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बीआईएस मंजूर नहीं, पहले सिस्टम बनाएं सरकार

विदर्भ कॉटन असो. का ऐलान

* जिले के तीनों सांसदों से लगाएंगे गुहार
अमरावती/दि.2- सफेद सोना कहलाते विदर्भ के कपास पर केंद्र सरकार के कडे प्रावधान लागू करने का प्रबल विरोध हो रहा है. वीसीए ने विदर्भ में गांव-गांव जाकर अलख जगाना शुरु किया है. वीसीए का कहना है कि बीआईएस कानून के कडे प्रावधान किसान हित में नहीं है. जिनर्स कपास खरीदने से बचेंगे. जिससे किसान का ही लॉस होगा. विदर्भ कॉटन असो. की अमरावती की पहली मीटिंग आज दोपहर महेश भवन में हुई. जिसमें अमरावती के साथ-साथ परतवाडा, अकोट, आर्वी, आष्टी, मूर्तिजापुर, नागपुर, सावनेर, मोर्शी, वरुड, वलगांव और अन्य स्थानों से जिनर्स उपस्थित थे. सभी ने साधक-बाधक चर्चा कर सरकार के कपास पर बीआईएस और क्वॉलिटी कंट्रोल आदेश लागू करने के प्रयास का कडा विरोध किया. उनका कहना रहा कि, कपास की जांच का पहले इंफ्रास्ट्रक्चर खडा किया जाना चाहिए. उसके बाद ऐसे किसी कानून पर विचार होना चाहिए. जिनिंग व्यापारियों ने बीआईएस को किसानों के लिए नुकसानदेह बताया. सरकार व्दारा एक वर्ष के लिए बीआईएस प्रलंबित किया गया है. उसे रद्द करने की मांग जिनिंग उद्यमियों ने रखी. उसी प्रकार बीआईएस कानून के कडे प्रावधानों जैसे लाखों रुपए का जुर्माना, फौजदारी कार्रवाई का भी विरोध किया.
इस समय अमरावती कॉटन जिनर्स ट्रेडर्स संगठन के दीपक मंत्री, राघव चांडक, आदित्य अग्रवाल, इब्राहिम भाई, आयुष नेमानी अरुण पटेरिया, अनूप राठी, शंकर आहूजा, सूरज भाई, सागर पमनानी, अनिल पनपालिया, कलिम भाई, विजय साहू, नरेश साहू, राजू अग्रवाल, प्रवीण भुजाडे, अजय पलगाडे, उस्मान भाई, ए. एस. कावरे, अभय अग्रवाल, राहुल टावरी, अनुराग अग्रवाल, रिजवान मनसूरी, मतीम मनसूरी, बाबूलाल कलंत्री, मनजीतसिंह होरा, अमेल लढ्ढा, किशोर शाह, नीरज जैन, चंदन मंत्री, राजेश अग्रवाल, संजय साहू, प्रमोद साहू, शेख रईस मनसूरी, शुभम मंत्री, आदित्य बिनानी, अभिषेक मंत्री, अनुराग जाजू आदि अनेक उपस्थित थे.
* संगठन बना, सांसदों से मिलेंगे
विदर्भ कॉटन असो. संगठन स्थापित होने की जानकारी देते हुए बताया गया कि बीआईएस और आरसीएम जैसे प्रावधानों का विरोध करने लंबी लडाई के लिए सभी का साथ आना आवश्यक है. अभी सरकार ने बीआईएस मुल्तवी किया है. रद्द नहीं किया है. कानून रद्द कराने जिले के तीनों सांसद डॉ. अनिल बोंडे, नवनीत राणा, रामदास तडस से मुलाकात कर उन्हें सरकार पर दबाव डालने के लिए कहा जाएगा. यह कानून किसान विरोधी होने का आरोप असो. के सभासदों ने किया.
* आरसीएम में अटके करोडों
आज की बैठक में नागपुर और अन्य स्थानों से वीसीए के सभासद आए थे. उनके सामने बताया गया कि आरसीएम में जिनर्स के करोडों रुपए अटके हैं. जिसके कारण वे अपना उद्यम और अधिक बढा नहीं पा रहे. ऐसे ही यह रकम उद्यमियों को वापस मिलने पर उसका आखिर लाभ मार्केट को ही होगा. अर्थव्यवस्था में उतना अधिक धन चलन में आएगा.

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