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बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल का 3 को शुभारंभ

राज्य के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के हाथों होगा उद्घाटन

* शहर में पहली बार शिक्षा की नाविण्यपूर्ण यात्रा होगी शुरु
अमरावती/दि.1 – स्थानीय रेवसा परिसर स्थित श्री गुरु गजाननधाम में श्रीमंत योगी एज्युकेशनल वेलफेअर ट्रस्ट द्वारा स्थापित बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल का आगामी रविवार 3 मार्च को शाम 5.30 बजे समारोहपूर्वक उद्घाटन होने जा रहा है. इसके साथ ही अमरावती में शिक्षा क्षेत्र की एक नाविण्यपूर्ण यात्रा शुरु हो जाएगी. क्योंकि महाराष्ट्र में मुंबई के पश्चात सीधे अमरावती में ही बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल शुरु होने जा रही है.
श्री गुरु गजाननधाम (रेवसा) के बिरला स्कूल कैम्पस में रविवार 3 मार्च को शाम 5.30 बजे बिरला ग्रुप के अध्यक्ष निर्वाण यशवर्धन बिरला की अध्यक्षता के तहत आयोजित कार्यक्रम में राज्य के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर द्वारा बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल का शुभारंभ किया जाएगा. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में राज्य के उच्च व तंत्र शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल, पूर्व मंत्री व विधायक प्रवीण पोटे पाटिल, दिव्यांग कल्याण विभाग के अध्यक्ष व विधायक बच्चू कडू, पूर्व मंत्री व विधायक यशोमति ठाकुर, विधायक सुलभा खोडके, जिलाधीश सौरभ कटियार, पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी एवं रेवसा गांव की सरपंच वर्षा विठ्ठल चौहान उपस्थित रहेंगे.
उक्ताशय की जानकारी देते हुए श्रीमंत योगी एज्युकेशनल वेलफेअर ट्रस्ट के अध्यक्ष सुधीर वाकोडे व उपाध्यक्ष आशीष भोंगाडे ने अपने सभी हितचिंतकों से इस अवसर पर उपस्थित रहकर शिक्षा क्षेत्र के इस नये पर्व के उत्सव में शामिल होने का आवाहन किया है.

* क्या है बिरला स्कूल की खासियत?
बिरला ओपन माइंड्स इंटरनेशनल स्कूल यह भारतवर्ष के प्रमुख विद्यालयों में से एक है, जिसकी पूरे देश में इसकी अपनी अलग पहचान है. देश के 23 राज्यों के 100 शहरों में बिरला स्कूल के करीब 150 विद्यालय हैं. इन सभी विद्यालयों में मौजूदा दौर सहित भविष्य की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए अत्याधुनिक शिक्षा-दीक्षा प्रदान करने की सुविधा उपलब्ध है. साथ ही नियमित पढाई-लिखाई के अलावा विद्यार्थियों को शारीरिक व बौद्धिक विकास हेतु विविध आउटडोर व इनडोर खेलों के लिए भी तमाम आवश्यक इंतजाम होते है, ताकि अलग-अलग कलागुणों से संपन्न रहने वाले विद्यार्थी आगे चलकर विविध क्षेत्रों में उल्लेखनीय सफलताएं प्राप्त कर सके.
विशेष उल्लेखनीय यह है कि, आदित्य बिरला ग्रुप द्वारा संचालित किये जाने वाले बिरला ओपन माइंड्स इंटरनैशनल स्कूल के साथ भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा की क्रिकेट अकादमी का टाय अप है तथा रोहित शर्मा क्रिकेट अकादमी द्वारा कक्षाओं के टाइम-टेबल पश्चात स्कूल परिसर में ही स्कूल के छात्राओं को क्रिकेट के खेल का प्रशिक्षण देते हुए उन्हें अंडर-14 व अंडर-16 क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए तैयार किया जाता है. जिसके जरिए इन क्रिकेट खिलाडियों को आगे चलकर रणजी ट्रॉफी में खेलने का मौका मिलता है. इसके अलावा विद्यार्थियों के मस्तिष्क की क्षमताओं का अलग तरीके से विकास करने हेतु बिरला स्कूल द्वारा बे्रनिक्स बाय बिरला नामक हाइब्रिड स्कूलिंग प्रोग्राम चलाया जाता है. साथ ही साथ विद्यार्थियों की अध्यात्मिक व आत्मिक उन्नति के लिए ‘सोल सायंस’ नामक उपक्रम पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है. इन सभी उपक्रमों एवं नियमित पढाई-लिखाई के लिए बिरला स्कूल द्वारा विशेष दक्षता प्राप्त शिक्षकों एवं मार्गदर्शकों की नियुक्ति की जाती है.

* श्री गुरु गजानन धाम के ढाई एकड क्षेत्रफल में बना है शानदार स्कूल
श्रीमंत योगी एज्युकेशनल वेलफेअर ट्रस्ट के अध्यक्ष सुधीर वाकोडे ने आगामी 3 मार्च को अमरावती में शुरु होने जा रहे बिरला ओपन माइंड्स इंटरनेशनल स्कूल के बारे मेें जानकारी देते हुए बताया कि, 21 जनवरी 2018 को रेवसा गांव के निकट जिस स्थान पर श्री गजानन विजय ग्रंथ का ऐतिहासिक एवं भव्य-दिव्य महापारायण हुआ था. उसी स्थान पर श्री गुरु गजानन धाम के रुप में ‘प्रति शेगांव’ साकार किया गया है. जिसके बगल में ही स्थित ढाई एकड क्षेत्रफल में आगामी 3 मार्च को श्री गजानन प्रकट दिवस का औचित्य साधते हुए बिरला ओपन माइंड्स इंटरनेशनल स्कूल का शुभारंभ होने जा रहा है. जिसके लिए सर्व सुविधायुक्त एवं सुसज्जित बहुमंजिला इमारत बनाई गई है. साथ ही स्कूल के पास अमरावती शहर में पहली बार अपनी तरह की अनूठी स्पोर्ट्स सिटी भी साकार की गई है. जहां पर विविध क्रीडा गतिविधियों की सुविधाएं उपलब्ध होगी. साथ ही साथ शाला की इमारत में कक्षाओं के अलावा वाचनालय, प्रयोगशाला व ध्यानकक्ष आदि को साकार किया गया है. इसके अलावा हर कक्षा को उस कक्षा में पढने वाले विद्यार्थियों की आयु को ध्यान में रखते हुए इस तरह से साकार किया गया है, ताकि विद्यार्थियों को पढाई-लिखाई में किसी तरह की बोरियत महसूस न हो और वे ‘ओपन माइंड’ के साथ अपनी शिक्षा-दीक्षा को ग्रहण कर सके.

 

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