आमसभा के बाद भाजपा पार्षदों ने मचाया हंगामा
सत्ताधारी पार्षदों ने की वार्ड विकास स्वेच्छा निधि की मांग
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उपमहापौर सहित 19 पार्षदों ने सौंपा आयुक्त को ज्ञापन
अमरावती/दि.23 – महानगरपालिका चुनाव को अभी एक साल बाकि है. अभी से ही सत्ताधारी भाजपा पार्षदों ने हंगामा शुरु कर दिया है. मंगलवार को मनपा की आमसभा में पार्षदों ने महापौर को गुड का गणपति कहा था. उसके पश्चात भाजपा के 45 में से 19 पार्षदों जिसमें उपमहापौर, पूर्व महापौर, पूर्व सत्तापक्ष नेता का समावेश था. सभी पार्षदों ने वार्ड विकास व स्वेच्छा निधि की मांग की. इन सत्ताधारी पार्षदों का कहना रहा कि, हमें सत्ता नहीं चाहिए. सत्ता से हमें कोई लेना-देना नहीं ना ही हमें सीसीटीवी कैंमरे चाहिए हमें तो बस हमारे अधिकार की स्वेच्छा निधि वार्ड विकास के लिए 50 लाख रुपए चाहिए.
आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर चेतावनी दी
सत्ताधारी पार्षदों ने मनपा मुख्यालय के सामने तीनों के भीतर निधि प्राप्त नहीं हुई तो तीव्र आंदोलन की भी चेतावनी दी है. वार्ड विकास स्वेच्छा निधि के 50 लाख रुपए की राशि एक रकम वितरीत कर निविदा प्रक्रिया चलायी जाए, आमसभा में हुई चर्चा के अनुसार जब तक पार्षदों को वार्ड विकास व स्वेच्छा निधि का वितरण नहीं होता तब तक किसी भी काम के लिए मनपा प्रशासन निधि नहीं खर्च करेगी अन्यथा पार्षद आंदोलन के लिए सडक पर उतरेंगे ऐसी चेतावनी आयुक्त को ज्ञापन सौंपते हुए भाजपा पार्षदों ने दी.
तीन दिनों का दिया समय
सत्ताधारी पार्षदों ने कहा कि हमें सत्ता से कोई लेना-देना नहीं है. हमें तो केवल विकास कार्य करने की लालसा है ना ही हमें सीसीटीवी कैमरे की जरुरत है ना ही किसी अन्य सुविधा की. इसके बजाय प्रभागों में नालियां, रास्ते, लाइन लगवाए जाए. आमसभा में 25-25 लाख रुपए निधि मंजूर की गई थी तब से लोग हमें पूछ रहे है. वार्ड विकास व स्वेच्छा निधि समान रुप से वितरीत करे ऐसा इन पार्षदों ने कहा और तीन दिन के भीतर निधि उपलब्ध करवाए जाने का अल्टीमेटम दिया.
भाजपा पार्षदों में आपसी मनमोटाव
मंगलवार को आमसभा के पश्चात महापौर चेतन गावंडे को स्वेच्छा निधि के नाम पर भाजपा पार्षदों ने जवाब मांगते हुए गुड का गणपति कह डाला इससे भाजपा पार्षदों मेें आपसी मनमोटाव की बात सामने आयी है. भाजपा के 45 पार्षदों में से 19 व 17 पार्षदों के दो अलग-अलग गुट बन चुके है. गुुरुवार को मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे को इन पार्षदों ने ज्ञापन सौंपा उन 19 पार्षदों में उपमहापौर कुसूम साहू, पूर्व महापौर संजय नरवणे, पूर्व मनपा गुट नेता सुनील काले, प्रकाश बनसोड, विजय वानखडे, सुचित्रा बिरे, अजय गोंडाणे, गोपाल धर्माले, चंद्रकांत बोंबरे, सुचित्रा वनवे, संजय वानरे, सोनाली करेसिया, श्रीचंद तेजवानी, प्रमीला जाधव, निता राउत, अनिता राज, सतीश करेशिया, गजानन जाधव, प्रमोद राउत का समावेश था.
सत्ताधारियों के ऐसे हाल तो विरोधियों का क्या?
महानगरपालिका चुनाव को एक साल शेष रह गया है. जिसमें पार्षद प्रभाग के लोगों के सामने जा रहे है लेकिन पिछले चार वर्षो से निधि के अभाव में विकास कार्य रुक गए है. अब पार्षदों को विकास निधि मिलेगी और काम तेजी से शुरु होगा ऐसा लग रहा था. किंतु स्थिति विपरीत है यहां सत्ताधारियों को निधि के लिए आक्रमक होना पड रहा है ऐसे में विरोधियों का क्या हाल होगा ऐसी चर्चा शहर में व्याप्त है.
सत्ताधारियों ने मनपा को ‘भकास’ कर दिया
मनपा नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत ने मनपा सत्ताधारियों की आलोचना करते हुए कहा कि, निधि के लिए सत्ताधारी पार्षदों को आंदोलन करना पड रहा है इससे यह साबित होता है कि सत्ताधारियों ने जो बजट पेश किया था वह झीरो है. उसमें केवल घोषणाबाजी के अलावा कुछ भी नहीं था. प्रत्यक्ष में मनपा की आमदनी बढाने का कोई साधन नहीं है विगत चार वर्षो में सत्ताधारियों ने मनपा को पूरी तरह से भकास कर दिया है. सत्ताधारी पार्टी के 19 पार्षद मांग करते है कि उन्हें ना तो सीसीटीवी कैमरे चाहिए ना ही अन्य सुविधा उन्हें तो केवल प्रभाग का विकास करना है. आज सत्ताधारियों ने साबित कर दिया कि मनपा भकास हो चुकी है. ऐसा नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत ने कहा.