भाजपा नेता किरीट सोमैया के आरोप से जिले में मचा हंगामा
अंजनगांव सुर्जी में रोहिंग्या व बांग्लादेशियों के नाम जारी हुए 1100 फर्जी जन्म प्रमाणपत्र
* मामले की जांच हेतु सीआईडी की टीम पहुंची अंजनगांव
* अंजनगांव की तहसीलदार ने किसी भी गडबडी की बात से किया इंकार
अमरावती/दि.9 – हमेशा ही कोई ना कोई सनसनीखेज जानकारी सामने रखते हुए हंगामा मचा देने वाले भाजपा नेता किरीट सोमैया के एक बयान से इस समय अमरावती जिले में हडकंप मचा हुआ है. भाजपा नेता किरीट सोमैया के मुताबिक नाशिक जिले के मालेगांव की तरह ही अमरावती जिले की अंजनगांव सुर्जी तहसील में अवैध रुप से रह रहे रोहिंग्याओं व बांग्लादेशियों के नाम फर्जी तरीके से 1100 जन्म प्रमाणपत्र जारी किये गये है. सोमैया द्वारा लगाये गये इस आरोप के चलते अंजनगांव सुर्जी के तहसील एवं अमरावती के जिला प्रशासन में अच्छी खासी खलबली मच गई है. जिसके बाद जहां एक ओर अंजनगांव सुर्जी की तहसीलदार ने अपने कार्यालय से ऐसी कोई भी गडबडी होने के बात से साफ तौर पर इंकार किया. वहीं दूसरी ओर मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस प्रशासन एवं राज्य के खुफिया विभाग के पथकों ने अंजनगांव सुर्जी पहुंचकर मामले की जांच पडताल करनी शुरु कर दी है.
बता दें कि, विगत दिनों भाजपा नेता किरीट सोमैया ने आरोप लगाया था कि, नाशिक जिले के मालेगांव शहर व तहसील क्षेत्र में बडे पैमाने पर अवैध तरीके से रोहिंग्या व बांग्लादेशी लोग आकर बस गये है. जिन्होंने खुद को महाराष्ट्र व भारत का नागरिक बताते हुए फर्जी तरीके से अपने दस्तावेज तैयार करवा लिये है. वहीं अब भाजपा नेता किरीट सोमैया ने यह आरोप भी लगाया है कि, मालेगांव की तरह ही अमरावती जिले के अंजनगांव सुर्जी परिसर में भी कई बांग्लादेशी व रोहिंग्या अवैध तरीके से जा बसे है. जिन्होंने खुद को उसी क्षेत्र का निवासी बताने हेतु अंजनगांव सुर्जी के तहसील कार्यालय से फर्जी दस्तावेजों के जरिए अपने जन्म प्रमाणपत्र बनवा लिये है. सोमैया द्वारा लगाये गये इस आरोप के चलते जाहीर तौर पर अंजनगांव सुर्जी शहर व तहसील सहित समूचे अमरावती जिले में अच्छा खासा हडकंप व्याप्त है तथा प्रशासन के भी कुछ हद तक हाथ पांव फुले हुए है. ऐसे में प्रशासन व पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले की जांच पडताल करनी शुरु कर दी है.
वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता किरीट सोमैया द्वारा लगाये गये इस आरोप की जानकारी के सामने आते ही अंजनगांव सुर्जी की तहसीलदार पुष्पा सोलंके (भालेराव) ने मीडिया कर्मियों से संवाद साधते हुए कहा कि, उनके कार्यालय से ऐसी कोई गडबडी बिल्कुल भी नहीं हुई है. बल्कि उनके कार्यालय से हाल फिलहाल के दिनों दौरान जितने भी जन्म संबंधित प्रमाणपत्र जारी किये गये है. उन सभी मामलों में आवश्यक दस्तावेजों की पूरी पडताल की गई और सभी दस्तावेजों की पूर्तता के बाद ही जन्म प्रमाणपत्र जारी किये गये. इसके अलावा जिन मामलों में थोडा बहुत भी संदेह था. उन मामलों में सीओ व बीडीओ की रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की गई. जिसके चलते कही से भी किसी भी तरह की गडबडी होने की कोई गुंजाइश ही नहीं बनती. तहसीलदार पुष्पा सोलंके के मुताबिक उनके कार्यालय द्वारा हाल फिलहाल में कुल 569 लोगों को जन्म प्रमाणपत्र जारी किये गये. जिनमें 485 मुस्लिम तथा 84 हिंदू व अन्य नागरिकों का समावेश था. साथ ही इस समय उनके समक्ष करीब 950 आवेदन विचाराधीन पडे है, जिनकी पडताल की जा रही है.
इसके साथ ही इस मामले के सामने आते ही ग्रामीण पुलिस अधीक्षक विशाल आनंद ने बताया कि, आरोपों के लिहाज से यह अपने आप में बेहद संगीन मामला है. जिसकी सघन तरीके से तहकीकात की जाएगी, ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके. इसी बीच यह जानकारी भी सामने आयी है कि, राज्य खुफिया विभाग के एक दल ने अंजनगांव सुर्जी पहुंचकर मामले की जांच पडताल करनी भी शुुर कर दी है. ऐसे मेें अब सभी की निगाहे अंजनगांव सुर्जी तहसील की ओर लगी हुई है.
* मालेगांव मामले की जांच हेतु एसआईटी गठित
इसी बीच यह जानकारी भी सामने आयी है कि, नाशिक के मालेगांव में बांग्लादेशियों व रोहिंग्याओं को जन्म दाखिला दिये जाने से संबंधित मामले की जांच हेतु राज्य के गृह विभाग द्वारा विशेष जांच दल यानि एसआईटी गठीत की गई है. जिसकी अध्यक्षता का जिम्मा नाशिक के विशेष पुलिस महानिरीक्षक दत्तात्रय कराल को सौंपा गया है. हालांकि अब तक कराले को इस संदर्भ में गृह विभाग की ओर से अधिकृत पत्र नहीं मिला है. बता दें कि, भाजपा नेता किरीट सोमैया ने आरोप लगाते हुए कहा था कि, विगत कुछ दिनों से बांग्लादेशी व रोहिंग्याओं ने मालेगांव को अपना आश्रय स्थल बना रखा है तथा मालेगांव मनपा व मालेगांव तहसील कार्यालय से बांग्लादेशियों व रोहिंग्याओं को फर्जी तरीके से करीब 1 हजार जन्म प्रमाणपत्र जारी किये गये है.
* जिलाधीश कटियार ने गठित की जांच समिति
– पुलिस की स्वतंत्र तौर पर चल रही जांच
इसी बीच अंजनगांव सुर्जी में बांग्लादेशियों व रोहिंग्याओं को फर्जी तरीके से जन्म प्रमाणपत्र दिये जाने की शिकायत के सामने आते ही जिलाधीश सौरभ कटियार ने सतर्कता के उपाय के तौर पर दर्यापुर के उपविभागीय अधिकारी की अध्यक्षता के तहत मामले की जांच हेतु एक समिति गठित की है. जिसके उपविभागीय पुलिस अधिकारी, गट विकास अधिकारी व मुख्याधिकारी को भी शामिल किया गया है. इस समिति को पूरे मामले की सघन जांच करते हुए जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही पुलिस द्वारा अपने स्तर पर स्वतंत्र रुप से इस मामले की जांच की जा रही है. इस आशय की जानकारी निवासी उपजिलाधीश अनिल भटकर द्वारा दी गई है.