बियाणी कॉलेज ने कायम रखी अपनी शानदार परंपरा
विज्ञान शाखा से मोनिषा बत्रा व वाणिज्य शाखा से प्रत्युषा बोरकर रहे टॉपर
* बियाणी में विज्ञान शाखा का 98.97 व वाणिज्य शाखा का 96.23 फीसद रिजल्ट
अमरावती/दि.21- शहर सहित जिले एवं संभाग स्तर पर शैक्षणिक क्षेत्र में लब्ध प्रतिष्ठित रहने वाले ब्रजलाल बियाणी कनिष्ठ महाविद्यालय ने हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कक्षा 12 वीं में शानदार परीक्षा परिणाम की अपनी परंपरा को कायम रखा है. इस वर्ष ब्रिजलाल बियाणी की विज्ञान शाखा का नतीजा 98.97 फीसद रहा. वहीं वाणिज्य शाखा का नतीजा 96.23 फीसद रहा. इस महाविद्यालय के विज्ञान शाखा से मोनिषा संतोष बत्रा ने 96.83 फीसद तथा वाणिज्य शाखा से प्रत्युषा आर. बोरकर ने 95.43 फीसद अंक हासिल करते हुए टॉपर रहने का बहुमान प्राप्त किया है.
ब्रिजलाल बियाणी महाविद्यालय की विज्ञान शाखा से प्राविण्य प्राप्त श्रेणी में 112, प्रथम श्रेणी में 169, द्वितीय श्रेणी में 164 तथा उत्तीर्ण श्रेणी में 36 विद्यार्थी रहे. इसी तरह वाणिज्य शाखा से प्राविण्य प्राप्त श्रेणी में 59, प्रथम श्रेणी में 50, द्वितीय श्रेणी में 51 तथा उत्तीर्ण श्रेणी में 19 विद्यार्थी रहे. दोनों ही शाखाओं में प्राविण्यता प्राप्त व प्रथम श्रेणी में रहने वाले विद्यार्थियों की संख्या सबसे अधिक रही. अपने विद्यार्थियों की इस सफलता को देखते हुए ब्रिजलाल बियाणी शिक्षा समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश लढ्ढा एवं सभी पदाधिकारियों तथा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. दीपक एस. धोटे व उपप्राचार्य सीताराम राठी सहित प्राध्यापकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने सभी विद्यार्थियों का अभिनंदन किया है. साथ ही सभी विद्यार्थियों के उज्वल भविष्य की कामना की है.
* रोबोटिक्स इंजिनियर बनना चाहती है मोनिषा
स्थानीय कलोती नगर के पास स्थित गोविंदा रेसिडेंसी निवासी कैटरिंग व्यवसायी संतोष बत्रा एवं रिया बत्रा की एकलौती संतान मोनिषा बत्रा ने विज्ञान शाखा से कक्षा 12 वीं की परीक्षा में 600 में से 581 अंक हासिल करते हुए 96.83 फीसद अंकों के साथ सफलता प्राप्त की है. दो वर्ष पूर्व मोनिषा बत्रा ने कक्षा 10 वीं की परीक्षा में भी 97.40 फीसद अंक प्राप्त किये थे. वहीं अब कक्षा 12 में एक बार फिर मेरीट रहने की अपनी सफलता को दोहराने के बाद मोनिषा बत्रा आगे चलकर रोबोटिक्स इंजिनियर के क्षेत्र में जाना चाहती है. दैनिक अमरावती मंडल के साथ बातचीत में मोनिषा बत्रा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व गुरुजनों को दिया है.