अंग्रेजी राज की याद दिला रही है भाजपा, विरोध में उठने वाली आवाज को दबाया जा रहा
बालापुर के सेना विधायक नितीन देशमुख का कथन
* एसीबी की नोटीस पर पहुंचे अमरावती
* हजारों कार्यकर्ताओं संग एसीबी ऑफिस में लगाई हाजिरी
* सरकार विरोधी नारेबाजी से गुंजा एसीबी कार्यालय परिसर
अमरावती/ दि.17 – भारतीय जनता पार्टी व्दारा इस समय जिस तरह से मनमाना कामकाज किया जा रहा है और अपने खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबाने का प्रयास हो रहा है. उससे ब्रिटीश राज की यादें ताजा हो रही है. लेकिन उस समय भी कुछ लोग जेल जाने से नहीं डरे थे और देश ब्रिटीश राज से आजाद हुआ था. इसी तरह आज हम भी जेल जाने से नहीं डरते. बल्कि किसी भी जांच एजेंसी व्दारा जांच व पूछताछ के नाम पर बुलाए जाने की स्थिति में अपने घर से अपने कपडे-लत्ते व जरुरी सामान लेकर निकलते है. ताकि अगर पूछताछ के नाम पर पुलिस या जांच एजेंसी व्दारा गिरफ्तार भी कर लिया जाए, तो किसी तरह की कोई तकलिफ या दिक्कत न हो, इस आशय का प्रतिपादन बालापुर निर्वाचन क्षेत्र के शिवसेना (ठाकरे गुट) के विधायक नितीन देशमुख ने किया.
आय से अधिक संपत्ति को लेकर मिली शिकायत के मामले में विगत दिनों ही भ्रष्टाचार प्रतिबंधात्मक विभाग (एसीबी) व्दारा विधायक नितीन देशमुख को नोटीस जारी करते हुए 17 जनवरी की सुबह 11 बजे अमरावती स्थित एसीबी कार्यालय में उपस्थित रहने कहा गया था. यह लगभग पहले से तय था कि, विधायक नितीन देशमुख व्दारा एसीबी कार्यालय में उपस्थित रहते समय शक्ति प्रदर्शन किया जाएगा और यहां पर उनके साथ उनके सैकडों समर्थक भी उपस्थित हो सकते है, इस बात के मद्देनजर शहर पुलिस उपायुक्त सागर पाटील व सहायक पुलिस आयुक्त पूनम पाटील के नेतृत्व में आज सुबह से एसीबी ऑफिस कार्यालय परिसर में पुलिस का तगडा बंदोबस्त लगाया गया था. इसके तहत एसीबी ऑफिस की ओर जिलाधिश कार्यालय पंचवटी चौक व आरटीओ ऑफिस की तरफ से आने वाले रास्तों पर नाकाबंद व बैरिकेटेड कर दी गई थी. सुबह 11 बजे के आसपास एसीबी ऑफिस परिसर में अकोला सहित अमरावती के ठाकरे गुट वाली शिवसेना समर्थक का जमावडा लगना शुरु हो गया था. जहां पर सेनापदाधिकारियों व्दारा भाजपा सहित शिंदे-फडणवीस सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की जा रही थी. करीब 12.35 बजे विधायक नितीन देशमुख अपने कुछ चुनिंदा समर्थकों के साथ एक काफिले की शक्ल में एसीबी कार्यालय पहुंचे. जहां पर उनका सेनापदाधिकारियों व शिवसैनिकों ने जल्लोषपूर्ण स्वागत किया. इस समय मीडिया कर्मियों से संवाद साधते हुए विधायक नितीन देशमुख ने कहा कि, वे शुुरुआत से हीे ‘ईडी’ सरकार के निशाने पर है और एसीबी की ओर से नोटीस मिलने पर उन्हें कोई आश्चर्य नहीं हुआ है. साथ ही जरुरत पडने पर सच की लडाई के लिए जेल जाने के लिए भी तैयार है.
मीडिया से संवाद साधने के बाद नितीन देशमुख ने अपने समर्थकों व कार्यकर्ताओं को हाथ हिलाकर शांत रहने का आह्वान किया. जिसके बाद एसीबी कार्यालय के भीतर गए. विधायक देशमुख के एसीबी कार्यालय में जाते ही बाहर मौजूद शिवसेना समर्थकों ने ओर भी जोर-जोर से सरकार विरोधी नारेबाजी करनी शुरु कर दी. वहीं एसीबी कार्यालय के भीतर एसीबी अधिकारियों व्दारा विधायक देशमुख से बेनामी संपत्ति के मामले में पूछताछ करने शुरु की गई. जो समाचार लिखे जाने तक जारी थी.
शिकायतकर्ता का नाम तो सामने आये…
एसीबी कार्यालय के भीतर जाने से पहले मीडिया कर्मियों के साथ संवाद साधते हुए विधायक नितीन देशमुख ने कहा कि, उनके खिलाफ एसीबी के पास किसने शिकायत दी है, यह अभी एसीबी व्दारा स्पष्ट नहीं किया गया है. जबकि उन्हें अपने खिलाफ शिकायत करने वाले व्यक्ति के नाम का पूरा अनुमान व अंदाजा है. जिस व्यक्ति ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, खुद उस व्यक्ति के खिलाफ धोखाधडी व जालसाजी सहित कई संगीन धाराओं के तहत अपराध दर्ज है और यदि आगे चलकर वहीं व्यक्ति शिकायतकर्ता निकलता है, तो उनके पास उस व्यक्ति और सीएम एकनाथ शिंदे के बीच हुई बातचीत की पूरी रिकॉर्डिंग मौजूद है. जिसे वे वक्त आने पर उजागर कर देंगे.
नितिन देशमुख से एसीबी….…..
एसीबी कार्यालय के बाहर शिवसैनिकों का प्रदर्शन
नितिन देशमुख अपने समर्थकों के साथ दोपहर 12.25 बजे अमरावती एसीबी कार्यालय पहुंचे और दोपहर 3.25 बजे एसीबी कार्यालय से बाहर निकले. इस तीन घंटे के दौरान अकोला और अमरावती जिले के उद्धव ठाकरे शिवसेना के समर्थकों ने विधायक नितिन देशमुख के पोस्टर हाथ में लिए राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार के विरोध में जोरदार नारेबाजी करते हुए तीव्र प्रदर्शन किया. इस अवसर पर तरबूज फोड़कर उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के खिलाफ नारेबाजी कर इस कार्रवाई को लेकर रोष जताया.
एसीबी कार्यालय पुलिस छावनी में तब्दील
अकोला जिले के बालापुर के शिवसेना (ठाकरे गुट) के विधायक नितिन देशमुख से एसीबी कार्यालय में तीन घंटे चली पूछताछ के दौरान एसीबी कार्यालय पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था. पुलिस उपायुक्त सागर पाटील, सहायक आयुक्त पूनम पाटील, निरीक्षक श्रीमती लोेंढे, फ्रेजरपुरा के थानेदार गोरखनाथ जाधव, सीपी कार्यालय के निरीक्षक अनिल कुरलकर, गाडगेनगर के निरीक्षक कुलट के नेतृत्व में गाड़गेनगर, फ्रेजरपुरा, बडनेरा, मुख्यालय की पुलिस भारी संख्या में एसीबी कार्यालय परिसर में तैनात थी. क्यूआरटी दल भी इस समय तैनात रखा गया था.
समर्थकों की पुलिस से धक्कामुक्की
विधायक नितिन देशमुख नोटीस मिलने के बाद एसीबी कार्यालय पहुंचे,तब उनके साथ शिवसैनिकों ने भी एसीबी कार्यालय में जाने का प्रयास किया. उनके साथ अकोला और अमरावती जिले के समर्थक बड़ी संख्या में थे. पुलिस ने पहले से ही एसीबी कार्यालय के प्रवेशद्वार के बाहर बेरिकेटींग कर रखी थी. नितिन देशमुख के भीतर जाने के बाद समर्थकों ने भीतर जाने का प्रयास किया तब उन्हें पुलिस ने रोक दिया. तब कार्यकर्ताओं ने पुलिस के साथ धक्कामुक्की कर भीतर घुसने का प्रयास किया. इस वक्त कुछ समय के लिए तनावपूर्ण वातावरण निर्माण हो गया था.
सभी सवालों के जवाब दिए
तीन घंटे की कड़ी पूछताछ के बाद नितिन देशमुख ने एसीबी कार्यालय के बाहर आकर पत्रकारों से कहा कि उनसे विधानसभा के वर्ष 2019 के चुनाव के पूर्व की संपत्ति का ब्यौरा और उसके बाद अब तक आय का ब्यौरा मांगा गया जो उन्होंने अधिकारियों को दिया. साथ ही उनके द्वारा पूछे गए हर सवालों का जवाब दिया गया है. लेकिन इस पूछताछ के दौरान खेद इस बात का लगा कि अधिकारियों का सवाल था कि वह जिस चारपहिया वाहन का इस्तेमाल करते हैं, उसमें डीजल किस पेट्रोल पंप से भरते हैं और वह पैसा कहां से लाते हैं. देशमुख ने कहा कि उन्हें यह सवाल करना चाहिए था कि गुवाहाटी से जिस चार्टर्ड प्लेन से वह आए, वह वापस लौटे, वह खर्च किसने किया? लेकिन यह सवाल नहीं पूछा गया.अब तक वर्तमान सरकार विपक्ष के मराठी भाषियों को ईडी की नोटीस देकर धमकाते हुए दबाव डाल रही है और गैर मराठी शिरीष कोंबे, राणा दंपत्ति, परमवीर सिंह, मोहित कंबोज और किरीट सोमैय्या जैसे लोग देवेन्द्र फडणवीस के इशारे पर वक्तव्य कर रहे हैं. राज्य के आगामी 2024 के चुनाव में भाजपा को इसके परिणाम भुगतने होंगे. वर्ष 2014 के चुनाव में शिवसेना साथ में थी इस कारण विदर्भ में भाजपा को सफलता मिली. लेकिन 2024 के चुनाव में इसका असर दिखाई देगा.