अमरावती

ब्राह्मणों की पार्टी है भाजपा, उनका हिंदुत्व भी सौ फीसद ब्राह्मणी

कांग्रेस प्रवक्ता एड. दिलीप एडतकर का कथन

अमरावती/दि.5- भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से ब्राह्मणवादी दल है और इस पार्टी में ब्राह्मणी विचारधारा का ही वर्चस्व है. इस बात का सबूत भाजपा की जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी दिघडे के खिलाफ उनकी ही पार्टी के ब्राह्मण पदाधिकारियों द्वारा पुलिस में दर्ज करायी गई शिकायत के तौर पर सामने आ गया है. ऐसे में अब भाजपा में रहनेवाले बहुजनों ने समय रहते सावधान व सतर्क हो जाना चाहिए, अन्यथा उनपर कभी भी ब्राह्मणवाद की बिजली गिर सकती है. इस आशय की चेतावनी कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता एड. दिलीप एडतकर द्वारा दी गई है.
यहां जारी प्रेस विज्ञप्ती में एड. दिलीप एडतकर ने कहा कि, बहुजनों के कंधे पर बंदूक रखते हुए बहुजनों का ही स्वीकार करनेवाली भाजपा ने हमेशा से ही बहुजनों का अपने फायदे के लिए उपयोग किया है, क्योंकि सनातनी विचारों के प्रति समर्पित भारतीय जनता पार्टी कभी भी बहुजनों की नहीं हो सकती है. एडतकर के मुताबिक भाजपा का हिंदुत्त्व भी ब्राह्मणवाद को लादनेवाला है और भाजपा में ब्राह्मण समाज का ही पूरी तरह से वर्चस्व है. जिसके चलते ब्राह्मणेत्तर लोगोें के साथ हीन एवं दोयम व्यवहार किया जाता है. इसी के तहत एक ब्राह्मण पदाधिकारी को की गई गाली-गलौच का आरोप लगाते हुए भाजपा के ब्राह्मण पदाधिकारियों ने अपनी ही पार्टी की जिलाध्यक्ष निवेदिता दिघडे के खिलाफ धार्मिक भावना को आहत करने की शिकायत दर्ज करायी. जिसे लेकर निवेदिता चौधरी के खिलाफ पुलिस थाने में अपराध भी दर्ज हुआ है. ऐसे में अब किसी भी समय किसी भी बहुजन कार्यकर्ता पर भाजपा के ब्राह्मण पदाधिकारियों द्वारा अपनी धार्मिक भावनाओं को आहत किये जाने की शिकायतें दर्ज करायी जा सकती है. ऐसे में भाजपा के बहुजन पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की अब कोई खैर नहीं है. पूरे मामले से यहीं संदेश निकलता है. अपनी प्रेस विज्ञप्ती में कांग्रेस प्रवक्ता एड. दिलीप एडतकर ने यह भी कहा कि, राकांपा विधायक अमोल मिटकरी के वक्तव्य को लेकर महाराष्ट्र में ब्राह्मण समाज द्वारा अनावश्यक हंगामा किया गया. जिसके पश्चात मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र के आराध्य दैवत छत्रपति शिवाजी महाराज के संदर्भ में तिलक व पुरंदरे का महत्व बढाने हेतु दयनीय प्रयास किया. जिसे बहुजन समाज द्वारा बेहद गंभीरता से लेना आवश्यक है. शिवराय की समाधि के संदर्भ में महात्मा ज्योतिराव फुले के योगदान को अपनी सुविधा के लिए अनदेखा करते हुए शिवराय की समाधि के जिर्णोध्दार हेतु निधी जमा कर उसे एक डूबनेवाली बैंक में रखनेवाले तिलक का समाधि जिर्णोध्दार भी कौडी का भी सहभाग नहीं रहने के बावजूद उन्हें मुफ्त का श्रेय देने और शिवराय की बदनामी करनेवाले पुरंदरे की पीठ थपथपाने जैसे प्रयासों को ब्राह्मणी वर्चस्व का उदाहरण कहा जा सकता है. जिसके जरिये बहुजनों के आदर्शों का अपमान करते हुए बहुजन समाज को हीन मानने और जाति-धर्म में दूरी निर्माण करने का प्रयास भाजपा द्वारा किया जाता है. ऐसा आरोप भी कांग्रेस प्रवक्ता एड. दिलीप एडतकर द्वारा लगाया गया है.

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