाले विद्यार्थी आगे चलकर विविध क्षेत्रों में उल्लेखनीय सफलताएं प्राप्त कर सके.
* भारतीय कप्तान रोहित शर्मा की क्रिकेट अकादमी के साथ है टाय अप
– विशेषज्ञ क्रिकेटर सिखाएंगे बिरला स्कूल के बच्चों को क्रिकेट के गुर
विशेष उल्लेखनीय यह है कि, आदित्य बिरला ग्रुप द्वारा संचालित किये जाने वाले बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल के साथ भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा की क्रिकेट अकादमी का टाय अप है तथा रोहित शर्मा क्रिकेट अकादमी द्वारा कक्षाओं के टाइम-टेबल पश्चात स्कूल परिसर में ही स्कूल के छात्राओं को क्रिकेट के खेल का प्रशिक्षण देते हुए उन्हें अंडर-14 व अंडर-16 क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए तैयार किया जाता है. जिसके जरिए इन क्रिकेट खिलाडियों को आगे चलकर रणजी ट्रॉफी में खेलने का मौका मिलता है. इसके अलावा विद्यार्थियों के मस्तिष्क की क्षमताओं का अलग तरीके से विकास करने हेतु बिरला स्कूल द्वारा बे्रनिक्स बाय बिरला नामक हाइब्रिड स्कूलिंग प्रोग्राम चलाया जाता है. साथ ही साथ विद्यार्थियों की अध्यात्मिक व आत्मिक उन्नति के लिए ‘सोल सायंस’ नामक उपक्रम पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है. इन सभी उपक्रमों एवं नियमित पढाई-लिखाई के लिए बिरला स्कूल द्वारा विशेष दक्षता प्राप्त शिक्षकों एवं मार्गदर्शकों की नियुक्ति की जाती है.
* श्री गुरु गजानन धाम के ढाई एकड क्षेत्रफल में बना है शानदार स्कूल
श्रीमंत योगी एज्युकेशनल वेलफेअर ट्रस्ट के अध्यक्ष सुधीर वाकोडे ने आगामी 3 मार्च को अमरावती में शुरु होने जा रहे बिरला ओपन माइंड्स इंटरनेशनल स्कूल के बारे मेें जानकारी देते हुए बताया कि, 21 जनवरी 2018 को रेवसा गांव के निकट जिस स्थान पर श्री गजानन विजय ग्रंथ का ऐतिहासिक एवं भव्य-दिव्य महापारायण हुआ था. उसी स्थान पर श्री गुरु गजानन धाम के रुप में ‘प्रति शेगांव’ साकार किया गया है. जिसके बगल में ही स्थित ढाई एकड क्षेत्रफल में आगामी 3 मार्च को श्री गजानन प्रकट दिवस का औचित्य साधते हुए बिरला ओपन माइंड्स इंटरनेशनल स्कूल का शुभारंभ होने जा रहा है. जिसके लिए सर्व सुविधायुक्त एवं सुसज्जित बहुमंजिला इमारत बनाई गई है. साथ ही स्कूल के पास अमरावती शहर में पहली बार अपनी तरह की अनूठी स्पोर्ट्स सिटी भी साकार की गई है. जहां पर विविध क्रीडा गतिविधियों की सुविधाएं उपलब्ध होगी. साथ ही साथ शाला की इमारत में कक्षाओं के अलावा वाचनालय, प्रयोगशाला व ध्यानकक्ष आदि को साकार किया गया है. इसके अलावा हर कक्षा को उस कक्षा में पढने वाले विद्यार्थियों की आयु को ध्यान में रखते हुए इस तरह से साकार किया गया है, ताकि विद्यार्थियों को पढाई-लिखाई में किसी तरह की बोरियत महसूस न हो और वे ‘ओपन माइंड’ के साथ अपनी शिक्षा-दीक्षा को ग्रहण कर सके.
* बेहद अनूठा व शानदार था शाला का पहला दिन
– वारकरी वेशभूषा में सजे बच्चों के पांव धुलाकर दिया गया था शाला में प्रवेश
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत 1 जुलाई को बिरला ओपन माइंड इंटरनैशनल स्कूल के शैक्षणिक सत्र का शुभारंभ बडे ही अनूठे ढंग से और बडी धूमधाम के साथ हुआ था. जिसके तहत शैक्षणिक सत्र के पहले दिन और आषाढी एकादशी का औचित्य साधते हुए सभी विद्यार्थियों का अनूठी पद्धति से स्वागत किया गया. इस समय माउली के पालखी समारोह का नयनरम्य कार्यक्रम आयोजित किया गया तथा स्कूल के नन्हे-मुन्ने विद्यार्थियों ने रिंगण समारोह में प्रत्यक्ष सहभाग लेते हुए वारकरी संप्रदाय की महान परंपरा का अनुभव लिया. साथ ही सभी छात्र-छात्राएं पारंपारिक वेशभूषा धारण करते हुए इस कार्यक्रम में शामिल हुए. शैक्षणिक सत्र के प्रथम दिवस और आषाढी एकादशी के निमित्त आयोजित इस कार्यक्रम में श्रीमंत योगी एजूकेशन एण्ड वेलफेअर ट्रस्ट के अध्यक्ष सुधीर वाकोडे ने सभी नन्हे वारकरियों के पांव धुलाते हुए उनका स्वागत किया. इस समय बिरला ओपन माइंड इंटरनैशनल स्कूल में अध्यात्म संस्कृति व आधुनिक शिक्षा पद्धति का शानदार संगम व समागम देखने मिला.