अमरावती

बियाणी के कॉमर्स छात्रों का हुआ इंडस्ट्रियल टूर

टेक्नो क्राफ्ट व डव इंडस्ट्रिज को भेंट देकर जाना उद्योगों को

अमरावती/दि.10 – हाल ही में स्थानीय बृजलाल बियानी महाविद्यालय के वाणिज्य विभाग द्वारा वाणिज्य के विद्यार्थियों को स्व रोजगार उन्मुख करने के लिए मा. प्राचार्य डॉ. दीपक धोटे के मार्गदर्शन और विभागाध्यक्ष डॉ नीता होनराव के नेतृत्व में इंडस्ट्रियल टूर लिया गया. इसके अंतर्गत विद्यार्थियों ने अमरावती जिले के अंतर्गत नांदगांव पेठ स्थित दो फैक्ट्रियों की कार्यप्रणाली देखी और समझी.
इस इंडस्ट्रियल टूर के तहत वर्ष 1972 में एस. के. सराफ द्वारा स्थापित और वर्तमान में डी. सी. हीरेमठ द्वारा संचालित टेक्नोक्राफ्ट इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड का दौरा किया गया. जहां पर छात्र-छात्राओं ने मशीनरी द्वारा की जाने वाली कार्यपद्धती समझी. जिसके तहत ऑटोमेटिक मशीनों द्वारा यार्न बनना, बुनना और कपड़ा बनना इत्यादि प्रक्रियाओं की जानकारी प्राप्त की. वहीं इसके बाद सभी छात्र-छात्राओं ने डव टेक्सटाइल इंडस्ट्री का दौरा किया. जहां पर मशीन की जगह मेन पावर यानि हाथों की शक्ति से कामकाज किया जाता है. करीब 1500 लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने वाली इस फैक्ट्री में रेडीमेड कपड़े निर्मित किए जाते हैं.
उल्लेखनीय है कि, भविष्य में विद्यार्थी नौकरियों पर निर्भर ना रहकर स्वरोजगार स्थापित कर सकें. इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए यह इंडस्ट्रीयल टूर लिया गया था. साथ ही बीकॉम (वाणिज्य) तथा बीबीए के विद्यार्थियों को इंडस्ट्री की प्रशासनिक व्यवस्था कैसी होती है, प्रबंधन कैसे होता है, स्टाफ के साथ मित्रवत व्यवहार कितना मायने रखता है, उत्पादन किस प्रकार और कितना किया जाता है, उत्पादित माल की कीमत कैसे तय की जाती है, तैयार माल को बाजार तक पहुंचाना और विक्रय की व्यवस्था करना, इत्यादि मुद्दों से छात्रों को अवगत कराने के उद्देश्य से लिए गए इस टूर से विद्यार्थियों ने उत्पादन, प्रबंधन तथा मार्केटिंग का सैद्धांतिक ज्ञान के साथ व्यवहारिक ज्ञान भी भरपूर लिया.
इस इंडस्ट्रियल टूर के दौरान टेक्नो क्राफ्ट इंडस्ट्री के जनरल मैनेजर डी. सी. हीरेमठ ने विद्यार्थियों को प्रबंधन तथा मार्केटिंग के गुर सिखाए व समझाए, वहीं डव टेक्सटाइल के उपाध्यक्ष रविंद्र कुमार ने अपने वक्तव्य में छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि, लगन हो, हिम्मत हो, जोश और जुनून हो, तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है. रेशा-रेशा जोड़कर जिस तरह सुंदर कपड़ा बनता है, उसी तरह आपकी मेहनत, लगन और हिम्मत जुड़कर ऐसी ही कोई संस्था इंडस्ट्री या फैक्ट्री बन जाती है. इसलिए आप भी अपनी उड़ान को कम मत आंको, हौसले बुलंद रखो, मंजिल निश्चित तुम्हारे कदम चूमेगी.
इस इंडस्ट्रिल टूर का व्यवस्थित व उत्तम संचालन करने और बेहतरीन व्यवस्था हेतु प्रा. पूजा मोहता ने अथक परिश्रम किया. इस टूर का महाविद्यालय के 60 छात्र-छात्राओं ने लाभ लिया. इस टूर को सफल बनाने में डॉ. शैला निब्जिया, डॉ. गिरीश डागा, प्रा. मीनल भुपतानी तथा वैभव चिंचलपुरे ने महत्वपूर्ण योगदान दिया.

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