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जिले की 8 में से 5 सीटों पर भाजपा का दावा

मुंबई में चल रही पार्टी कोर कमिटी की बैठक

* 3 सीटे महायुति के घटक दलों हेतु छोडने की तैयारी
* मौजूदा 4 विधायकों की सीटें सुरक्षित, शेष 4 सीटों की माथापच्छी
अमरावती /दि.27- आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा कोर कमिटी की एक महत्वपूर्ण बैठक आज मुंबई में आयोजित की गई. जिसमें पार्टी द्वारा अमरावती जिले की 8 विधानसभा सीटों में से 5 सीटों पर महायुति के तहत अपना दावा किया गया है. वहीं 3 सीटें महायुति में शामिल घटक दलों हेतु छोडने की तैयारी दर्शायी गई है. जिले की जिन 5 सीटों पर भाजपा द्वारा अपना दावा किया गया है, उनमें अचलपुर, मेलघाट, धामणगांव रेल्वे, दर्याुपर व तिवसा निर्वाचन क्षेत्रों का समावेश है. साथ ही अमरावती, बडनेरा एवं वरुड विधानसभा क्षेत्र को भाजपा द्वारा महायुति के घटक दलों हेतु छोडने की बात कही गई है और इन 3 सीटों पर भाजपा द्वारा महायुति में शामिल घटक दलों के प्रत्याशियों को अपनी ओर से पूरा समर्थन देने की तैयारी दर्शायी गई है. अब सभी की निगाहे इस ओर लग गई है कि, महायुति के तहत सीटों के बंटवारे को लेकर कौन सा समीकरण तय होता है तथा जिले की 8 सीटों में से भाजपा के हिस्से में कितनी सीटें आती है.
उल्लेखनीय है कि, महायुति के तहत पहले ही यह बात तय हो चुकी है कि, जिस निर्वाचन क्षेत्र से महायुति के विधायक निर्वाचित है, उन निर्वाचन क्षेत्रों में मौजूदा विधायकों की ही दावेदारी लगभग तय रहेगी. ऐसे में राकांपा अजीत पवार गुट की समर्थक रहने वाली अमरावती की विधायक सुलभा खोडके तथा मोर्शी-वरुड के विधायक देवेंद्र भुयार की टिकट महायुति के तहत राकांपा से पक्की मानी जा रही है. इसके साथ ही बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र के निर्दलीय विधायक रवि राणा की युवा स्वाभिमान पार्टी भी महायुति में शामिल है. ऐसे में बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक राणा की महायुति की ओर से दावेदारी लगभग निश्चित है. जिसके चलते इन तीन निर्वाचन क्षेत्रों को महायुति के घटक दलों सहित छोडते हुए जिले की शेष 5 सीटों पर अब भाजपा द्वारा अपना दावा किये जाने की जानकारी सामने आयी है. जिसमें से धामणगांव रेल्वे विधानसभा क्षेत्र से खुद भाजपा के प्रताप अडसड विधायक है. जिन्होंने पिछले चुनाव में विजयी रहते हुए भाजपा को अमरावती जिले में एकमात्र जीत दिलायी थी. ऐसे में इस बार के चुनाव में उनकी भाजपा से दावेदारी को लगभग निश्चित ही माना जा रहा है. वहीं शेष 4 सीटों पर भाजपाईयों द्वारा दावा करते हुए कुछ संभावित प्रत्याशियों के नामों पर विचार किया जा रहा है.
इस संदर्भ में भाजपाई सूत्रों के जरिए मिली जानकारी के मुताबिक महायुति के तहत भाजपा की ओर से दर्यापुर में पूर्व विधायक रमेश बुंदीले व भाजपा नेता गोपाल चंदन, आदिवासी बहुल मेलघाट में पूर्व विधायक प्रभुदास भिलावेकर व केवलराम काले सहित प्रीति सोलंके (मालवे), अचलपुर में प्रवीण तायडे व सुधीर रसे तथा तिवसा में राजेश वानखडे व रविराज देशमुख द्वारा टिकट हेतु दावेदारी की गई है. ऐसे में अब यह देखना वाकई दिलचस्प होगा कि, कौनसा निर्वाचन क्षेत्र महायुति के तहत किस राजनीतिक दल के हिस्से में छुटता है और किस निर्वाचन क्षेत्र से किसे टिकट दी जाती है.

* 4 सीटें क्लीयर व 4 सीटों पर घमासान
जिले की मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि, महायुति के तहत फिलहाल अमरावती, बडनेरा, धामणगांव रेल्वे व मोर्शी-वरुड निर्वाचन क्षेत्रों में मौजूदा विधायकों को ही प्रत्याशी बनाये जाने की संभावना के चलते इन चारों निर्वाचन क्षेत्र में टिकट एवं दावेदारी का मामला लगभग क्लीयर है, लेकिन शेष 4 विधानसभा सीटों यानि अचलपुर, मेलघाट, तिवसा व दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्रों में 2 व 2 से अधिक दावेदार रहने के चलते भाजपा में टिकट के लिए अच्छा खासा घमासान होने के आसार साफ दिखाई दे रहे है.

* अब अचलपुर व मेलघाट पर भी भाजपा का दावा
बता दें कि, अब तक शिंदे गुट के समर्थन में रहने वाले प्रहार पार्टी के मुखिया व विधायक बच्चू कडू ने अब आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर परिवर्तन महाशक्ति नामक अपनी तीसरी आघाडी घटित कर ली है. जिसमें स्वाभाविक तौर पर प्रहार पार्टी से मेलघाट के विधायक रहने वाले राजकुमार पटेल भी शामिल होंगे. ऐसे में बच्चू कडू व राजकुमार पटेल के महायुति से बाहर निकल जाने के चलते अब अचलपुर व मेलघाट निर्वाचन क्षेत्रों पर महायुति की ओर से भाजपा द्वारा अपना दावा किया गया है. जहां पर भाजपा की ओर से चुनाव लडते हुए विधायक बच्चू कडू व राजकुमार पटेल को चुनौति देने के लिए कुछ भाजपा पदाधिकारी तैयार भी है.
* दर्यापुर में अडसूल का शिंदे गुट से प्रयास
ज्ञात रहे कि, दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र पर महायुति के तहत शिंदे गुट की ओर से क्षेत्र के पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल द्वारा दावा किये जाने के साथ ही विगत लंबे समय से इस निर्वाचन क्षेत्र से खुद को शिंदे गुट की टिकट मिलने हेतु प्रयास किये जा रहे है. लेकिन इन तमाम प्रयासों की अनदेखी करते हुए भाजपा द्वारा दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र के लिए भी अपनी ओर से दावा किया गया है. जिसके चलते दर्यापुर सीट को लेकर शिंदे गुट के नेता पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल व पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल की भाजपा के साथ तकरार होने की संभावना बनती दिखाई दे रही है. क्योंकि महायुति में शामिल शिंदे गुट की ओर से फिलहाल इसी एक निर्वाचन क्षेत्र को अपने हिस्से में रखने हेतु जोर लगाया जा रहा है. वहीं इस सीट पर भी भाजपा की नजर लगी हुई है. जहां से पूर्व विधायक रमेश बुंदीले सहित पार्टी पदाधिकारी गोपाल चंदन चुनाव लडने के इच्छुक है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि, शिंदे गुट व भाजपा में से दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र किसके हिस्से ेमें छुटता है.
* अमरावती व वरुड से खोडके व भुयार के नाम पक्के
– डेप्यूटी सीएम अजीत पवार के दौरे ने दोनों नामों पर लगाई मुहर
महायुति के तहत सीटों के बंटवारे को लेकर मौजूदा विधायकों क संदर्भ में तय समीकरण के चलते अमरावती एवं वरुड निर्वाचन क्षेत्रों के मौजूदा विधायकों सुलभा खोडके व देवेंद्र भुयार के नाम राकांपा अजीत पवार गुट की ओर से लगभग तय माने जा रहे है. साथ ही इस बात पर गत रोज अमरावती जिले के दौरे पर आये राकांपा नेता व डेप्यूटी सीएम अजीत पवार ने एक तरह से मुहर भी लगा दी है. जिन्होंने अमरावती में विविध विकास कामों का भूमिपूजन व लोकार्पण करते समय आगामी विधानसभा चुनाव के लिए विधायक सुलभा खोडके हेतु अभी से वोट भी मांग लिये. साथ ही डेप्यूटी सीएम अजीत पवार विगत एक माह के दौरान लगातार दूसरी ओर वरुड भी पहुंचे, ताकि अपने समर्थक विधायक देवेंद्र भुयार के पक्ष में माहौल बनाया जा सके. जिसे देखते हुए साफ है कि, भाजपा द्वारा अमरावती एवं वरुड निर्वाचन क्षेत्रों को महायुति के तहत राकांपा अजीत पवार गुट के लिए छोडा जाएगा. जहां से अजीत पवार गुट ने अपने प्रत्याशियों के नाम अभी से तय कर लिये है.

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