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पोटे को मनाने पहुंचे भाजपाई

पार्टी को उनके नेतृत्व की गरज

* संपर्क कार्यालय पर घंटाभर मानमनौवल
अमरावती/दि.6– लोकसभा चुनाव में पार्टी की प्रत्याशी की पराजय का दायित्व लेकर शहर जिला अध्यक्ष पद से इस्तीफा देनेवाले प्रवीण पोटे को मनाने के लिए आज दोपहर भाजपा के लीडरान उनके इर्विन चौक के पास स्थित जनसंपर्क कार्यालय पर पहुंचे. पदाधिकारियों ने विधायक पोटे से अपना त्यागपत्र पीछे लेने की विनंती की. उनसे कहा कि, शीघ्र विधानसभा और निकाय चुनाव होनेवाले हैं. आपने बडी मेहनत की है. पार्टी को आपके नेतृत्व की आज अमरावती में बडी आवश्यकता है. तथापि पोटे ने समाचार लिखे जाने तक अपने त्यागपत्र के बारे में निर्णय घोषित नहीं किया था. बल्कि उन्होंने कहा कि, निर्णय प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले को करना है. पोटे बुधवार को अपना चार पंक्ति का त्यागपत्र संगठन प्रमुख बावनकुले को प्रेषित कर चुके हैं.

* यह सभी पहुंचे मनाने
12 वर्षो से एमएलसी और शहर जिला अध्यक्ष प्रवीण पोटे को मनाने के लिए भाजपा के लगभग सभी पदाधिकारी, भूतपूर्व महापौर और नगरसेवक पहुंचे थे. उनमें पूर्व शहर जिला अध्यक्ष किरण पातुरकर, पूर्व महापौर किरण महल्ले, चुनाव प्रमुख जयंत डेहनकर, डॉ. नितिन धांडे, एड. प्रशांत देशपांडे, महिला अध्यक्ष गंगा खारकर, मिलिंद बांबल, सतीश करेसिया, बादल कुलकर्णी, प्रशांत शेगोकार, भाजयुमो अध्यक्ष कौशिक अग्रवाल, विवेक कलोती, प्रणित सोनी, आशीष अतकरे, कुसूम साहू, संध्या टिकले, पद्मजा कौंडण्य, सुनंदा खरड, रेखा भूतडा, सोनाली करेसिया, शिल्पा पाचघरे, शीतल वाघमारे आदि का समावेश रहा.

* पोटे ने की मेहनत, हार के कारण खोजे जाएंगे
पोटे के कार्यालय पर आयोजित बैठक में उनके अध्यक्षपद से त्यागपत्र को पीछे लेने का अनुरोध सभी ने किया. पार्टी पदाधिकारियों ने कहा कि, अमरावती में भाजपा ने पहली बार कमल चिन्ह पर लोकसभा चुनाव लडा. इसके लिए शहर जिला अध्यक्ष के रुप में प्रवीण पोटे ने बडा परिश्रम किया. सभी सभा-सम्मेलनो के नियोजन-आयोजन से लेकर प्रत्येक बात में वे इनवॉल रहे. उन्हीं के नेतृत्व में सम्मेलन, सभाएं, पदयात्राएं सफल रही. लोगों का प्रतिसाद भी मिला.

* पूरे राज्य में मिली हार
पदाधिकारियों ने कहा कि, अकेले अमरावती में पार्टी की पराजय नहीं हुई है. राज्य के अन्य भागो में भी पार्टी को पराभूत होना पडा है. हार-जीत चुनावी राजनीति का हिस्सा है. आगामी चुनावों के लिए पार्टी भरपूर तैयारी करेगी. पोटे से सभी ने अपना त्यागपत्र तत्काल पीछे लेने का आग्रह किया. अनेक कार्यकर्ताओं ने पोटे के योगदान का उल्लेख किया.

* राज्य नेता लें जिम्मेदारी
भाजपा पदाधिकारियों ने यह भी कहा कि, राज्य में पार्टी की हार हुई है. इसलिए राज्य के नेताओं को इसकी जबाबदारी लेनी चाहिए. उसी प्रकार साफ है कि, पार्टी ने विपक्ष के नेताओं पर टीका-टिप्पणी में ही वक्त जाया कर दिया. जबकि पार्टी का कार्य जन जन तक पहुंचाने में कार्यकर्ता भी विफल रहे. बैठक में कई पदाधिकारियों ने तीव्र भावनाएं रखी. वहीं तुषार भारतीय, चेतन गावंडे जैसे लीडरान इस बैठक में नहीं पहुंचे थे.

* प्रदेशाध्यक्ष करेंगे फैसला
प्रवीण पोटे ने कहा कि, कार्यकर्ताओं की भावनाओं की वे बडी कद्र करते हैं. किंतु फिलहाल तो उन्होंने अध्यक्षपद से इस्तीफा दे दिया है. अब प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले को इस बारे में निर्णय करना है. वे जो आदेश देंगे, उसका वह अर्थात पोटे पालन करेंगे, यह भी भाजपा नेता ने कहा. उल्लेखनीय है कि, प्रवीण पोटे का उच्च सदन का कार्यकाल अगले सप्ताह पूर्ण हो रहा है. पोटे स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद के सदस्य हैं.

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