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किसानों व छात्रोें के लिए मुखर हुई भाजपा

ग्रामीण शाखा ने जिलाधीश कार्यालय के समक्ष किया धरना प्रदर्शन

अमरावती/दि.१ – जारी वर्ष में लगातार हुई बारिश की वजह से किसानों का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है और अब तक उन्हें नुकसान भरपाई नहीं दी गई है. जिसकी वजह से इस बार किसानों की दीवाली काली होनेवाली है. जिससे राज्य सरकार का कोई लेना-देना नहीं है और सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर बिल्कूल भी गंभीर नहीं है. यहीं स्थिति विद्यार्थियों के मामले में भी है तथा सरकारी अनदेखी की वजह से विद्यार्थियों की पढाई-लिखाई व नौकरी प्रभावित हो रहे है. इस आशय का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी की ग्रामीण जिला शाखा द्वारा जिलाधीश कार्यालय के समक्ष जबर्दस्त धरना प्रदर्शन किया गया. साथ ही जिलाधीश को इस संदर्भ में एक ज्ञापन भी सौंपा गया.
राज्य के पूर्व कृषि मंत्री व भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. अनिल बोंडे तथा भाजपा की ग्रामीण जिलाध्यक्ष निवेदिता दिघडे चौधरी की अगुआई में सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया कि, संतरा उत्पादक वरूड व मोर्शी परिसर में संतरे सहित कपास व तुअर की फसल का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ. किंतु क्षेत्र के नुकसान प्रभावित किसानों को नुकसान बीमा, सरकारी सहायता का लाभ नहीं दिया गया. उसी तरह बकाया विद्युत बिलों की वजह से किसानों के कृषि पंप कनेक्शन काटे जा रहे है और विगत दो वर्षों से पैसे भरने के बावजूद नये कृषि कनेक्शन नहीं दिये जा रहे. विगत गरमी के समय ग्रामीण इलाकों में खोदे गये पगडंडी रास्तों का काम अब तक पूरा नहीं हुआ. साथ ही वर्ष २०१९ की सहायता राशि की रकम भी अब तक किसानों के खाते में जमा नहीं हुई. इसके अलावा कई सरकारी योजनाओं के लाभ भी अब तक लाभार्थियों को प्राप्त नहीं हुए है. इसके अलावा महाराष्ट्र राज्य में हजारों पद रिक्त रहने के बावजूद एमपीएससी सहित विभिन्न महकमों की परीक्षाओं को आगे ढकेला जा रहा है. जिसकी वजह से पढाई पूरी कर चुके युवक-युवतियों को नौकरी के अवसर भी नहीं मिल रहे. अत. इन तमाम बातों को लेकर सरकार द्वारा ध्यान दिया जाना चाहिए.
इस अवसर पर भाजपा के जिला महासचिव प्रशांत शेगोकार, प्रवीण तायडे व राजेश पाठक, पूर्व विधायक रमेश बुंदिले, अंजनगांव सूर्जी के नगराध्यक्ष कमलकांत लाडोले सहित सर्वश्री सुभाष श्रीखंडे, रविराज देशमुख, मोरेश्वर वानखडे, ललीत समदूरकर, जयेश पटेल, अर्चना पखान, मनीष मेन, समीर हावरे, अनिल कुंडलवार, रवि मेटकर, मनोहर भावे, सत्यजीतसिंह राठोड, राजेश नेवारे, विशाल काकड, ज्ञानेश्वर दालू महाराज, रूपाली नकोडे, मीना बुंदेले, मिलींद देशमुख, अजिंक्य वानखडे, विनय साठे, मुरली माकोडे, शेखर भातकुले आदि उपस्थित थे.

 

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