जिले में भाजपा ने रचा इतिहास, शत-प्रतिशत हासिल की सफलता
5 सीटों पर लडा चुनाव पांचों प्रत्याशी जीते
* इतिहास में पहली बार अमरावती की पांच सीटों पर भाजपा को मिली सफलता
* महायुति ने भी किया ‘क्लीन स्वीप’, 8 में से रिकॉर्ड 7 सीटों जीती
* अमरावती व अचलपुर के अलावा शेष 5 सीटों पर रिकॉर्डतोड रही लीड
अमरावती/दि.23 – विधानसभा चुनाव में राज्य सहित अमरावती जिले में शानदार सफलता हासिल करने के साथ ही भाजपा ने अमरावती जिले में अपनी तरह का एक अनूठा रिकॉर्ड बना लिया. भाजपा ने अमरावती जिले की पांच सीटों पर अपने प्रत्याशी खडे किये थे और पांचों प्रत्याशियों ने रिकॉर्डतोड वोटों के साथ जीत हासिल की है. साथ ही साथ जिले की तीन सीटें महायुति के तहत घटक दलों हेतु छोडी गई थी. इन 3 में से दर्यापुर को छोडकर अमरावती व बडनेरा की 2 सीटों पर महायुति के प्रत्याशियों की जीत हुई है. यानि भाजपा सहित महायुति ने एक तरह से अमरावती जिले में क्लीन स्पीप करते हुए विपक्षी गठबंधन के प्रत्याशियों का सुपडा साफ ही कर डाला.
बता दें कि, महायुति के तहत भाजपा ने अमरावती जिले की तिवसा, मोर्शी, धामणगांव रेल्वे, मेलघाट व अचलपुर निर्वाचन क्षेत्रों को अपने हिस्से में रखा था और तिवसा से राजेश वानखडे, मोर्शी-वरुड से उमेश उर्फ चंदू यावलकर, धामणगांव रेल्वे से प्रताप अडसड, मेलघाट से केवलराम काले तथा अचलपुर से प्रवीण तायडे को प्रत्याशी बनाया गया था. इसमें से प्रताप अडसड व केवलराम काले को छोडकर अन्य तीनों प्रत्याशी पूरी तरह से नये नवेले थे. लेकिन सभी प्रत्याशियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने प्रतिस्पर्धियों को करारी शिकस्त थी. जिसके तहत तिवसा में राजेश वानखडे ने कांग्रेस प्रत्याशी व तीन बार तिवसा की विधायक रहने वाली कद्दावर नेत्री एड. यशोमति ठाकुर को 7 हजार 617 वोटों की लीड हासिल करते हुए पराजीत किया. यह तिवसा निर्वाचन क्षेत्र के लिहाज से काफी बडा परिवर्तन रहा. जिसे कांग्रेस पार्टी सहित महाविकास आघाडी के लिए काफी बडा झटका भी माना जा सकता है. क्योंकि कांग्रेस नेत्री यशोमति ठाकुर को मविआ की सरकार आने की स्थिति में सीएम पद का प्रत्याशी बताया जा रहा था. इसी तरह अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी प्रवीण तायडे ने 4 बार के विधायक व प्रहार पार्टी के मुखिया बच्चू कडू को 12 हजार 131 वोटों से करारी शिकस्त दी. इसे भी काफी उलटफेर वाला नतीजा कहा जा सकता है. क्योंकि अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र पर अपनी मजबूत पकड रखने के साथ बच्चू कडू ने धीरे-धीरे राज्य के अन्य निर्वाचन क्षेत्र में भी अपना प्रभाव जमाया था और उन्हें प्रादेशिक नेताओं की पंक्ति में गिना जाने लगा था. जिन्हें पहली बार विधानसभा चुनाव लडने वाले भाजपा प्रत्याशी प्रवीण तायडे के हाथों हार का सामना करना पडा.
इसके साथ ही मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी नतीजा काफी रोमांचकारी रहा. जहां पर कांग्रेस छोडकर भाजपा में आये और भाजपा द्वारा प्रत्याशी बनाये गये पूर्व विधायक केवलराम काले ने रिकॉर्ड 1 लाख 6 हजार 859 वोटों की लीड हासिल करते हुए इतिहास ही रच दिया. साथ ही क्षेत्र के मौजूदा विधायक व प्रहार प्रत्याशी राजकुमार पटेल को तीसरे स्थान पर भी ढकेल दिया. इसे अपने आप में काफी बडा उलटफेर माना जा सकता है. इसी तरह मोर्शी निर्वाचन क्षेत्र में चंदू उर्फ उमेश यावलकर जैसे नये प्रत्याशी ने भाजपा की टिकट पर चुनाव लडते हुए 64 हजार 707 वोटों की लीड से शानदार जीत हासिल की और क्षेत्र के मौजूदा विधायक देवेंद्र भुयार को पराजीत किया.
इसके साथ ही धामणगांव रेल्वे निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रहने वाले क्षेत्र के मौजूदा विधायक प्रताप अडसड ने अपने परंपरागत प्रतिद्वंदी व कांगे्रस प्रत्याशी वीरेंद्र जगताप के खिलाफ शुरुआत से बढत बनाए रखी तथा समाचार लिखे जाने तक 27 में से 18 राउंड की गिनती के बाद प्रताप अडसड 12 हजार 862 वोटों की लीड लेकर आगे चल रहे थे.
इन पांच सीटों के अलावा महायुति द्वारा अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से अजीत पवार गुट वाली राकांपा की सुलभा खोडके, बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से युवा स्वाभिमान पार्टी के रवि राण तथा दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र से शिंदे गुट वाली शिवसेना के अभिजीत अडसूल को प्रत्याशी बनाया गया था. जिसमें से अमरावती निर्वाचन क्षेत्र में सुलभा खोडके ने 5 हजार 413 वोटों की लीड हासिल करते हुए जीत हासिल की. वहीं बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से युवा स्वाभिमान के रवि राणा ने 66 हजार 397 वोटों की लीड के साथ बम्फर जीत प्राप्त की. जबकि दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र में महायुति प्रत्याशी अभिजीत अडसूल को तीसरे स्थान पर रहते हुए हार का सामना करना पडा.
ऐसे में कहा जा सकता है कि, अमरावती जिले की पांच विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी देने के साथ ही पांचों सीटों पर जीत हासिल कर भाजपा ने एक तरह से इतिहास रच दिया है. साथ ही साथ जिले की 8 में से 7 सीटों पर सफलता प्राप्त करते हुए एक तरह से क्लीन स्वीप किया है तथा विपक्षी गठबंधन का सुपडा साफ ही कर दिया है.