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भाजपा ने विदर्भ में खेला ओबीसी कार्ड

17 में से 12 अध्यक्ष कुणबी समाज के

* देशमुख, एसटी, पोवार, ब्राह्मण व बंजारा समाज को एक-एक पद
अमरावती/दि.20– गत रोज भारतीय जनता पार्टी द्बारा अमरावती सहित विदर्भ के सभी जिलों के लिए जिलाध्यक्ष व शहराध्यक्ष पद पर नियुक्त किए गए पदाधिकारियों की घोषणा की गई. पार्टी प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले द्बारा की गई इन नियुक्तियों को देखते हुए गत रोज ही यह स्पष्ट हो गया था कि, यह तमाम नियुक्तियां आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए की गई है और इस बार की नियुक्तियों में संगठन संबंधी कामों की बजाय भाजपा ने चुनावी कौशल एवं जरुरतों को ज्यादा तवज्जों दी है. साथ ही इन नियुक्तियों के जरिए वोटों के समीकरण को साधने का प्रयास किया गया है. जिसके तहत विदर्भ क्षेत्र हेतु नियुक्त किए गए 17 जिलाध्यक्षों व शहराध्यक्षों में से 12 लोग कुणबी यानि पाटिल समाज से वास्ता रखते है. साथ ही एक पद देशमुख समाज को दिया गया है. इसके अलावा पोवार व बंजारा समाज को भी 1-1 पद दिया गया है और 1 पद पर एसटी समाज से वास्ता रखने वाले पदाधिकारी की नियुक्ति की गई है. यह सभी समाज ओबीसी व पिछडा संवर्ग से वास्ता रखते है. इसके अलावा 1 पद सर्वसामान्य संवर्ग से वास्ता रखने वाले ब्राह्मण समाज को दिए गया है. ब्राह्मण समाज को दिए गए इस पद पर हिंदी भाषी ब्राह्मण पदाधिकारी की नियुक्ति करते हुए विदर्भ क्षेत्र में रहने वाले हिंदी भाषियों को साधने का प्रयास किया गया है.
उल्लेखनीय है कि, विदर्भ के कुछ शहरी इलाकों में यद्यपि हिंदी भाषियों की बहुतायत है. परंतु ग्रामीण क्षेत्र में मराठी भाषियों की संख्या है और राजनीति का मुख्य केंद्र रहने वाले ग्रामीण क्षेत्र में कुणबी समाज की बहुलता है. ऐसे में ओबीसी संवर्ग में शामिल रहने वाले कुणबी समाज पर सभी राजनीतिक दलों का मुख्य तौर पर फोकस रहता है. ध्यान देने वाली बात यह है कि, 24 वर्ष पहले कांग्रेस से अलग होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस बनाने वाले शरद पवार का कुणबी समाज पर काफी अधिक प्रभाव है. ऐसे में भाजपा के लिए कांग्रेस की बजाय राकांपा से निपटना ज्यादा चुनौतिपूर्ण है. यहीं वजह है कि, विगत दिनों राकांपा में दो फाड करते हुए शरद पवार के भतीजे अजित पवार सहित राकांपा के कई विधायकों को साध लिया गया. साथ ही उन्हें राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार में भी शामिल किया गया. वहीं अब आगामी चुनाव में कुणबी यानि ओबीसी वोटों को साधने के लिए भाजपा ने जिलाध्यक्षों व शहराध्यक्षों की नियुक्ति करते समय भी इस बात को ध्यान में रखते हुए ओबीसी कार्ड खेला है. जिसके तहत विदर्भ में अधिकांश जिलाध्यक्ष व शहराध्यक्ष पदों पर कुणबी समाज से वास्ता रखने वाले नेताओं व पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई है. साथ ही यह नियुक्तियां करते समय इस बात का भी विशेष ध्यान रखा गया है कि, नियुक्त किए जाने वाले पदाधिकारियों के पास संगठन को मजबूत रखने के साथ-साथ चुनाव लडने व जितने का कौशल भी है. ताकि आगामी विधानसभा व लोकसभा चुनाव की वैतरणी को पार किया जा सके.
गत रोज भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले द्बारा जारी की गई सूची के तहत अमरावती, नागपुर, चंद्रपुर, बुलढाणा, अकोला व यवतमाल में 2-2 अध्यक्ष यानि शहराध्यक्ष व जिलाध्यक्ष की नियुक्ति की गई है. इसमें भी बुलढाणा व यवतमाल में पहली बार 2 अध्यक्ष नियुक्त किए गए है. जिसके तहत यवतमाल व पुसद तथा बुलढाणा में बुलढाणा व खामगांव ऐसा विभाजन करते हुए 2 अध्यक्षों की नियुक्ति की गई है. इसके अलावा वर्धा, भंडारा, गोंदिया, गडचिरोली व वाशिम जिलों में 1-1 जिलाध्यक्ष ही नियुक्त किए गए है. इन सभी 17 अध्यक्ष पदों में से 12 अध्यक्ष पदों पर कुणबी समाज के पदाधिकारियों को अवसर मिला है. वहीं शेष 5 सीटों पर देशमुख, एसटी, पोवार व बंजारा तथा ब्राह्मण समाज को प्रतिनिधित्व मिला है.
भाजपा द्बारा शहराध्यक्षों व जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर घोषित की गई सूची को देखने पर पता चलता है कि, अमरावती के शहराध्यक्ष प्रवीण पोटे व जिलाध्यक्ष डॉ. अनिल बोंडे सहित नागपुर के शहराध्यक्ष बंटी कुकडे व जिलाध्यक्ष विठ्ठल कोहले, वर्धा के जिलाध्यक्ष सुनील गफाट, भंडारा के जिलाध्यक्ष प्रकाश बालबुधे, चंद्रपुर के शहराध्यक्ष राहुल पावडे, बुलढाणा के जिलाध्यक्ष गणेश मांटे, अकोला के शहराध्यक्ष जयंत मसने व जिलाध्यक्ष किशाोर मांगटे, वाशिम के जिलाध्यक्ष श्याम बढे तथा यवतमाल के जिलाध्यक्ष तारेंद्र बोर्डे कुणबी यानि पाटिल समाज से वास्ता रखते है. इस समाज का ओबीसी संवर्ग में समावेश होता है और विदर्भ के 17 में से 11 अध्यक्ष पदों पर इसी संवर्ग के पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई है. इसके अलावा अन्य 5 पदों में से गोंदिया के जिलाध्यक्ष पद पर पोवार यानि पटेले समाज से वास्ता रखने वाले एड. यशुलाल उपरेले, गडचिरोली के जिलाध्यक्ष पर पर एसटी संवर्ग से वास्ता रखने वाले प्रशांत वावरे, पुसद जिलाध्यक्ष पद पर बंजारा समाज से वास्ता रखने वाले महादेव सुपारे, खामगांव जिलाध्यक्ष पद पर देशमुख समाज से वास्ता रखने वाले सचिन देशमुख तथा चंद्रपुर जिलाध्यक्ष पद पर ब्राह्मण समाज से वास्ता रखने वाले हरिश शर्मा की नियुक्ति की गई है.
उपरोक्त सभी नामों को देखते हुए यह स्पष्ट हो जाता है कि, भाजपा ने आगामी चुनाव को ध्यान में रखकर अपना पूरा फोकस ओबीसी व कुणबी समाज पर केंद्रीत कर रखा है. राजनीतिक क्षेत्र के जानकारों के मुताबिक यह रणनीति राकांपा की चुनौति से निपटने के लिए बनाई गई हो सकती है. ताकि कुणबी व ओबीसी समाज के वोटों को साधा जा सके.

* भाजपा के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष व शहराध्यक्ष
शहर/जिला अध्यक्ष
अमरावती शहर प्रवीण रामचंद्र पोटे
अमरावती ग्रामीण डॉ. अनिल सुखदेवराव बोंडे
अकोला शहर जयंत रामराव मसने
अकोला ग्रामीण किशोर प्रल्हादराव मांगटे
यवतमाल तारेंद्र गंगाधर बोर्डे
पुसद महादेव रामाजी सुपारे
वाशिम श्याम शेषराव बढे
बुलढाणा गणेश बाबूराव मांटे
खामगांव सचिन पंजाबराव देशमुख
नागपुर शहर बंटी धनराज कुकडे
नागपुर ग्रामीण सुधाकर विठ्ठलराव पोहले
वर्धा सुधीर ज्ञानेश्वर गफाट
भंडारा प्रकाश हरी बालबुधे
गोंदिया एड. यशुलाल हौशलाल उपराले
गडचिरोली प्रशांत पुंडलिकराव वाघरे
चंद्रपुर शहर राहुल गंगाधर पावडे
चंद्रपुर ग्रामीण हरिश जगदीशचंद्र शर्मा

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