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अमरावती की चार तहसीलो में नायब तहसीलदारों द्वारा जारी जन्म दाखिले खारिज

मंत्रालय के निर्देश पश्चात जिलाधीश कटियार ने जारी किया आदेश

* करीब 5 हजार जन्म प्रमाणपत्रों की दुबारा होगी जांच-पडताल
* तहसीलदार द्वारा नए सिरे से जारी किए जाएंगे प्रमाणपत्र
अमरावती/दि.18 – गत रोज राज्य के राजस्व एवं वन मंत्रालय द्वारा द्वारा सभी विभागीय आयुक्तों व जिलाधीशों को अगले आदेश तक विलंबित जन्म प्रमाणपत्र एवं मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने की कार्रवाई को स्थगित रखने के संदर्भ में निर्देशित किया गया था. क्योंकि विलंबित जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए जाने में बडे पैमाने पर गडबडियां होने की शिकायते सरकार को प्राप्त हो रही थी. इस निर्देश के साथ ही राज्य सरकार द्वारा यह भी कहा गया कि, तहसीलदार एवं तहसील दंडाधिकारी के पद की तुलना में कम दर्जेवाले अधिकारियों द्वारा जारी किए गए प्रमाणपत्रों को रद्द किया जाए और ऐसे प्रमाणपत्रों की सक्षम अधिकारियों द्वारा दुबारा जांच करते हुए यथाशिघ्र निर्णय लिया जाए. जिसके चलते अमरावती के जिलाधीश सौरभ कटियार ने जिले की 4 तहसीलो में नायब तहसीलदारों द्वारा जारी किए गए सभी विलंबित जन्म प्रमाणपत्रों को रद्द करने का आदेश जारी किया है. ऐसे में अब इन 4 तहसील कार्यालयों की ओर से जारी करीब 5 हजार जन्म प्रमाणपत्रों की दुबारा जांच की जाएगी.
इस संदर्भ में स्थानीय जिलाधीश कार्यालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अमरावती जिले के अमरावती, नांदगांव खंडेश्वर, अचलपुर व चिखलदरा तहसील कार्यालयों के नायब तहसीलदारों द्वारा जारी विलंबित जन्म प्रमाणपत्रों को खारिज करने का निर्णय अमरावती के जिलाधीश सौरभ कटियार द्वारा लिया गया है. बता दें कि, इस दौरान अमरावती तहसील कार्यालय से 2823, नांदगांव खंडेश्वर तहसील कार्यालय से 271, अचलपुर तहसील कार्यालय से 2527 व चिखलदरा तहसील कार्यालय से 1 विलंबित जन्म प्रमाणपत्र जारी किए गए है. जिसमें से अधिकांश प्रमाणपत्र नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारी द्वारा ही जारी हुए है. जिन्हें खारिज करते हुए अब सभी प्रमाणपत्रों तथा इस हेतु पेश किए गए आवेदनों व दस्तावेजों की दुबारा जांच-पडताल की जाएगी तथा ऐसे मामलो में जल्द ही यथायोग्य निर्णय लिए जाएंगे.
बता दें कि, विलंबित जन्म प्रमाणपत्रों को जारी करने में बडे पैमाने पर गडबडियां होने का आरोप लगाते हुए भाजपा नेता व पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने यह आरोप भी लगाया था कि, महाराष्ट्र के कई जिलो में बडे पैमाने पर बांग्लादेशी व रोहिंग्या अवैध रुप से आकर बस गए है. जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अवैध तरीके से विलंबित जन्म प्रमाणपत्र भी हासिल किए है. अत: ऐसे सभी मामलो की कडाई के साथ जांच होनी चाहिए. साथ ही भाजपा नेता किरीट सोमैया ने अकोला जिले में नायब तहसीलदारों द्वारा जारी विलंबित जन्म प्रमाणपत्रों के रद्द हो जाने की जानकारी देते हुए यह आरोप भी लगाया था कि, इस संदर्भ में अमरावती के जिलाधीश द्वारा सहयोगात्मक रवैया नहीं अपनाया जा रहा, परंतु अब राज्य सरकार के राजस्व एवं वन विभाग द्वारा इस संदर्भ में गत रोज ही एक आदेश जारी किए जाने के चलते अमरावती के जिलाधीश ने भी जिले की चार तहसीलो में नायब तहसीलदारों द्वारा जारी विलंबित जन्म प्रमाणपत्रों को खारिज किए जाने का आदेश जारी किया है एवं संबंधित तहसीलदारों व उपविभागीय दंडाधिकारियों को ऐसे सभी मामलो की दुबारा जांच करते हुए यथायोग्य कार्रवाई करने के संदर्भ में निर्देश दिए है.

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