अमरावतीमहाराष्ट्र

बियाणी के विद्यार्थियों ने की मूक बधिर विद्यार्थियों से भेंट

जीवन जीने की कला और हौसला सीखा

अमरावती/दि.16– स्थानीय बृजलाल बियानी विज्ञान महाविद्यालय के बी बी ए तथा बी. कॉम के विद्यार्थियों का यह वक्तव्य साबित करता है की हिम्मत,जूनून और हौसला और संघर्ष करने की प्रवृत्ति हो तो जीवन जीने का आनंद ही कुछ और है. विभाग प्रमुख डॉ नीता होनराव ने बताया कि इस विजिट से विद्यार्थियों ने सीखा कि हर समय किस्मत का रोना रोने या कमियों के लिए ईश्वर को दोष देने के बजाय यह देखो कि हमें क्या मिला है और हम क्या कर सकते हैं. थक कर, निराशा से भरकर या हिम्मत हार कर बैठने की बजाय लगातार कोशिश करना और जीतने का जज्बा रखने से ही जीवन रण में जीत हासिल की जा सकती है.
मूक बधिर विद्यार्थियों से प्रेरणा लेकर लौटे विद्यार्थी अब स्वयं उनसे सीख कर हुनर को बढ़ाने का प्रयत्न करने लगे है. उन्होंने देखा कि जब यह मूक बधिर विद्यार्थी स्वयं को कमतर समझने के बजाय अपने हुनर से अपना विकास कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं ?
विद्यार्थी अचंभित थे उनकी सिलाई कला, मूर्ति कला, फाइल बनाना, ड्राइंग कला,पेंटिंग कला तथा ब्यूटी पार्लर जैसे हुनर को देखकर जो न सिर्फ उन्हें मानसिक संतोष प्रदान करता है बल्कि आजीविका के साधन भी उपलब्ध करवाता है. विद्यार्थियों को यही सीखने और दिखाने के लिए प्राध्यापक डॉ. गिरीश डागा और प्रा. सागर रायचुरा ने इस सांई नगर स्थित मूक बधिर विद्यालय में मुलाकात की. नई पीढ़ी बहुत जल्द निराशा के गर्त में डूब जाती है. मूक बधिर विद्यार्थियों के हौसले और हुनर को देखकर उन्हें एक नई राह नई दिशा मिली कि जिंदगी हर हाल में जीने का नाम है, खुशियां बांटने और बटोरने का नाम है. प्राचार्य डॉ दीपक धोटे सर के मार्गदर्शन में और संस्था अध्यक्ष ओम प्रकाश जी लड्डा की शुभेच्छा के साथ करीब 80 विद्यार्थियों ने इस मुलाकात से प्रेरणा हासिल की.

 

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